ChatGPT के बाद आया ChatGPT4, टेक्स्ट ही नहीं इमेज और वीडियो में भी देगा जवाब
मंगलवार को Open AI ने पावरफुल ChatGPT4 लॉन्च किया है तो गूगल ने भी डॉक्स, जीमेल, शीट्स, स्लाइड्स के लिए जेनरेटिव एआई फीचर्स की घोषणा की है. आइए जानते हैं दोनों कंपनियों ने अपने प्रॉडक्ट्स में किन नई खासियतों को जगह दी है.
चैट जीपीटी आने के बाद से बड़ी-बड़ी टेक कंपनियां एक दूसरे को तगड़ी टक्कर देने में लगी हुई हैं. आए दिन आर्टफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की इस रेस में नए-नए प्रोडक्ट उतारे जा रहे हैं.
इसी कड़ी में मंगलवार को
ने पावरफुल ChatGPT4 लॉन्च किया है तो गूगल ने भी डॉक्स, जीमेल, शीट्स, स्लाइड्स के लिए जेनरेटिव एआई फीचर्स की घोषणा की है. आइए जानते हैं दोनों कंपनियों ने अपने प्रॉडक्ट्स में किन नई खासियतों को जगह दी है.ChatGPT4 के फीचर
ChatGPT को लाने वाले Open.ai ने ब्लॉग में लिखा है कि जीटीपी4 एक मल्टीमोडल मॉडल पर काम करेगा. यानी यह इनपुट के तौर पर टेक्स्ट के अलावा इमेज और वीडियो भी एक्सेप्ट करेगा. इनपुट में इमेज देकर यूजर्स इससे कैप्शन जेरनेट करा सकते हैं, उसका क्लासिफिकेशन करा सकते हैं, आकलन करा सकते हैं और उसे एडिट भी करा सकते हैं.
इसी तरह ChatGPT4 टेक्स्ट के बदले टेक्स्ट के अलावा इमेज और वीडियो में भी आउटपुट दे सकेगा. आप इससे फोटो जेनरेट करने के लिए शब्दों में इनपुट देंगे तो यह आसानी से आपके लिए तस्वीर जेनरेट कर देगा. इसकी वर्ड कैपेसिटी भी बढ़कर 25,000 शब्दों तक हो गई है. इसे ओपनएआई का अब तक का सबसे एडवान्स्ड सिस्टम बताया जा रहा है, जो सबसे कारगर रेस्पॉन्स जेरनेट करने में सक्षम है.
सबसे बड़ी खासियत ये है कि नया वर्जन पुराने वाले के मुकाबले काफी बड़ा है और ज्यादा पैरामीटर्स भी फॉलो करता है और ज्यादा सटीक रिजल्ट्स देता है. ChatGPT4 इंग्लिश के अलावा अन्य भाषाओं में भी ज्यादा सटीक रेस्पॉन्स देने में सक्षम है.
नए वर्जन की रीजनिंग क्षमता भी काफी जबरदस्त है. इसने कई प्रोफेशनल और एकेडमिक टेस्ट्स में काफी अच्छा परफॉर्म किया है. मिसाल के तौर पर इसने बार एक्जाम में हिस्सा लेने वाले टॉप 10 फीसदी लोगों में जगह बनाई जबकि इसी टेस्ट में GPT-3.5 का स्कोर नीचे से टॉप 10 फीसदी लोगों में था. इसे तैयार करने में 6 महीने का समय लगा है.
खामियां
हालांकि, तमाम खूबियों के बाद भी GPT के अन्य मॉडल्स की तरह नए वर्जन में भी कुछ खामियां हैं. खुद Open.ai ने ब्लॉग में लिखा है कि यह अभी भी पूरी तरह भरोसेमंद नहीं है.
लैंग्वेज मॉडल का इस्तेमाल करते समय इसके रेस्पॉन्स को बेहद सतर्कता से जांचने की जरूरत होगी जैसे कि उसे बाद में इंसान रिव्यू करे, कुछ और जरूरी चीजें इसमें जोड़ी जाएं या फिर अगर बहुत जरूरी काम हो तो बेहतर है कि उसे चैटजीपीटी को दिया ही ना जाए. कुल मिलाकर अभी भी यह इंसानी क्षमता की पूरी तरह बराबरी नहीं कर पाया है.
Google AI फीचर
अब आते हैं गूगल के नए एआई ड्रिवेन वर्कप्लेस अपडेट्स पर. नए फीचर की मदद से यूजर्स गूगल के सभी वर्कप्लेस ऐप्स में एआई का इस्तेमाल कर सकेंगे. मिसाल के तौर पर गूगल डॉक्स में एआई का यूज करके टेक्स्ट जेनरेट, समराइज और ब्रेनस्टॉर्म कर सकेंगे. जीमेल में एआई का यूज करके यूजर के ब्रीफ के मुताबिक पूरा का पूरा मेल जेनरेट कर सकेंगे. पीपीटी के लिए एआई इमेज, ऑडियो और वीडियो भी जेनरेट कर सकता है.
इसके अलावा डिवेलपर्स के लिए PaLM API और मेकरसूट लाया गया है. PaLM API की मदद से डिवेलपर्स गूगल के ढेरों लैंग्वेज मॉडल्स को एक्सेस कर सकेंगे जबकि, MakerSuite एक ऐसा टूल है जो डिवेलपर्स को झटपट और आसानी से प्रोटोटाइपिंग फैसिलिटी देता है. गूगल ये फीचर उन्हीं डिवेलपर्स को ऑफर करेगा जो उसके प्राइवेट प्रीव्यू प्रोसेस में चुन जाएंगे.