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पीएम के आइडिया से मालामाल फ्रेस्का ने एक ही शहर से कमा लिए 79 लाख

पीएम के आइडिया से मालामाल फ्रेस्का ने एक ही शहर से कमा लिए 79 लाख

Tuesday July 09, 2019 , 5 min Read

आज के ज़माने में कोई नया बिजनेस आइडिया कितना मायने रखता है, 'फ्रेस्का जूसेस' के मालिक अखिल गुप्ता की अकूत कमाई ने साबित कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक आइडिया पर फलों का जूस बनाकर वह पिछले साल 75 करोड़ का कारोबार कर चुके हैं। इस साल कंपनी का कुल 130 करोड़ रुपए का टारगेट है।


Akhil Gupta

फ्रेस्का के मालिक अखिल गुप्ता



आज के दौर में रोज-रोज नए तरह के आइडिया पर दौड़ रहा बाजार तेजी से बदल रहा है। एक शानदार छोटे बिजनेस का आइडिया आपके सपने को ही नहीं, जरूरतों को भी मालामाल कर सकता है। नए बिजनेस आइडियाज से निर्णय करना आसान हो जाता है कि कम समय और कम लागत में कौन सा बिजनेस ज्यादा प्रॉफिट दे सकता है। हाल ही में कृषकों की आमदनी बढ़ाने के लिए एक ऐसा चमत्कृत करने वाला स्टार्टअप आइडिया तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही दे दिया, जिससे 'फ्रेस्का जूसेस' के मालिक अखिल गुप्ता ने एक झटके में एक ही शहर लखनऊ से 79 लाख रुपए कमा लिए।


फ्रेस्का जूस की ऐसी डिमांड बढ़ी कि सप्लाई वेटिंग फेज में चली गई। एक साल में ही उनकी कंपनी की ग्रोथ रेट पचास प्रतिशत उछल गई। कंपनी ने पिछले साल 75 करोड़ रुपए का कारोबार कर लिया था। इस साल कंपनी को 130 करोड़ रुपए के कारोबार की उम्मीद है। सोडे के साथ जूस मिलाकर नया ड्रिंक बनाने वाली यह कंपनी अगले साल जनवरी, 2020 में लगभग 12 करोड़ का निवेश कर बनारस में नया प्लांट लगाने जा रही है, जिसमें लगभग 500 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।


फ्रेस्का के पास चार प्लांट पहले से हैं। राजधानी दिल्ली के ये छोटे बिजनसमैन अखिल गुप्ता जूस कारोबार की भारी कमाई के साथ अब बनारस के अलावा नवी मुंबई में भी निवेश की रणनीति बना रहे हैं। फ्रेस्का की टैग लाइन है- 'ड्रिंक द फ्रूट'। 




जहां कोका-कोला और पेप्सिको जैसे बड़े विदेशी ब्रैंड्स भारत में अपने जूस प्रॉडक्ट्स को बढ़ाने में नाकामयाब हो रहे हैं, वहीं फ्रेस्का का अप्रैल में ही साल का पूरा स्टॉक खत्म हो चुका था। गर्मी शुरू ही हो रही थी कि स्टाक न होने से सप्लायर्स को बैरंग लौटाया जाने लगा। इस वक़्त भी कंपनी फ्रेस्का जूस के पहले के ऑर्डर्स को पूरा करने में लगी हुई है। गुप्ता बताते हैं कि फ्रूजो अगले 15 दिनों के भीतर दिल्ली की डेढ़ हजार दुकानों में फ्रेस्का प्रोडक्ट के साथ मिलने लगेगा। इससे पहले पूर्वी यूपी और पंजाब के क्षेत्रीय बाजार में एक सफल शुरुआत इस रेंज ने एक लाख से अधिक इकाइयों की बिक्री का आंकड़ा दर्ज किया है।


