ऑनलाइन पेमेंट्स ने क्रेडिट कार्ड ट्रांजेक्शन को पीछे छोड़ा, जानें कितने प्रतिशत भारतीय कर रहे इस्तेमाल
सर्वे में शामिल होने वाले 45 फीसदी भारतीयों ने फ्रॉड और पहचान चुराए जाने को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है. वहीं, 80 फीसदी ग्राहक चाहते हैं कि धोखाधड़ी करने वालों से सुरक्षा के लिए कारोबारी और अधिक कदम उठाएं.
देश में मोबाइल वॉलेट्स जैसे डिजिटल पेमेंट्स का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है. यही कारण है कि अब डिजिटल पेमेंट्स ने क्रेडिट कार्ड्स से होने वाले भुगतान को भी पीछे छोड़ दिया है.
Experian Global Insights Report के अनुसार, अब 91 फीसदी भारतीय फाइनेंसियल ट्रांजैक्शन के लिए ऑनलाइन पेमेंट का इस्तेमाल कर रहे हैं.
रिपोर्ट ने जहां देश में तेजी से बढ़ते ऑनलाइन ट्रांजैक्शन की ओर संकेत किया है तो वहीं डिजिटल सुरक्षा के लिए सख्त उपाय अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया है. सर्वे में शामिल होने वाले 45 फीसदी भारतीयों ने फ्रॉड और पहचान चुराए जाने को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है. वहीं, 80 फीसदी ग्राहक चाहते हैं कि धोखाधड़ी करने वालों से सुरक्षा के लिए कारोबारी और अधिक कदम उठाएं.
एक्सपेरियन ने भारत, ब्रिटेन, अमेरिका और अन्य APAC बाजारों सहित 20 देशों में 6,000 उपभोक्ताओं और 2,000 व्यवसायों का सर्वेक्षण किया. यह सर्वे कंज्यूमर एंड बिजनेस इकॉनमिक आउटलुक्स, फाइनेंसियल वेलबिइंग, ऑनलाइन बिहैवियर और अन्य से संबंधित जानकारी पर आधारित थे. यह रिपोर्ट पिछले सात वर्षों में उपभोक्ताओं की डिजिटल प्राथमिकताओं और व्यावसायिक रणनीति में महत्वपूर्ण बदलावों की खोज करने वाली सीरिज में हालिया अध्ययन है.
अध्ययन में आगे पाया गया कि देश में बाई नाउ पे लैटर या BNPL सेवाओं की ओर आकर्षण भी तेजी से बढ़ रही है. पिछले 6 महीने में दुनियाभर में BNPL सेवाओं का इस्तेमाल 18 फीसदी की दर से बढ़ा है जबकि भारत में यह 21 फीसदी की दर से बढ़ा है.
भारत में एआई-पावर्ड चैटबॉट और वर्चुअल असिस्टेंट के उपयोग में वृद्धि देखी जा रही है. 34 फीसदी उपभोक्ता इंसानों से ज्यादा AI पर भरोसा करते हैं.
डिजिटल लेनदेन के लिए, 68 फीसदी उपभोक्ता अपने व्यक्तिगत डेटा जैसे कॉन्टैक्ट डिटेल्स, पता, फोन नंबर आदि साझा करने के इच्छुक हैं.
58 फीसदी उपभोक्ताओं ने बैंक खाता विवरण, क्रेडिट कार्ड विवरण जैसे फाइनेंसियल डेटा की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता के रूप में हाइलाइट किया.
60 फीसदी भारतीय उपभोक्ता नकली/फिशिंग ईमेल, संदेश, या फोन स्कैम्स के बारे में चिंतित हैं. वहीं, 30 फीसदी उपभोक्ताओं ने कहा कि वे ऑनलाइन पहचान की चोरी के शिकार हुए हैं.
29 फीसदी भारतीय उपभोक्ता अपने क्रेडिट कार्ड/भुगतान विवरण चोरी होने का शिकार हुए हैं. ऑनलाइन लेनदेन में 92 फीसदी के लिए सुरक्षा और 92 फीसदी के लिए ही गोपनीयता महत्वपूर्ण फैक्टर्स है.