क्या ओटीटी प्लैटफॉर्म के चलते भारत में सिनेमा हॉल्स पर लग जाएगा ताला?
भारत में ओटीटी प्लैटफॉर्म की दस्तक के साथ ही भारत की वीडियो स्ट्रीमिंग इंडस्ट्री अब तेज रफ्तार के साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार है।
"ओवर-द-टॉप" (ओटीटी) मीडिया सेवाएं मूल रूप से ऑनलाइन सामग्री प्रदाता हैं जो स्ट्रीमिंग मीडिया को केवल उत्पाद के रूप में वितरित करती हैं। इसे वीडियो-ऑन-डिमांड प्लेटफॉर्म के रूप में भी समझा जा सकता है। भारत समेत दुनिया भर में ओटीटी (ओवर द टॉप) प्लैटफॉर्म दर्शकों के बीच अपनी खास जगह बना रहे हैं, लेकिन यही प्लैटफॉर्म मीडिया के पारंपरिक माध्यमों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। भारत में ओटीटी प्लैटफॉर्म के पास बड़ा यूजर बेस है और इन प्लैटफॉर्म पर किसी भी समय अपना मन-पसंद कंटेन्ट देख पाना ही दर्शकों को और करीब लेकर आ रहा है, लेकिन क्या ओटीटी प्लैटफॉर्म के चलते मीडिया वितरण के पारंपरिक साधन जैसे सिंगल स्क्रीन और मल्टीप्लेक्स का भविष्य खतरे में हैं?
गौरतलब है कि पश्चिमी देशों में ओटीटी प्लैटफॉर्म को खास जगह मिल रही है। दर्शकों का बड़ा वर्ग इन प्लैटफॉर्म को प्राथमिकता दे रहा है। भारत में भी यह संख्या कम नहीं है, हालांकि अभी भारत में ओटीटी प्लैटफॉर्म पर दर्शकों की संख्या में उतनी अधिक वृद्धि दिखाई नहीं दी है, लेकिन यह संख्या लगातार बढ़ रही है।
घरेलू बाज़ार में हो रहा विस्तार
भारत में नेटफ्लिक्स और वाल्ट डिज्नी (हॉटस्टार) अपने कंटेन्ट विस्तार के लिए कई मिलियन डॉलर का निवेश कर रहे हैं। इन सभी ओटीटी दिग्गज भारत जैसे बड़े बाज़ार में अपनी जगह सुनिश्चित करना चाहते हैं। इनके अलावा ज़ी5, ऑल्ट बालाजी, टीवीएफ़ जैसे घरेलू प्लैटफॉर्म भी घरेलू दर्शकों को रिझाने के लिए रणनीति के साथ आगे बढ़ रहे हैं। इस सभी प्लैटफॉर्म क्षेत्रीय भाषाओं में कटेंट का निर्माण कर रहे हैं और घरेलू प्लैटफॉर्म पर सब्स्क्रिप्शन भी औसतन सस्ता है।
भारत की वीडियो स्ट्रीमिंग इंडस्ट्री अब तेज रफ्तार के साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार है। बीते साल प्रकाशित हुई प्रकाशित हुई एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में वीडियो स्ट्रीमिंग इंडस्ट्री 21.82 प्रतिशत की रफ्तार के साथ साल 2023 तक 11 हज़ार 977 करोड़ रुपये की इंडस्ट्री बन जाएगी। आज उपभोक्ता स्मार्ट उपकरणों की एक विस्तृत श्रृंखला के माध्यम से अपने स्वयं के मीडिया की खपत को नियंत्रित कर सकते हैं और ओटीटी सेवाओं का उपयोग करके चैनलों को लेकर अपने व्यक्तिगत चयन को क्यूरेट कर सकता है।
और तेज़ होगी रफ्तार
भारत में 4जी के बाद सस्ते इंटरनेट ने वीडियो स्ट्रीमिंग की खपत को कई गुना बढ़ा दिया है और यही कारण है कि भारत का बाज़ार ओटीटी प्लैटफॉर्म के लिए बड़ी तेजी से तैयार हो रहा है। नजदीक भविष्य में भारत 5जी की ओर से भी बढ़ रहा है, जिसके बाद ऑनलाइन वीडियो स्ट्रीमिंग की दर में और तेजी से बढ़ोत्तरी होने की संभावना है।
हो रहा है बड़ा निवेश
ओवर-द-टॉप (ओटीटी) प्लेटफार्मों के लिए भारत में बढ़ते दर्शकों के साथ, ओटीटी प्लैटफॉर्म के लिए कंटेन्ट निर्माण और वितरण के लिए इस क्षेत्र में लगभग 250 करोड़ रुपये का निवेश करने की संभावना है। इस समय 30 से अधिक ओटीटी प्लेयर और 10 म्यूजिक स्ट्रीमिंग ऐप के साथ विभिन्न मनोरंजन और मीडिया मांगों को पूरा कर रहे हैं।
सिनेमा हॉल होंगे खाली?
अभी यह कहना मुश्किल है कि नजदीक भविष्य में ओटीटी प्लैटफॉर्म सिनेमा हॉल के लिए ख़तरा बनकर उभरेंगे, हालांकि किसी निर्माता के लिए अपनी फिल्म या कंटेन्ट को ओटीटी प्लैटफॉर्म को बेंचना कम रिस्क भरा है, जबकि थिएटर में फिल्म लगने के साथ उसे उस रिस्क के लिए भी तैयार रहना पड़ता है, हालांकि बड़े अभिनेता या बैनर की फिल्म थिएटर पर आमतौर पर अच्छा प्रदर्शन करती हैं। इसी के साथ अभी भारत में ओटीटी प्लैटफॉर्म में रुझान दिखाने वाले यूजर्स की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है, ऐसे में नजदीक भविष्य में ओटीटी प्लैटफॉर्म से सिनेमा हॉल को कोई नुकसान होता नहीं दिख रहा है। इसी के साथ पश्चिमी देशों में जहां इन प्लैटफॉर्म दर्शकों की संख्या काफी अधिक है, वहाँ भी सिनेमा परोसने के पारंपरिक तरीकों में कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा है।