Paytm Business Model: जानिए कैसे पैसे कमाती है पेटीएम, समझिए उसका बिजनेस मॉडल
पेटीएम को मुफ्त में इस्तेमाल करते वक्त अक्सर लोग सोचते हैं कि इससे कंपनी को क्या फायदा. लोग सोचते हैं कि आखिर पेटीएम कंपनी कैसे पैसे कमाती है. आइए जानते हैं इसका बिजनेस मॉडल.
आज के वक्त में आप भले ही किसी बड़े मॉल में चले जाएं या किसी सब्जी-चाय वाले के पास चले जाएं, हर जगह आपको
का क्यूआर कोड लगा मिल जाएगा. विजय शेखर शर्मा (Vijay Shekhar Sharma) के बिजनेस आइडिया (Business Idea) पेटीएम की पहुंच इस वक्त देश के कोने-कोने में है. हालांकि, बहुत सारे लोग सोचते हैं कि पेटीएम ने भुगतान करने, रिचार्ज करने और कई तरह के काम के लिए पेटीएम की सुविधा तो दी है, लेकिन कंपनी को इससे क्या फायदा? आखिर कंपनी पैसे कैसे कमाती है? आइए जानते हैं क्या है पेटीएम का बिजनेस मॉडल (Paytm Business Model) और कैसे होती है कंपनी की कमाई.पहले जानिए पेटीएम क्या-क्या सुविधाएं देती है
- पेटीएम के पास अभी करीब 33.7 करोड़ ग्राहक हैं. इस प्लेटफॉर्म पर लगभग 2.2 करोड़ मर्चेंट हैं. ग्राहकों के लिए पेटीएम एक सुपर ऐप जैसा है, जिस पर वह बहुत सारे काम कर पा रहे हैं. आइए जानते हैं कंपनी क्या-क्या सुविधाएं देती है-
- पेटीएम की पहली सुविधा है भुगतान की. इसके तहत मोबाइल वॉलेट, कंज्यूमर यूपीआई, बिल भुगतान और मर्चेंट सॉल्यूशन आते हैं, जिसके तहत क्यूआर कोड, पीओएस मशीन आदि लगाई जाती है.
- इसके अलावा पेटीएम बैंकिंग और क्रेडिट की सुविधा देता है. इसके तहत सेविंग और करंट अकाउंट खोले जाते हैं. टाइम डिपोजिट लिया जाता है, डेबिट-क्रेडिट कार्ड दिया जाता है, पर्सनल लोन दिया जाता है और मर्चेंट फाइनेंसिंग की जाती है.
- पेटीएम की तरफ से इंश्योरेंस की सुविधा भी मुहैया कराई जाती है.
- वेल्थ मैनेजमेंट भी इसकी एक सुविधा है, जिसके तहत पेटीएम म्यूचुअल फंड, इक्विटी ट्रेडिंग और गोल्ड में इन्वेस्ट करने का विकल्प देता है.
- इन सबके अलावा ई-कॉमर्स (पेटीएम मॉल), गेमिंग, ट्रैवल टिकटिंग और एंटरटेनमेंट की सुविधाएं भी पेटीएम की तरफ से दी जाती हैं.
इन 3 तरीकों से पैसे कमाती है कंपनी
पेटीएम की कमाई को समझने के लिए उसे तीन कैटेगरी में बांटना होगा. इन तीन तरीकों से पेटीएम पैसे कमाती है. आइए जानते हैं इनके बारे में.
1- भुगतान सेवाओं से होती है कमाई
2021 में पेटीएम का रेवेन्यू करीब 2802 करोड़ रुपये था, जिसमें से लगभग 75 फीसदी तो सिर्फ भुगतान और वित्तीय सेवाओं से जरिए कमाया गया है. इन बिजनेस से पेटीएम की करीब 2109 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी. पेटीएम की तरफ से ग्राहकों और मर्चेंट दोनों को ही भुगतान की सेवाएं ऑफर की जाती हैं. मोबाइल पेमेंट ट्रांजेक्शन पेटीएम की हिस्सेदारी करीब 40 फीसदी है. वहीं अगर बात वॉलेट पेमेंट ट्रांजेक्शन की करें तो यह आंकड़ा 65-70 फीसदी है. ग्राहक पेटीएम वॉलेट, फूड वॉलेट, बैंक खाते, फास्टैग, बाई नाऊ पे लेटर और ईएमआई जैसे विकल्पों से भुगतान कर पाते हैं.
