एजुकेशन सेक्टर में करियर प्वॉइंट टारगेट कर 'पेटीएम' की नई पारी
"एजुकेशन सेक्टर में अरबों का कारोबार कर रहीं देश-दुनिया की विशालकाय कंपनियों को टक्कर देने के लिए अब पेमेंट गेटवे उद्योग में पचास प्रतिशत से अधिक बाजार हिस्सेदारी वाली कंपनी 'पेटीएम' भी अपने एक और नए स्टार्टअप के साथ उतर पड़ी है। उसकी नज़र ढाई हजार शिक्षण संस्थानों और युवाओं के करियर प्वॉइंट पर है।"
पेमेंट गेटवे उद्योग में 50 प्रतिशत से अधिक बाजार हिस्सेदारी वाली कंपनी पेटीएम अब एजुकेशन सेक्टर में एक और बड़े स्टार्टअप के साथ उतर पड़ी है। अलीगढ़ (उ.प्र.) के बेहद सफल आधुनिक उद्यमी विजय शेखर शर्मा की कंपनी पेटीएम को एजुकेशन सेक्टर में उतारने के पीछे उनकी इंजीनियरिंग की एक अतिरिक्त योग्यता भी है, जिसके अनुभवों को वह अब इस सेक्टर में आजमाना चाहते हैं।
बताया गया है कि डिजिटल पेमेंट कंपनी पेटीएम एजुकेशन सेक्टर में छात्रों को पेमेंट, कॉमर्स, शैक्षणिक सेवाएं, वित्तीय लेनदेन सहित कई तरह की सेवाएं देने जा रही है। इसके लिए वह कई एक शिक्षण संस्थाओं से लंबे करार कर रही है। गौरतलब है कि पेटीएम में सॉफ्टबैंक और अलीबाबा जैसी विदेशी कंपनियों ने भी बड़े निवेश कर रखे हैं। एजुकेशन सेक्टर में कंपनी का खास जोर अभिभावकों को इस तरह की जानकारियों से लैस करना होगा, जिनसे वह अपने बच्चों का करियर बनाने में इस्तेमाल कर सकें।
पेटीएम कोई ऐसे ही एजुकेशन सेक्टर में नहीं उतर रही है। भारत का एजुकेशन हब बेहद विशाल हो चुका है। इसका एक सामान्य सा अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि देश में कई कंपनियां तो कोचिंग क्लास से शुरू होकर अरबों का कारोबार कर रही हैं और कई एक कंपनियां एजुकेशन सर्विस प्रोवाइडर के रूप में करोड़ों का निवेश किए हुए हैं। मसलन, कोटा (राजस्थान) में आईटी दिल्ली के स्टूडेंट रहे प्रमोद महेश्वरी की कंपनी 'कैरियर प्वाइंट' की मार्केट कैप लगभग 221.95 करोड़ रुपए है।
ऑनलाइन ट्यूटरिंग ब्रॉन्ड ट्यूटर विस्ता और एड्यूराइट को खरीद लेने के बाद तो कन्नूर (केरल) के बायजू रविंद्रन की कंपनी बायजू का सालाना रेवेन्यू 260 करोड़ से भी ज्यादा का हो चुका है। बायजू के 40 से अधिक ऑफिसों में लगभग साढ़े तीन हजार एंप्लॉयीज काम कर रहे हैं। इसी तरह सीएल एजुकेशन लिमिटेड की मार्केट कैप की बात करें तो 518.73 करोड़ रुपए, एडुकॉम्प की मार्केट कैप 99.81 करोड़ रुपए, शांति एजुकेशन इनिटिएटिव लिमिटेड की मार्केट कैप 185.15 करोड़ रुपए तक पहुंच चुकी है। इस बीच बायजूज, टैलेंटऐज, सिम्प्लीलर्न और टॉपर जैसी एजुकेशन टेक्नोलॉजी कंपनियां देश और विदेश में अपना मार्केट शेयर बढ़ाने के साथ ही अपनी ग्रोथ की योजनाओं में मदद के लिए जोरशोर से टैलेंट भी तलाश रही हैं। टॉपर ने तो हाल में 3.5 करोड़ डॉलर का इनवेस्टमेंट हासिल किया था। यह इस वर्ष सभी फंक्शंस में लगभग 1,000 एंप्लॉयीज हायर करना चाहती है। फाउंडर और सीईओ कृष्ण कुमार की एजुकेशन टेक्नोलॉजी कंपनी सिम्प्लीलर्न की सालाना ग्रोथ 40 पर्सेंट की है। उसका अमेरिका समेत कई देशों में बिजनेस फैला हुआ है।
