1 लाख से अधिक MSMEs कर्मचारी दो दिन की हड़ताल पर गए
अधिकतर MSMEs कॉर्पोरेट कस्टमर्स के लिए ऑटोमोबाइल उत्पादों का निर्माण कर रहे हैं और कुछ इंजीनियरिंग उत्पाद निर्माता मूल उपकरण निर्माताओं (OEM) से लागत के नए मानदंडों को स्वीकार करने की मांग कर रहे हैं.
तमिलनाडु में 3,000 से अधिक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) ने बुधवार को अपने उत्पादों के उचित मूल्य और जॉब ऑर्डर्स की मांग करते हुए दो दिवसीय हड़ताल शुरू कर दी है.
इनमें से अधिकतर MSMEs कॉर्पोरेट कस्टमर्स के लिए ऑटोमोबाइल उत्पादों का निर्माण कर रहे हैं और कुछ इंजीनियरिंग उत्पाद निर्माता मूल उपकरण निर्माताओं (OEM) से लागत के नए मानदंडों को स्वीकार करने की मांग कर रहे हैं.
होसुर स्मॉल एंड टिनी इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (HOSTIA) के अध्यक्ष के वेलमुरुगन ने कहा कि उन्हें इस हड़ताल में 500 करोड़ रुपये के नुकसान की उम्मीद है.
इस अप्रैल से जिला प्रशासन के साथ कई दौर की बातचीत के साथ HOSTIA प्रतिनिधियों द्वारा टियर -1 आपूर्तिकर्ता के साथ बैठक हुई. हालांकि, MSMEs को होसुर में OEM से शीट मेटल प्रेसिंग, वेल्डिंग, सीएनसी और पारंपरिक मशीनिंग, रबर और प्लास्टिक के घटक के लिए 'नए लागत मानदंड' को स्वीकार करने के लिए प्रतिक्रिया नहीं मिली.
वेलमुरुगन ने कहा कि पिछले 15 वर्षों से सामग्री की लागत और श्रम लागत में वृद्धि हुई है, इसलिए, हम अपने कॉर्पोरेट ग्राहकों द्वारा मांग की जा रही निर्माण लागत को पूरा करने में असमर्थ हैं.
उन्होंने इसके लिए जीएसटी का जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि महामारी के दौरान, होसुर में कम से कम 250 इकाइयां बंद कर दी गईं। ग्राहक हमारे अनुरोधों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं, इसलिए हम दो दिन की हड़ताल पर जा रहे हैं.
जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक प्रसन्ना बालमुरुगन ने कहा कि जिला प्रशासन ने टियर -1 कंपनियों को इस मुद्दे से अवगत कराया है, जो बदले में कॉर्पोरेट कंपनियों को सूचित करेंगे और वे कॉर्पोरेट कंपनियों के जवाब का इंतजार कर रहे हैं.