वहीं दूसरी ओर मर्चेंट्स के लिए पेमेंट गेटवे सेवा, क्यू आर कोड, साउंड बॉक्स और पीओएस मशीन की सुविधा दी जाती है. पेटीएम ट्रांजेक्शन फीस से पैसे कमाती है. पेटीएम तमाम मर्चेंट से ट्रांजेक्शन वैल्यू का एक निश्चित हिस्सा कमीशन या ट्रांजेक्शन फीस के तौर पर लेती है. कई कंपनियों को पेटीएम सब्सक्रिप्शन आधारित मॉडल के तहत पेटीएम साउंडबॉक्स और पीओएस मशीनें देती है और उससे पैसे कमाती है. इतना ही नहीं, पेटीएम ग्राहकों से कन्वेनिएंस फीस के जरिए भी कमाई करती है. यह फीस आप अक्सर रिचार्ज करने, टिकट बुकिंग करने आदि पर पेटीएम को चुकाते हैं.
2- वित्तीय सेवाएं भी हैं कमाई का जरिया
पेटीएम की तरफ से पेटीएम पेमेंट्स बैंक के तहत मोबाइल बैंकिंग की सुविधा दी जाती है. इसका एक कर्ज देने वाला वर्टिकल भी है, जिसके तहत बाई नाउ पे लेटर की सुविधा दी जाती है. कंपनी लोन भी देती है और कई बार सामान खरीदने पर बाद में पैसे चुकाने की सुविधा देती है. विशेषज्ञों का मानना है कि पेटीएम का कर्ज देने का बिजनेस आने वाले दिनों में तेजी से बढ़ सकता है.
पेटीएम इंश्योरेंस ब्रोकिंग एक इंश्योरेंस मार्केटप्लेट है, जिसके ऑटो, लाइफ, हेल्थ, पॉलिसी मैनेजमेंट और क्लेम सेवाएं के तहत प्रोडक्ट हैं. पेटीएम के पास 1.2 करोड़ से भी अधिक इंश्योरेंस के ग्राहक हैं. इतना ही नहीं, पेटीएम मनी ऐप की मदद से कंपनी वेल्थ मैनेजमेंट की सेवा भी देती है. इसके तहत सोना खऱीदने, म्यूचुअल फंड में पैसे लगाने के साथ-साथ फ्यूचर्स और ऑप्शन में ट्रेडिंग की सेवा दी जाती है. वित्तीय सेवाओं के तहत पेटीएम का रेवेन्यू फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन पार्टनर्स से फीस चार्ज करने से आता है. साथ ही लोन के लिए कलेक्शन फीस, डिस्ट्रिब्यूशन फीस, इक्विटी ब्रोकिंग फीस और इंश्योरेंस प्रीमियम पर कमीशन फीस के जरिए भी पेटीएम कमाई करती है.
3- कॉमर्स एंड क्लाउड बिजनेस से कमाई
पेटीएम का तीसरा बिजनेस मॉडल है मर्चेंट्स को ग्राहकों से कनेक्ट कराना. पेटीएम की तरफ से तमाम कंपनियों, टेलिकॉम कंपनियों और डिजिटल या फिनटेक प्लेटफॉर्म्स को क्लाउड सेवाएं ऑफर की जाती हैं. इसके अलावा गेमिंग और टिकटिंग सेवाओं के लिए भी क्लाउड सेवाएं दी जाती हैं. वहीं पेटीएम फर्स्ट के सब्सक्रिप्शन आधारित मॉडल से भी कंपनी कमाई करती है. 2020 में पेटीएम ऐप फिल्म की टिकटें बेचने के मामले में दूसरा सबसे बड़ा बुकिंग प्लेटफॉर्म बन गया था. अपनी इस तीसरी कैटेगरी के तहत पेटीएम को कुल कमाई का करीब 25 फीसदी रेवेन्यू मिलता है, जो 2021 में लगभग 693 करोड़ रुपये था. इसमें पेटीएम मर्चेंट से टिकटिंग बिजनेस में ट्रांजेक्शन फीस चार्ज करती है, जबकि ग्राहकों से कन्वेनिएंस फीस लेती है. क्लाउड बिजनेस के तहत पेटीएम कंपनी मर्चेंट और एंटरप्राइजेज से सब्सक्रिप्शन मॉडल के तहत भी फीस लेती है और कमाई करती है.