जेएनयू परिसर में हिंसा की खबरें देखकर मां-बाप परेशान: विदेशी छात्र
जेएनयू परिसर में हिंसा की खबरों से यहां अध्ययनरत विदेशी छात्रों के मां-बाप और अभिभावक अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर परेशान हो गए हैं। कुलपति जगदीश कुमार ने आश्वासन दिया है कि परिसर में अब माहौल शांत है।
जेएनयू में कुल 133 विदेशी छात्र अध्ययनरत हैं। जेएनयू में रविवार रात लाठी-डंडों और लोहे की छड़ों से लैस नकाबपोशों के एक समूह ने छात्रों और शिक्षकों पर हमला किया और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया लेकिन इस हमले में कोई विदेशी छात्र घायल नहीं हुआ है। इस घटना के कारण प्रशासन को पुलिस बुलानी पड़ी थी।
विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर धनंजय सिंह ने भी सभी छात्रों से परिसर नहीं छोड़ने की अपील करते हुए आश्वासन दिया है कि स्थिति को सामान्य करने के उपाय किए जा रहे हैं।
स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज (एसएसएस)के एक विदेशी छात्र ने कहा,
‘‘मेरे माता-पिता को समाचार रिपोर्टों से परिसर में हिंसा के बारे में पता चला। वे मेरी सुरक्षा के बारे में चिंतित थे और उन्होंने मुझे किसी भी विरोध प्रदर्शन से दूर रहने के लिए कहा।”
पहचान नहीं बताने की शर्त पर स्कूल ऑफ लैंग्वेजेज की एक विदेशी छात्रा ने कहा,
“मेरे मां-बाप चाहते हैं कि हालात सामान्य होने तक मैं घर वापस चली जाऊं लेकिन वहां जाने के लिए तत्काल में टिकट लेना बहुत महंगा है।”
दो और विदेशी छात्रों ने यह स्वीकार किया कि समाचार पढ़कर उनके माता-पिता चिंतित हैं।
उन्होंने कहा,
‘‘हमने उन्हें आश्वासन दिया कि सब ठीक है और जरूरत पड़ने पर हम अपने स्थानीय अभिभावक के यहाँ जा सकते हैं। लेकिन अब हालात बेहतर हैं।’’
नीदरलैंड की रहने वाली सरोजनी कहती हैं,
‘‘मैं कुतुब मीनार से एक लेक्चर अटेंड करके आई थी। तभी मुझे पता चला कि मेरे हॉस्टल में हिंसा हुई है। इतना सुनकर मैं वहां से बाहर की ओर आ गई। यह भी पता चला कि मेरे टीचर्स पर हमला हुआ है। उन्हें डंडे से मारा गया था। उसके बाद मैंने देखा कि कई लोग हाथ में डंडा लिए इधर-उधर दौड़ रहे थे।’’
विश्वविद्यालय के कुलपति ने बुधवार को मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों को परिसर में शांतिपूर्ण स्थिति होने की सूचना दी।
(Edited by रविकांत पारीक )