एजुकेशन सेक्टर में उतरने के लिए फिलहाल, पहले फेज में पेटीएम कंपनी ने देश के लगभग ढाई हजार कॉलेजों को टारगेट किया है। उनके बारे में अभिभावकों को बच्चों के करियर के हिसाब से तरह तरह की एजुकेशनल जानकारियां दी जाएगीं। साथ ही तरह-तरह के ऐसे कोर्स और परिक्षाओं के बारे में उन्हे बताया जाएगा, जिससे स्टुडेंट्स को अपना करियर बनाना आसान हो सके। कंपनी की सेवाओं में ऐप से और शिक्षण केंद्रों पर पेमेंट, कोचिंग, स्कॉलरशिप, टेस्ट की तैयारी, एडमिशन फॉर्म आदि में कॉमर्स टूल्स और स्टूडेंट इंश्योरेंस, एजुकेशन लोन और बैंकिंग आदि की वित्तीय सेवाएं दी जाएंगी। वह एडमिशन फॉर्म, एग्जाम रिजल्ट, सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन पत्र और कोचिंग और टेस्ट की तैयारी जैसी सेवाओं के लिए निजी और सरकारी शिक्षण संस्थानों के साथ मिलकर काम कर रही है।
कंपनी एजुकेशनल इंश्योरेंस, लोन और को-ब्रांडेड स्मार्ट कार्ड की सुविधा भी छात्रों को दे सकती है। इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए वह एजुकेशन सेक्टर में सेवाएं देने के लिए रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड, महाराष्ट्र पब्लिक सर्विस कमीशन, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी, भारतीय नौसेना, एमिटी, वीआईटी, मणिपाल, एकेटूयी, आर्मी पब्लिक स्कूल सहित कई संस्थानों से समझौते कर चुकी है।
गौरतलब है कि पेटीएम की सालाना ग्रोथ पांच अरब ट्रांजैक्शन अधिक तक की हैसियत में पहुंच चुकी है। इन ट्रांजैक्शन के जरिए करीब 50 अरब डॉलर की रकम का सालाना लेनदेन उसके प्लेटफॉर्म से हो रहा है। इन ट्रांजैक्शन का बहुत बड़ा हिस्सा सूरत, दुर्गापुर, मेरठ जैसे छोटे शहरों से आया है। इसके साथ ही 25 पर्सेंट से ज्यादा पेटीएम यूजर्स क्षेत्रीय भाषा में इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं। उसकी काफी पहले ही पांच सौ पर्सेंट की सालाना ग्रोथ दर्ज हो चुकी है।
कंपनी के एजुकेशन सेक्टर में कूदने की एक और बड़ी वजह है कि उसके प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने वाली महिलाओं की संख्या में सौ पर्सेंट की बढ़ोतरी है।, साथ ही 35 साल से ज्यादा उम्र वाले यूजर्स इसे तेजी से अपना रहे हैं। छोटे शहरों में पेटीएम प्लेटफॉर्म की पहुंच तेजी से बढ़ी है, जिससे कंपनी की ग्रोथ में इतना हैरतअंगेज इजाफा हुआ है। यूपीआई सहित डिजिटल पेमेंट्स के सभी तरीकों में वह सबसे बड़ी कंट्रीब्यूटर है। कंपनी का दावा है कि जब तक वह देश के ज्यादातर छोटे और बड़े रिटेलर्स के लिए पेमेंट्स के तरीके को डिजिटल नहीं कर देती, इस प्लेटफॉर्म के अलावा एजुकेशन आदि सेक्टर्स में भी ज्यादा से ज्यादा निवेश करती रहेगी।