कैसे हार्डवेयर इंजिनियर्स का जीवन बदल देगा स्टार्टअप Simyog
फाउंडर बताते हैं कि ईएमआई और ईएमसी तकनीक का इस्तेमाल करके इलेक्ट्रॉनिक/इलेक्ट्रिकल हार्डवेयर के डिफेक्ट्स को इनिशियल स्टेज में ही ठीक कर समय और पैसे दोनों की ही बचत होती है. इसके चलते प्रोडक्ट को सही समय पर डिलीवर करने में मदद मिलती है.
फ़र्ज़ करिए आप किसी मशीन को डिजाईन कर रहे हैं. पूरा काम ख़त्म करने के बाद जब उसकी फाइनल टेस्टिंग करते हैं तब पता चलता है कि आपके मशीन का कोई पार्ट सही से काम नहीं कर रहे. आपको पूरी मशीन खुलकर फिरसे उस पार्ट को ठीक करना पड़ेगा. इस पूरे प्रोसेस में आपका टाइम और पैसे दोनों कि बर्बाद होगा. मगर आपको अगर शुरूआत में ही इस बात का पता चल जाए कि किस पार्ट में दिक्कत है तो आप उसे उसी टाइम सही कर पाएंगे. इससे आपका समय और पैसे दोनों ही बचेंगे.
आज आपको मिलवाएंगे एक ऐसे स्टार्टअप से जो आपको समय रहते ही टेस्टिंग कर बता देगा कि मशीन के किस पार्ट में प्रॉब्लम है.
यहां हम आपको बता रहे हैं स्टार्टअप
के बारे में.सिमयोग ऑटोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए डिज़ाइन और साइन-ऑफ टूल प्रोवाइड करने का काम करता है. कंपनी अपने कस्टमर्स को डीप-लर्निंग-बेस्ड सॉफ़्टवेयर सलूशन देती है, जिससे हार्डवेयर डेवलपर्स डिजाइनिंग फेज में ही इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेन्ट के रेजिस्टेंस (Resistance) को टेस्ट कर सके. इस टेक्नोलॉजी को डिस्कवर करने के पीछे कंपनी की 10 सालों की लम्बी रिसर्च शामिल है. सिमयोग को Nasscom Emerge-50 2021के साथ-साथ कई अन्य पुरस्कारों के सम्मानित किया गया है. स्टार्टअप ने Eigen augmentation methods for electromagnetic modelling and simulation और learning-based surrogate model of conducted noise from integrated circuits (ICs) under different operating conditions के पेटेंट के लिए अप्लाई किया है.
सिमयोग radiated emissions, conducted emissions, radiated susceptibility and conducted susceptibility compliance को प्रेदिक्ट करने के लिए वर्चुअल Electromagnetic Interference (EMI) और Electromagnetic Compatibility (EMC) लैब का इस्तेमाल करता है. कंपनी के टूल हार्डवेयर डिजाईन को अपलोड करके अर्ली स्टेज पर प्रोडक्ट को इम्प्रूव करने में मदद करते हैं. स्टार्टअप अपने कस्टमर्स को कम लागत वाले डायग्नोसिस और सजेशंस भी देता है.
फाउंडर्स बताते हैं कि ईएमआई और ईएमसी तकनीक का इस्तेमाल करके इलेक्ट्रॉनिक/इलेक्ट्रिकल हार्डवेयर के डिफेक्ट्स को इनिशियल स्टेज में ही ठीक कर समय और पैसे दोनों की ही बचत होती है. इसके चलते प्रोडक्ट को सही समय पर डिलीवर करने में मदद मिलती है.
सिमयोग की शुरुआत दीपांजन गोप,अनंत देवी और हरिकिरन मुनिगंती ने की है. सिमयोग की शुरुआत से पहले आईआईएससी, बैंगलोर के एसोसिएट प्रोफेसर रह चुके दीपांजन ने यूएस बेस्ड फर्म निंबिक की शुरूआत की थी, जिसे 2014 में मेंटर ग्राफिक्स ने अधिग्रहित कर लिया था. इससे पहले दीपांजन इंटेल और आईबीएम की रिसर्च टीम के साथ भी काम कर चुके हैं. कंपनी के को-फाउंडर अनंत ने आईआईएससी से इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में मास्टर्स किया है. सिमयोग शुरू करने से पहले अनंत एनवीडिया और टेक्सास इंस्ट्रूमेंट्स के साथ काम कर चुके हैं. कंपनी के दुसरे को-फाउंडर हरिकिरन ने IISC से Computational Electromagnetics, Inverse Problems in Electromagnetics, Optimisation, EMI/EMC में पीएचडी की है.
यह स्टार्टअप YourStory की साल 2022 की Tech30 लिस्ट का हिस्सा है.
YourStory हर साल अपने सिग्नेचर इवेंट TechSparks में आपके लिए कई हज़ारों में से चुनकर लाता है Tech30 लिस्ट में ऐसे 30 स्टार्टअप जो देश को बदल देने के साथ साथ अरबों की कंपनियां बनने की ताकत रखते हैं.
Tech30 ने बीते 11 साल में 330 से ज्यादा स्टार्टअप्स को प्रोफाइल कर उनके बारे में दुनिया को बताया है, 35,000 से ज्यादा नौकरियां देने में मदद की है, 300 करोड़ डॉलर से भी ज्यादा की फंडिंग इसकी मदद से आई है और 675 से भी ज्यादा युवा फाउंडर्स को हमने कुछ कर दिखाने की ताकत दी है. Tech30 लिस्ट का हिस्सा रहे 5 ऐसे स्टार्टअप हैं जो यूनिकॉर्न बन चुके हैं. यानी उनका वैल्यूएशन 100 करोड़ डॉलर से ज्यादा है और ये सिलसिला अभी रुका नहीं है.
Edited by Prateeksha Pandey