कोविड के बाद बंद हुए महिला उद्यमियों के नेतृत्व वाले 3,000 से अधिक MSMEs: सरकारी डेटा
महिलाओं के नेतृत्व वाली कंपनियों को बंद करने वाले राज्यों में महाराष्ट्र (861), तमिलनाडु (468), गुजरात (245), उत्तर प्रदेश (207), राजस्थान (180) आदि थे. राज्यसभा में MSME राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने उद्यम पोर्टल का डेटा साझा करते हुए इसकी जानकारी दी.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 1 जुलाई, 2020 से लेकर 2 फरवरी, 2023 के बीच देश में कोविड के बाद महिला उद्यमियों के नेतृत्व वाले कम से कम 3,057 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSMEs) बंद हो गए हैं. इस अवधि के दौरान, कुल 1.38 करोड़ पंजीकरणों में से उद्यम पोर्टल (Udyam portal) पर पंजीकृत 25.71 लाख MSMEs का नेतृत्व महिला उद्यमियों ने किया. (women entrepreneurs led MEMEs shut after covid)
महिलाओं के नेतृत्व वाली कंपनियों को बंद करने वाले राज्यों में महाराष्ट्र (861), तमिलनाडु (468), गुजरात (245), उत्तर प्रदेश (207), राजस्थान (180) आदि थे. राज्यसभा में MSME राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने उद्यम पोर्टल का डेटा साझा करते हुए इसकी जानकारी दी.
कुल पंजीकृत एमएसएमई में महिलाओं के नेतृत्व वाले एमएसएमई की हिस्सेदारी लगभग 18 प्रतिशत है, जबकि एमएसएमई मंत्रालय की 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 6.33 करोड़ एमएसएमई में से (वित्त वर्ष 2016 में आयोजित राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (NSS) के 73वें दौर पर आधारित), 20.37 प्रतिशत का स्वामित्व महिलाओं के पास था.
वर्मा द्वारा पहले संसद में साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, जुलाई 2020 से कुल मिलाकर 17,126 MSME बंद हो गए हैं, जिसमें शेष FY21 में 175, FY22 में 6,222 और चालू वित्त वर्ष में 3 फरवरी तक 10,729 शामिल हैं.
वर्मा ने कहा कि महिलाओं के नेतृत्व वाले एमएसएमई का समर्थन करने के लिए, 1 दिसंबर, 2022 से, 10 प्रतिशत गारंटी शुल्क की रियायत और अन्य मामलों में 75 प्रतिशत के मुकाबले 85 प्रतिशत की बढ़ी हुई गारंटी कवरेज को महिला उद्यमियों को दिए गए लोन के संबंध में पेश किया गया है, माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज के लिए क्रेडिट गारंटी योजना (CGTMSE) के तहत. उन्होंने कहा कि 2000 में इस योजना के लॉन्च के बाद से, महिलाओं के नेतृत्व वाले एमएसएमई के 13.29 लाख खातों द्वारा लिए गए लोन के संबंध में 53,080 करोड़ रुपये की गारंटी दी गई है.
इसके अलावा, लगभग 8.24 लाख सूक्ष्म उद्यमों को 20,300 करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी के साथ सहायता प्रदान की गई, 2008-09 में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के लॉन्च के बाद से अनुमानित 68 लाख लोगों को रोजगार मुहैया किया गया.
सरकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिलाओं के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए स्टैंडअप इंडिया योजना (StandUp India Scheme) भी चलाती है, जिसके लिए प्रति बैंक शाखा कम से कम एक अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उधारकर्ता और एक महिला उधारकर्ता को ग्रीनफील्ड एंटरप्राइज की शुरुआत के लिए 10 लाख रुपये से लेकर 1 करोड़ रुपये के बीच बैंक लोन की सुविधा दी जाती है. अप्रैल 2016 में इसकी शुरुआत से लेकर 2 दिसंबर 2022 तक 1.28 लाख महिला लाभार्थी थीं.