वैसे तो गुप्ता का परिवार लगभग सौ साल से फूड प्रोसेसिंग के कारोबार में लगा हुआ है लेकिन किसानों को उनकी उपज का ज्यादा दाम दिलाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने जब सोडे के साथ जूस मिलाकर बेचने का आइडिया दिया, इस स्टार्टअप के साथ गुप्ता की कंपनी एक ही साल में आसमान छूने लगी। ड्रिंक की ऐसी डिमांड बढ़ी कि सप्लाई वेटिंग में चली गई। गुप्ता के अनुसाि पीएम ने कार्बोनेट के साथ जूस मिलाने पर जीएसटी कम करने के लिए कहा तो उन्हे इस नए प्रॉडक्ट का आइडिया मिल गया। कंपनी ने कार्बोनेटेड फ्रूट ड्रिंक्स की नई लाइन फ्रेस्का फ्रूजो को लॉन्च कर दिया। प्रधानमंत्री का मानना रहा है कि फलों के रस को कार्बोनेट के साथ इस्तेमाल करने से जीएसटी की दर 40 फीसदी से 12 फीसदी कर दी जाएगी। इससे फलों की खपत बढ़ेगी। 




लंबे समय से इस पेशे में होने के नाते अखिल गुप्ता को विदेशी कंपनियों की अपेक्षा बेहतर तरीके से देश के लोगों का स्वाद पहचानने की समझ है। इसी रणनीति के चलते कंपनी तेजी से ग्रोथ कर रही है। हालांकि अभी कंपनी ने दक्षिण भारत में अपने प्रोडक्ट लॉन्च नहीं किए हैं। फ्रेस्का फ्रूजो वर्तमान में सेब के स्वाद में उपलब्ध है और जल्द ही तीन और फ्लेवर मोजिटो, जीरा और निम्बू मसाला भी बाजार में लाए जा रहे हैं। अभी कंपनी लीची, अमरूद, आम, सेब जैसे विभिन्न स्वाद वाले फ्रूट जूस बना रही है। फ्रेस्का के पास अभी जूस की लंबी रेंज है। लीची जूस में कंपनी देश में नंबर वन है जबकि अमरूद, सेब आदि के जूस में भी कंपनी की बिक्री उत्तर भारत में बेहतर चल रही है। फ्रेस्का चार फ्लेवर्स के साथ होलोग्राफिक एसेप्टिक पैकेजिंग पेश करने वाला देश का पहला ब्रांड है।


गौरतलब है कि बेवरेज बनाने वाली कई देसी छोटी कंपनियां गर्मी की शुरुआत से ही फुल कैपिसिटी में काम कर रही हैं। कई कंपनियां फ्रैंचाइजी रूट के जरिए अपने बिजनस का विस्तार कर रही हैं। सॉफ्ट ड्रिंक्स बिजनेस की बात करें तो 14 हजार करोड़ रुपए के मार्केट में 15 प्रतिशत हिस्सा ही देसी कंपनियों का है। हालांकि, देसी कंपनियां अपने नए फॉर्म्यूला के जरिए अपना बिजनेस बढ़ा रही हैं। छोटी देसी कंपनियों ने 10 रुपए वाली बोतल से सॉफ्ट ड्रिंक्स मार्केट को भर दिया है।


अखिल गुप्ता बताते हैं कि जब कोई चीज कमोडिटी बन जाती है तो उसे बेचना आसान हो जाता है। इस इंडस्ट्री के लिए 10 रुपए वाली बोतल ने मैजिक की तरह काम किया है। इस समय फ्रेस्का का एक तिहाई मार्केट 10 रुपए वाली बोतल से चल रहा है। इसीलिए वह पेप्सिको और कोक जैसी कंपनियों को टक्कर दे रही है। बेवरेज मार्केट में अलवर की कंपनी जयंती बेवरेज, दिल्ली की कोला और ज़ैल्टा, हरियाणा की कैंपा कोला और गुजरात की हजूरी ऐंड सन्स भी अपनी जगह बनाने में कामयाब रही हैं। जयंती का जलजीरा पेय छोटे शहरों में काफी पॉपुलर हुआ है। उधर, क्रिकेटर वीरेन्द्र सहवाग के भाई की कंपनी ज़ैल्टा साल दर साल 30 प्रतिशत की ग्रोथ ले रही है। एक कंपनी प्रवक्ता का तो यहां तक कहना है कि कस्टमर लालची होते हैं। उन्हे हमेशा सस्ते प्रॉडक्ट्स का इंतजार रहता है।