खाना ऑर्डर किया, लेकिन रेस्टोरेंट गायब, ऑनलाइन फूड ऑर्डर करने पर ग्राहक हो रहे परेशान
ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म की गलती के चलते ग्राहकों को कई बार परेशानियों का सामना करना पड़ता है, ऐसे ही मामले सामने आ रहे हैं कि इन कंपनियों की ऐप में दिखाये जा रहे रेस्टोरेन्ट असल में बंद हो चुके हैं, इस दशा में ग्राहक ऑर्डर करने के बाद परेशान होते हैं।
जोमैटो और स्विग्गी जैसे ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म आज कर फर्जी दुकानों और रेस्टोरेंट्स ने ग्राहकों की नाक में दम कर रखा है। ऐसे में ग्राहक इन ऑनलाइन फूड प्लेटफॉर्म लिस्टेड इन दुकानों से ऑर्डर कर परेशान हो रहे हैं।
लाइवमिंट में प्रकाशित हुई एक ख़बर के अनुसार इस तरह ग्राहकों को ख़ासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऑर्डर करने के बाद इन रेस्टोरेंट्स की खोज इन कंपनियों के डिलिवरी पार्टनर भी नहीं कर पाते हैं। ऐसी स्थिति में ऑर्डर पहुंचाने में असफल होने के बाद ये कंपनियाँ इस असुविधा के लिए अपने ग्राहकों से माफी मांग रही हैं।
ग्राहक हो रहे परेशान
कुछ जगह ऐसे भी मामले सामने आए हैं, जबकि लिस्टेड रेस्टोरेंट ने कुछ समय पहले ही अपना कारोबार पूरी तरह से बंद कर दिया, लेकिन इन कंपनियों ने उन्हे अपनी ऐप से नहीं हटाया।
ऑनलाइन फूड डिलीवरी के दौर में आज जहां कंपनियन एआई की ओर अपने कदम बढ़ाने का दावा कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर कंपनियों की लापरवाही के चलते ग्राहकों को ख़ासी परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है।
बड़ा हो रहा है यह बाज़ार
बैंगलुरु आधारित रिसर्च फ़र्म रेडशियर के अनुसार साल 2020 तक भारत में ऑनलाइन फूड डिलीवरी मार्केट 4 बिलियन डॉलर होना का अनुमान है, इसी के साथ इस बाज़ार में ढेरों टेराबाइट्स डाटा का भी इस्तेमाल होने का अनुमान है।
वहीं एक अन्य रिसर्च के अनुसार भारत में ऑनलाइन फूड डिलीवरी मार्केट हर साल 16 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ रहा है, इसी के साथ यह मार्केट साल 2023 तक 17 अरब डॉलर होने की संभावना है।
एआई और मशीन लर्निंग पर ध्यान
ये कंपनियाँ अब एआई और मशीन लर्निंग में जमकर निवेश कर रही हैं। आने वाले समय में तकनीक के इस्तेमाल से सेवाओं को बेहतर करने के इरादे से ये कंपनियाँ आगे बढ़ रही हैं।
कंपनियों के अनुसार जब कोई रेस्टोरेंट बंद होता है तो इन्हे पहले जानकारी देता है, जिसके साथ ही ये कंपनियाँ उसकी सेवाओं को बन्द करने के साथ ही अपने ग्राहकों को भी सूचित कर देती हैं, लेकिन जब कोई रेस्टोरेंट उन तक जानकारी नहीं पहुंचता, तब इसमें समस्या आती है।