Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

सरकार के किन विभागों के पास आती हैं सबसे ज्यादा शिकायतें

रिपोर्ट के अनुसार, एक जनवरी से 25 जून के बीच वित्तीय सेवा विभाग (बैंकिंग प्रभाग) को 86,478, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय को 62,214, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (आयकर) को 26,425, रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड) को 26,235 और डाक विभाग को 25,397 जन शिकायतें हासिल हुईं.

सरकार के किन विभागों के पास आती हैं सबसे ज्यादा शिकायतें

Tuesday July 12, 2022 , 5 min Read

केंद्र सरकार को साल 2022 की पहली छमाही में विभिन्न सरकारी विभागों के खिलाफ 5.59 लाख से अधिक जन शिकायतें मिली हैं, जिनमें से सर्वाधिक शिकायतें वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) को प्राप्त हुई हैं. एक आधिकारिक रिपोर्ट से यह बात सामने आई है.

रिपोर्ट के मुताबिक, एक जनवरी से 25 जून के बीच ऑनलाइन मंच, केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) पर मिलीं कुल 5,59,094 शिकायतों में से 5,32,662 का निपटारा किया जा चुका है.

प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) की ओर से जारी रिपोर्ट में बताया गया है, “वित्तीय सेवा विभाग (बैंकिंग प्रभाग), श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड और रेल मंत्रालय उन विभागों में शामिल हैं, जिन्हें सबसे ज्यादा जन शिकायतें प्राप्त हुईं. इसके अलावा सहकारिता मंत्रालय को भी बड़ी संख्या में जन शिकायतें मिलीं.”

रिपोर्ट के अनुसार, एक जनवरी से 25 जून के बीच वित्तीय सेवा विभाग (बैंकिंग प्रभाग) को 86,478, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय को 62,214, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (आयकर) को 26,425, रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड) को 26,235 और डाक विभाग को 25,397 जन शिकायतें हासिल हुईं.

इसमें बताया गया है कि दूरसंचार विभाग के पास 24,480, गृह मंत्रालय के पास 20,751, सहकारिता मंत्रालय के पास 17,232, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के पास 16,652 और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के पास 16,354 जन शिकायतें आईं.

रिपोर्ट के मुताबिक, “वित्तीय सेवा विभाग (बैंकिंग प्रभाग) भ्रष्टाचार श्रेणी के तहत 1,605 लंबित शिकायतों के साथ सूची में सबसे ऊपर है. वहीं, ग्रामीण विकास विभाग, उपभोक्ता मामलों से जुड़ा विभाग और भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) का कार्यालय भी सूची में शामिल है.”

इसमें बताया गया है, “2022 की पहली छमाही में वित्तीय सेवा विभाग को भ्रष्टाचार श्रेणी में 11,538 शिकायतें मिलीं, जबकि उसके पास पिछले वर्षों की 810 शिकायतें लंबित भी थीं. विभाग के पास भ्रष्टाचार श्रेणी की कुल शिकायतों में से 1,605 अब भी लंबित हैं.”

कार्मिक मंत्रालय के तहत डीएआरपीजी द्वारा पेश की गई जून 2022 की सीपीजीआरएएमएस मासिक रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय सेवा विभाग ‘उत्पीड़न/अत्याचार श्रेणी’ में भी सबसे ऊपर हैं, जिसके तहत उसके पास 292 लंबित शिकायतें मौजूद हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, डीओपीटी, जो भ्रष्टाचार विरोधी मामलों के लिए केंद्र का नोडल विभाग है, उसे ‘भ्रष्टाचार/कदाचार श्रेणी के आरोपों’ के तहत 1,943 शिकायतें (315 को छोड़कर, जिन्हें आगे बढ़ाया गया है) प्राप्त हुई थीं, जिनमें से 410 लंबित हैं.

इसमें बताया गया है कि सहकारिता मंत्रालय को 25 जून तक कुल 407 शिकायतें मिली थीं, जिनमें से 355 का निपटारा होना बाकी है.

रिपोर्ट के मुताबिक, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और कैग के कार्यालय को क्रमश: 365 और 1,271 जन शिकायतें (आगे पहुंचाई गई शिकायतों समेत) हासिल हुई थीं, जिनमें से क्रमश: 259 और 248 लंबित हैं.

इसमें बताया गया है कि उत्पीड़न/अत्याचार श्रेणी के तहत वित्तीय सेवा विभाग के पास 2,375 शिकायतें आई थीं, (जिनमें से 152 को आगे ले जाया गया) और 292 लंबित हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि गृह मंत्रालय को इस श्रेणी के तहत कुल 635 शिकायतें मिली थीं, जिनमें से 175 लंबित हैं. इसमें बताया गया है कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को ऐसी कुल 125 शिकायतें (101 लंबित), कोयला मंत्रालय को 373 शिकायतें (64 लंबित), उच्च शिक्षा विभाग को 135 शिकायतें (46 लंबित), उपभोक्ता मामलों के विभाग को 163 शिकायतें (46 लंबित) और ग्रामीण विकास विभाग को 101 शिकायतें (40 लंबित) हासिल हुई थीं.

रिपोर्ट के अनुसार, उत्पीड़न/अत्याचार श्रेणी के तहत जनजातीय मामलों के मंत्रालय को कुल प्राप्त 395 शिकायतों में से 36 शिकायतें लंबित हैं, वहीं सहकारिता मंत्रालय को कुल प्राप्त 33 शिकायतों में से 31 लंबित हैं जबकि श्रम एवं रोजगार मंत्रालय को कुल प्राप्त 232 शिकायतों में से 21 लंबित हैं.

इत्तेफाकन सर्वाधिक जन शिकायतें प्राप्त करने वाले शीर्ष दस मंत्रालय शिकायतों का निपटारा करने के मामले में भी सबसे आगे हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 की पहली छमाही में वित्तीय सेवा विभाग (बैंकिंग प्रभाग) ने 86,381, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने 63,351, रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड) ने 25,748, डाक विभाग ने 25,461, दूरसंचार विभाग ने 24,960, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (आयकर) ने 23,122 और गृह मंत्रालय ने 20,794 शिकायतों का निपटारा किया.

इसमें बताया गया है कि डीओपीटी द्वारा उपरोक्त अवधि में 20,219, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा 16,154 और कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा 14,517 शिकायतों पर कार्रवाई की गई.

रिपोर्ट में 45 दिनों से अधिक समय से लंबित शिकायतों वाले शीर्ष दस मंत्रालयों का भी जिक्र किया गया है, जो ऐसी शिकायतों का निपटारा करने की समयसीमा है.

इसमें बताया गया है कि सहकारिता मंत्रालय में 16,053, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में 9,768, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (आयकर) में 5,978, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में 2,034 और राजस्व विभाग में 1,930 जन शिकायतें 45 दिनों से अधिक समय से लंबित हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, डीओपीटी में 45 दिनों से अधिक समय से लंबित जन शिकायतों की संख्या 1,653, रक्षा विभाग में 1,453, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड में 844, उच्च शिक्षा विभाग में 548 और सैन्य मामलों के विभाग में 531 थी.

कार्मिक मंत्रालय द्वारा अप्रैल में संसद में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2021 में सीपीजीआरएएमएस पर कुल 30,23,894 जन शिकायतें (पिछले वर्ष की लंबित शिकायतों समेत) प्राप्त हुईं, जिनमें से 21,35,923 का निपटारा किया गया, जबकि 2020 में 33,42,873 शिकायतें (23,19,569 का निपटारा किया गया) और 2019 में 27,11,455 शिकायतें (16,39,852 का निपटारा किया गया) हासिल हुई थीं.