7 नई PLI योजनाओं को मिली मंजूरी; MSMEs PLI योजना के वास्तविक लाभार्थी: पीयूष गोयल
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने घोषणा की कि 7 नई पीएलआई (PLI) योजनाएं जो मूल कार्यक्रम का हिस्सा नहीं हैं, उन्हें अभी मंजूरी दी गई है. उन्होंने भारत में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया है. वे नई दिल्ली से आईआईएम अहमदाबाद के रेड ब्रिक समिट 2022 को वर्चुअल तरीके से संबोधित कर रहे थे.
गोयल ने कहा कि प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना को काफी सराहा गया है. उन्होंने कहा कि पीएलआई शुरू करने का उद्देश्य उन चैंपियन क्षेत्रों को बढ़ावा देना था जहां हमें तुलनात्मक और प्रतिस्पर्धी लाभ मिले. उन्होंने ने यह भी कहा कि हमें सब्सिडी की मानसिकता से बाहर निकलना चाहिए और एक ऐसा लचीला और आत्मनिर्भर व्यापार परितंत्र बनाना चाहिए जो सरकार पर निर्भर न हो.
गोयल ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSMEs) पीएलआई योजना के वास्तविक लाभार्थी हैं क्योंकि जब एक बड़ा उद्योग आता है तो यह अपने साथ निर्माताओं और सेवा प्रदाताओं का एक पूरा परितंत्र लेकर आता है. उन्होंने कहा कि, "भारत का मुख्य आधार एमएसएमई है और एमएसएमई का मुख्य आधार बड़ा उद्योग है जो हमारे एमएसएमई के काम को जोड़ते हैं और उन्हें अधिक अवसर प्रदान करता है." केंद्रीय मंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि प्रत्येक पीएलआई योजना को तैयार करने से पहले उद्योग के सहयोग से बहुत सावधानी से और पूरी तरह से मूल्यांकन किया जाता है. उन्होंने कहा कि पीएलआई सिर्फ एक किक-स्टार्ट तंत्र है और इसलिए इसे एक दिन अवश्य ही खत्म होना ही है क्योंकि अंततः उद्योग को व्यवहार्य और स्वतंत्र होने की आवश्यकता है.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि देश में 5G का शुरू होना विकास के लिए भारत की आकांक्षाओं को पूरा करने में आत्मविश्वास बढ़ाने वाला बहुत बड़ा कदम है. उन्होंने कहा कि 5G के लॉन्च को लेकर जो उत्साह है वह वास्तव में सशक्त करने वाला है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत के युवाओं ने लीक से हटकर अपने विचारों से देश को गौरवान्वित किया है. उन्होंने कहा कि आखिरकार हमारे युवाओं में पूछताछ की भावना आ गई है. उन्होंने राष्ट्र के अनगिनत स्टार्टअप के इनोवेशंस की सादगी और प्रतिभा के लिए अपनी ओर से सराहना व्यक्त की. उन्होंने कहा कि इनोवेशंस की इसी सादगी ने भारत को ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (GII) में 2015 में 81वें स्थान से 2022 तक 40वें स्थान पर पहुंचा दिया है. उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि सरकार, उद्योग और शिक्षा जगत ने भारत में नवाचार के मूल्य को समझना शुरू कर दिया है.
केंद्रीय मंत्री ने भारत के हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने पर प्रकाश डाला और कहा कि भारत उन कुछ देशों में से एक है, जिन्होंने 2015 में पेरिस में की गई अपनी प्रतिबद्धता को न केवल पूरा किया है, बल्कि इसे पार कर लिया है. उन्होंने कहा कि "हमने 175 गीगावॉट स्वच्छ ऊर्जा के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की थी. हमने अब 500 गीगावॉट का लक्ष्य निर्धारित करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है और हम इसे हासिल करने की राह पर हैं. गोयल ने कहा कि हमारे ऊर्जा मिश्रण के 2030 तक मुख्य रूप से नवीकरणीय होने की उम्मीद है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत वनीकरण और कायाकल्प के माध्यम से 1 अरब टन कार्बन सिंक बनाने की राह पर है. उन्होंने कहा कि हमारा उद्योग अक्षय ऊर्जा की दिन-रात (चौबीसों घंटे) आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए हरित हाइड्रोजन जैसी नई तकनीकों पर काम कर रहा है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अंतरराष्ट्रीय सौर ग्रिड के विजन का उल्लेख करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि ऐसा ग्रिड बनाने के लिए समान विचारधारा वाले देशों के साथ सहयोग करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रकृति के प्रति प्रेम और सम्मान प्रत्येक भारतीय में अंतर्निहित है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह सरकार भारत और पूरी धरती को रहने के लिए एक बेहतर जगह बनाने के अपने प्रयासों में पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी पीढीगत समानता में बहुत दृढ़ता से विश्वास करते हैं कि हमें दुनिया के प्राकृतिक संसाधनों को छीनने और अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक समस्या छोड़ने का अधिकार नहीं है. उन्होंने सतत विकास की सरकार की तलाश में शिक्षा और उद्योग जगत से भागीदारी को आमंत्रित किया.