PLI स्कीम्स में 60 लाख नई जॉब्स क्रिएट करने की क्षमता, 1.97 लाख करोड़ हो रहे हैं खर्च
रोजगार और बेरोजगारी पर डेटा, पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) के माध्यम से एकत्र किया जाता है.
सरकार विभिन्न क्षेत्रों के लिए प्रॉडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम्स को 1.97 लाख करोड़ रुपये के आउटले के साथ कार्यान्वित कर रही है. ये स्कीम्स 2021-22 से शुरू होने वाली 5 साल की अवधि के लिए हैं और इनमें 60 लाख नए रोजगार सृजित करने की क्षमता है. श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की ओर से जारी किए गए एक बयान में कहा गया कि श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली (Rameswar Teli) ने राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह बात कही है.
बयान में कहा गया कि रोजगार और बेरोजगारी पर डेटा, पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) के माध्यम से एकत्र किया जाता है. यह सर्वे 2017-18 से सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) द्वारा आयोजित किया जाता है. सर्वेक्षण की अवधि अगले वर्ष जुलाई से जून तक है. ताजा वार्षिक PLFS रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2017-18 से 2021-22 के दौरान 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों की सामान्य स्थिति पर अनुमानित बेरोजगारी दर (यूआर) इस प्रकार थी.....
महाराष्ट्र में, 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए सामान्य स्थिति पर अनुमानित बेरोजगारी दर 2017-18 में 4.8% थी. जो घटकर 2021-22 में 3.5% हो. रोजगार सृजन और इंप्लॉयबिलिटी में सुधार सरकार की प्राथमिकता है. लिहाजा भारत सरकार ने देश में रोजगार सृजन के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं.
2020 में शुरू हुई थी PLI स्कीम
सरकार ने करीब 2 लाख करोड़ रुपये के आवंटन से 14 क्षेत्रों में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने के लिए वर्ष 2020 में PLI (Production Linked Incentive Scheme) योजना शुरू की थी. इन क्षेत्रों में वाहन एवं कलपुर्जा, हाई इफीशिएंसी सोलर पीवी मॉड्यूल्स, एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, दवा, कपड़ा, खाद्य उत्पाद और विशिष्ट इस्पात शामिल हैं.
इन स्कीम्स और प्रॉजेक्ट्स से भी रोजगार को दिया जा रहा बढ़ावा
सरकार रोजगार को बढ़ावा देने की दिशा में आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना, पीएम स्वनिधि, PMMY, NAPS जैसी योजनाओं के अलावा PMEGP, मनरेगा, DDU-GKY, DAY-NULM, PMKVY जैसे विभिन्न प्रॉजेक्ट्स को भी चला रही है. इन पहलों के अलावा, सरकार के विभिन्न प्रमुख कार्यक्रम जैसे मेक इन इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया, स्टैंड-अप इंडिया, डिजिटल इंडिया, हाउसिंग फॉर ऑल आदि भी रोजगार के अवसर पैदा करने की दिशा में काम कर रहे हैं. इन सभी पहलों से मीडियम से लेकर लॉन्ग टर्म में रोजगार सृजित होने की उम्मीद है.
Edited by Ritika Singh