थोक महंगाई से मिली राहत, जून में WPI घटकर 15.18 फीसदी हुई
पिछले महीने देश की थोक महंगाई दर 15.88 फीसदी थी और पिछले साल जून में यह 12.07 थी. पिछले कई महीनों की तरह जून में भी WPI के 10 अंकों के पार होने का मतलब है कि पिछले 14 महीने की तरह ही 15वें महीने में भी WPI 10 फीसदी से ऊपर बना रहेगा.
थोक मूल्य सूचकांक (WPI) पर आधारित देश की मंहगाई जून महीने में घटकर 15.18 फीसदी हो गई है. केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय ने गुरुवार को आंकड़े जारी कर इसकी जानकारी दी.
बता दें कि, पिछले महीने देश की थोक महंगाई दर 15.88 फीसदी थी और पिछले साल जून में यह 12.07 थी. पिछले कई महीनों की तरह जून में भी WPI के 10 अंकों के पार होने का मतलब है कि पिछले 14 महीने की तरह ही 15वें महीने में भी WPI 10 फीसदी से ऊपर बना रहेगा.
सरकार ने अपने बयान में कहा कि जून, 2022 में मुद्रास्फीति की उच्च दर मुख्य रूप से पिछले साल की तुलना में खनिज तेलों, खाद्य पदार्थों, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, मूल धातुओं, रसायनों और रासायनिक उत्पादों, खाद्य उत्पादों आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है.
आंकड़ों से पता चलता है कि जून में खाद्य पदार्थों में 14.39 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई. इससे पहले के महीने में यह 12.34 फीसदी था. महीने-दर-महीने बढ़ोतरी को सब्जियों की कीमतों में वृद्धि के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है.
आंकड़ों से पता चलता है कि जून में सब्जियों की कीमतों में 56.75 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जो मई में 56.36 फीसदी थी. आलू के दाम 39.38 फीसदी चढ़े जबकि प्याज के दाम 31.54 फीसदी कम हो गए.
फलों की कीमतों में पिछले महीने मई में 9.98 प्रतिशत से 20.33 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जबकि दूध की कीमतें एक महीने पहले 5.81 प्रतिशत से 6.35 प्रतिशत बढ़ीं.
अंडे, मांस और मछली की कीमतें जून में 7.24 प्रतिशत बढ़ीं, जो एक महीने पहले 7.78 प्रतिशत थी, जबकि अनाज की कीमतें पिछले महीने 7.99 प्रतिशत बढ़ीं, जो 8.01 प्रतिशत से मामूली रूप से कम हैं.
बता दें कि, देश में खुदरा महंगाई (Retail Inflation) के मोर्चे पर भी जून में थोड़ी राहत भरी खबर आई थी. जून 2022 में खुदरा महंगाई घटकर 7.01% पर आ गई. मई महीने में यह 7.04% पर थी. जून 2021 में खुदरा महंगाई 6.26% के स्तर पर थी.