पूरे स्कूल में पढ़ रही है सिर्फ एक छात्रा, पढ़ाने के लिए आते हैं दो शिक्षक
पहले पहुँचकर शिक्षक रोज़ छात्रा का स्वागत भी करते हैं।
गया के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बने इस स्कूल में सिर्फ एक छात्रा ही पढ़ने आती है। स्कूल में पढ़ाने वाले दो शिक्षक समय से पहले स्कूल पहुँच जाते हैं, जिसके बाद वे हर सुबह छात्रा का स्वागत करते हैं।
बिहार की राजधानी से 130 किलोमीटर दूर गया में एक सरकारी स्कूल ऐसा भी है, जहां शिक्षक सिर्फ एक छात्रा को पढ़ा रहे हैं। स्कूल में पढ़ने वाली जाह्नवी कुमारी इस स्कूल में पढ़ने वाली एकलौती विद्यार्थी हैं।
स्कूल में पढ़ने वाली सात साल की जाह्नवी कुमारी कक्षा एक की छात्रा हैं। जाह्नवी को पढ़ाने के लिए दो शिक्षक नियमित रूप से स्कूल आते हैं।
द लॉजिकल इंडियन से बात करते हुए स्कूल की शिक्षिका प्रियंका कुमारी कहती हैं,
“हमारी पहली और सबसे बड़ी प्राथमिकता है कि हम लड़की को शिक्षित करें। वह एकलौती छात्रा है जो स्कूल आती है, यह हमारे लिए किसी उपलब्धि से कम नहीं है।”
स्कूल के प्रधानाचार्य कहते हैं,
“वह हमारे लिये बेहद खास है, क्योंकि वह पढ़ाई के लिए प्राथमिकता दिखाते हुए रोज़ स्कूल आ रही है। पढ़ाई के लिए उसकी चिंता ने हमारा मनोबल बढ़ाया है।”
दिलचस्प है कि स्कूल के शिक्षक जाह्नवीसे पहले स्कूल पहुँच जाते हैं और जाह्नवी के आने पर उसका स्वागत करते हैं। जाह्नवी उनके लिए बेहद खास है, क्योंकि जिस दिन जाह्नवी स्कूल नहीं आएगी, उस दिन स्कूल में कोई क्लास नहीं लगेगी।
गौरतलब है कि 1972 से चल रहे इस स्कूल में हर बुनियादी सुविधा मौजूद है। स्कूल में बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर है, चार कक्षाएं हैं, प्रधानाचार्य का कमरा है और शौचालय व किचन भी है। बावजूद इन सुविधाओं के इस साल स्कूल में सिर्फ 9 बच्चों ने दाखिला लिया था। दाखिले के बाद जाह्नवी के अलावा किसी बच्चे ने स्कूल आने की कोशिश नहीं की।
स्कूल में हर सुविधा का बेहद नजदीकी से ख्याल रखा जाता है। गौरतलब है कि यदि किसी कारण से स्कूल में लंच नहीं बन पाता है, तो स्कूल प्रबंधन होटल से लंच का इंतजाम करता है।