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Paytm Share Buyback में फंसा पेंच, अब कंपनी खरीदेगी अपने शेयर या फेल हो जाएगा ये प्लान?

पेटीएम अपने ही शेयर बायबैक करने वाली है. कंपनी के पास करीब 9,182 करोड़ रुपये की लिक्विडिटी है. इसी बीच खबर आ रही है कि बायबैक के लिए आईपीओ से मिले पैसों का इस्तेमाल नहीं हो सकता है.

Paytm Share Buyback में फंसा पेंच, अब कंपनी खरीदेगी अपने शेयर या फेल हो जाएगा ये प्लान?

Monday December 12, 2022 , 5 min Read

हाल ही में खबर आई थी कि पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन 97 कम्युनिकेशन लिमिडेट (One 97 Communications Ltd) जल्द ही अपने शेयर बायबैक (Share Buyback Offer) करने की योजना बना रही है. अब खबर ये आ रही है कि कंपनी ऐसा नहीं कर सकती है. पेटीएम के नतीजों के अनुसार उसके पास करीब 9,182 करोड़ रुपये की लिक्विडिटी है. बायबैक की खबर आने के बाद पेटीएम के शेयरों में उछाल देखने को मिला, लेकिन अब मामले में ट्विस्ट आ गया है. बताया जा रहा है कि नियमों के मुताबिक कंपनी पेटीएम के आईपीओ से मिली रकम का इस्तेमाल शेयर बायबैक करने के लिए नहीं कर सकती है. इसके लिए कंपनी को अपनी नकदी का इस्तेमाल करना होगा. ऐसे में अब सवाल ये है कि पेटीएम शेयर बायबैक करेगा या ये प्लान फेल हो जाएगा? अगर शेयर बायबैक होगा तो उसके लिए कंपनी पैसे कहां से लाएगी?

13 दिसंबर को लिया जाएगा फाइनल डिसीजन

Paytm के शेयर बायबैक करने के प्रस्ताव को लेकर 13 दिसंबर को कंपनी के निदेशक मंडल की बैठक होने वाली है. पिछले गुरुवार को कंपनी ने बायबैक के बारे में शेयर बाजार को सूचना दी थी. उसके अनुसार कंपनी की लिक्विडिटी को देखते हुए बायबैक से कंपनी के शेयरहोल्डर्स को फायदा होगा. हालांकि, शेयर बायबैक होगा या नहीं और अगर होगा तो कैसे होगा, इसका फैसला 13 दिसंबर की बैठक में किया जाएगा.

शेयर बायबैक में नियम आ सकते हैं आड़े

पेटीएम अगर शेयर बायबैक करना चाहती है तो नियम के अनुसार वह अपनी नकदी का इस्तेमाल करेगी. इसके लिए कंपनी आईपीओ से मिले पैसों का इस्तेमाल नहीं कर सकती है. नियम के मुताबिक आईपीओ से मिले पैसों का इस्तमेाल केवल उसी काम के लिए किया जा सकता है, जिसके मकसद से आईपीओ लाया गया था. शेयर बाजार नियामक सेबी की तरफ से इसकी निगरानी की जाती है. आईपीओ लाने से पहले कंपनी के पास जो लिक्विडिटी थी, उससे कंपनी शेयर बायबैक कर सकती है.

कितने शेयर बायबैक कर रही है कंपनी?

पेटीएम के पास अभी करीब 9,182 करोड़ रुपये की लिक्विडिटी है. अब कंपनी पूरी तरह से भुगतान किए गए इक्विटी शेयरों के बायबैक पर विचार कर रही है. कंपनी का मानना है कि पेटीएम की लिक्विडिटी और मौजूदा वित्तीय स्थिति को देखते हुए बायबैक का फैसला कंपनी के शेयरधारकों के लिए फायदेमंद हो सकता है.

क्या होता है शेयर बायबैक?

शेयर बायबैक वह प्रक्रिया होती है, जिसके तहत कोई कंपनी अपने ही शेयर्स को पब्लिक से वापस खरीद लेती है. इसके लिए कंपनी अपने शेयर की कीमत पर कुछ प्रीमियम भी चुकाती है. शेयर बायबैक के जरिए कंपनी खुद में ही री-इन्वेस्ट करती है. जब कंपनी शेयर बायबैक करती है तो फिर बाजार में उसके आउटस्टैंडिंग शेयरों की संख्या कम हो जाती है.

