पैरा ओलंपियन दीपा मलिक बोलीं, टोक्यो ओलंपिक में भारत के पास होंगे दोगुने पदक
आईपीसी विश्व चैंपियनशिप में भी रजत पदक जीतने वाली दीपा ने कभी अपनी दिव्यांगता को अपने जुनून के रास्ते में नहीं आने दिया।
पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी दीपा मलिक का मानना है कि अगले साल होने वाले तोक्यो पैरालंपिक खेलों में देश के पदकों की संख्या दो अंकों में होगी।
गोला फेंक की खिलाड़ी रही दीपा ने ‘इन द स्पोर्टलाइट’ चैट शो के दौरान टेबल टेनिस खिलाड़ी मुदित दानी से कहा, \
‘‘रियो में अपने पदकों की संख्या को दोगुना किया था, हमारी टीम में 19 खिलाड़ी थे। हमने दो स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक जीता था। 2018 (एशियाई पैरा खेलों में) में हमारी टीम में 194 सदस्य थे और हमने 72 पदक जीते थे। इसने पहले ही मापदंड स्थापित किया है।’’
रियो डि जिनेरियो में 2016 में रजत पदक जीतने वाली 49 साल की दीपा ने कहा, ‘‘अगले साल तोक्यो खेलों के बारे में सबसे शानदार चीज यह होगी कि भारत पैरालंपिक में दोहरे अंक में पदक जीतेगा।’’
आईपीसी विश्व चैंपियनशिप में भी रजत पदक जीतने वाली दीपा ने कभी अपनी दिव्यांगता को अपने जुनून के रास्ते में नहीं आने दिया।
दीपा को 1999 में जब कहा गया कि उनकी रीढ़ की हड्डी से ट्यूमर को निकालने के लिए सर्जरी करनी होगी तो उन्होंने करगिल युद्ध के घायल सैनिकों से प्रेरण ली।
उन्होंने कहा,
‘‘जिस अस्पताल में मुझे सर्जरी के लिए ले जाया गया वहां युद्ध में अंग गंवाने वाले कई सैनिक थे। मुझे लगता है कि वे तुरंत की मेरे लिए प्रेरणास्रोत बने। अगर ये स्वस्थ युवा लोग अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए अपने अंग गंवा रहे थे तो बीमारी के कारण मलाल करने का मेरे पास कोई कारण नहीं था।’’
दीपा ने रियो में गोले को 4.61 मीटर की दूरी तक फेंककर रजत पदक जीता था। दीपा को हाल में भारतीय पैरालंपिक समिति का अध्यक्ष चुना गया।
(सौजन्य से- भाषा पीटीआई)