आखिर कंपनियां बायबैक क्यों करती हैं शेयर?

बायबैक की बात सुनकर हर कोई ये सोचता है कि आखिर कंपनियां अपने ही शेयर को वापस क्यों खरीदती हैं. कई बार अगर कंपनी के पास अतिरिक्त कैश हो जाता है और वह उसे किसी दूसरे प्रोजेक्ट में नहीं लगा पाती हैं तो वह शेयर बायबैक कर लेती हैं. इस तरह कंपनी अतिरिक्त कैश को खुद में ही निवेश कर देती हैं. अगर किसी कंपनी के पास अधिक नकदी होती है तो वह बैलेंस शीट में भी दिखती है और नकदी पड़े रहना अच्छा नहीं माना जाता है. ऐसे में कंपनियां उस नकदी का इस्तेमाल शेयर बायबैक कर के कर लेती हैं. कई बार कंपनियों को लगता है कि उनके शेयर की कीमत कम आंकी गई है, तो भी वह शेयर बायबैक कर लेती हैं, जिससे शेयरों की वैल्यू बढ़ जाती है. इससे निवेशकों में भी एक भरोसा पैदा होता है कि कंपनी की वित्तीय हालत अच्छी है, जिससे कंपनी के शेयरों की मांग बढ़ती है, जो उसकी कीमत को बढ़ाती है.

निवेशकों को क्या फायदा?

जैसा कि शेयर बायबैक कुछ प्रीमियम पर होता है तो निवेशकों को इसका तो फायदा होता ही है. हालांकि, अगर आपने लंबे वक्त के हिसाब से पैसा लगाया है तो आपको बायबैक में शेयर नहीं बेचने चाहिए. उम्मीद होती है कि भविष्य में कंपनी और बेहतर प्रदर्शन करेगी और ज्यादा रिटर्न देगी. वहीं अगर आपने छोटी अवधि के लिए निवेश किया है तो बेचकर मुनाफा कमा लेना चाहिए. वहीं अगर आपको लगे कि कंपनी का शेयर ओवरवैल्यूड है तो भी आपको शेयर बेचकर निकल जाना चाहिए. जो लोग सिर्फ ट्रेडिंग के मकसद से शेयर खरीदते हैं, उनके लिए तो यह मौका किसी गोल्डन चांस जैसा होता है.

पेटीएम ने डुबाए निवेशकों के पैसे

15 नवंबर 2021 को पेटीएम का आईपीओ आया था. यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा आईपीओ था, जिसे महाआईपीओ कहा गया था. आईपीओ के तहत पेटीएम के शेयर की कीमत 2150 रुपये थी, लेकिन उसके बाद से गिरते-गिरते कंपनी के शेयर एक चौथाई के करीब आ चुके हैं. अभी पेटीएम का शेयर करीब 530 रुपये के करीब आ चुका है. सॉफ्टबैंक ने भी हाल ही में पेटीएम के करीब 200 मिलियन डॉलर यानी लगभग 1630 करोड़ रुपये के शेयर बेचने का फैसला किया था. इसके बाद तो कंपनी के शेयर बुरी तरह टूटे थे.

क्या रहे दूसरी तिमाही के नतीजे?

पेटीएम के शेयरों में गिरावट का दौर शुरू हुआ 7 नवंबर से, जब कंपनी के तिमाही नतीजे सार्वजनिक हुए. जुलाई-सितंबर तिमाही में कंपनी का घाटा बढ़कर 571.5 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो पिछले साल इसी तिमाही में 474.5 करोड़ रुपये था. वहीं अगर तिमाही आधार पर देखें तो कंपनी का घाटा कम हुआ है. जून तिमाही में पेटीएम का घाटा 645.4 करोड़ रुपये था. हालांकि, दूसरी तिमाही में पेटीएम का रेवेन्यू करीब 76.2 फीसदी बढ़ा था और 1914 करोड़ रुपये हो गया. यह पिछले साल 1086 करोड़ रुपये था. कमाई बढ़ने की वजहों में मर्चेंट सब्सक्रिप्शन रेवेन्यू, मंथली ट्रांजेक्शन यूजर्स की संख्या में बढ़ोतरी से बिल पेमेंट में उछाल और लोन डिसबर्समेंट में मजबूत ग्रोथ शामिल हैं.