नए साल में भारत में बने उत्पादों के इस्तेमाल का संकल्प लें: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में लोगों ने मजबूत कदम आगे बढ़ाया है और निर्माताओं तथा उद्योग जगत कक लिए ‘‘जीरो इफेक्ट, जीरो डिफेक्ट’’ की सोच के साथ काम करने का उचित समय है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को देशवासियों से नए साल में भारत में और ‘‘भारतीयों के पसीने’’ से बने उत्पादों का दैनिक जीवन में उपयोग करने का संकल्प लेने का आग्रह किया और निर्माताओं तथा उद्योग जगत से विश्वस्तरीय उत्पाद बनाना सुनिश्चित कर आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मजबूत कदम आगे बढ़ाने को कहा।
आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 72वें संस्करण में अपने विचार साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने यह बात कही। यह इस साल का आखिरी ‘मन की बात’ कार्यक्रम था।
कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘साल 2020 में चुनौतियां खूब आईं। संकट भी अनेक आए। कोरोना के कारण दुनिया में आपूर्ति श्रृंखला को लेकर अनेक बाधाएं भी आईं, लेकिन हमने हर संकट से नए सबक लिए।’’
प्रधानमंत्री ने पत्र के माध्यम से ‘मन की बात’ कार्यक्रम के लिए सुझाव भेजने वाले नागरिकों के अनुभवों को जिक्र करते हुए कहा कि लोग अब भारत में बने उत्पादों की मांग कर रहे हैं और यहां तक कि दुकानदार भी भारत में बने उत्पादों को बेचने पर जोर दे रहे हैं।
उन्होंने कहा, "देशवासियों की सोच में कितना बड़ा परिवर्तन आ रहा है और वह भी एक साल के भीतर-भीतर। इस परिवर्तन को आंकना आसान नहीं है। अर्थशास्त्री भी इसे अपने पैमानों पर तौल नहीं सकते।’’
पीएम मोदी ने कहा कि हर नए साल में देशवासी कोई न कोई संकल्प लेते हैं और इस बार भारत में बने उत्पादों का इस्तेमाल करने का संकल्प लें।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं देशवासियों से आग्रह करूंगा कि दिनभर इस्तेमाल होने वाली चीजों की आप एक सूची बनाएं। उन सभी चीजों की विवेचना करें और यह देखें कि अनजाने में कौन सी विदेश में बनी चीजों ने हमारे जीवन में प्रवेश कर लिया है तथा एक प्रकार से हमें बंदी बना दिया है। भारत में बने इनके विकल्पों का पता करें और यह भी तय करें कि आगे से भारत में बने, भारत के लोगों के पसीने से बने उत्पादों का हम इस्तेमाल करें।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में लोगों ने मजबूत कदम आगे बढ़ाया है और निर्माताओं तथा उद्योग जगत कक लिए ‘‘जीरो इफेक्ट, जीरो डिफेक्ट’’ की सोच के साथ काम करने का उचित समय है।
उन्होंने कहा, ‘‘वोकल फॉर लोकल आज घर-घर में गूंज रहा है। ऐसे में अब, यह सुनिश्चित करने का समय है, कि, हमारे उत्पाद विश्वस्तरीय हों। जो भी विश्व में सर्वश्रेष्ठ है, वो हम भारत में बनाकर दिखाएं। इसके लिए हमारे उद्यमी साथियों को आगे आना है। स्टार्टअप को भी आगे आना है।"
उन्होंने ‘‘वोकल फॉर लोकल’’ की भावना को बनाए रखने, बचाए रखने और बढ़ाते ही रहने का देशवासियों से आह्वान किया।
जीआई टैग ने कश्मीरी ‘केसर’ को दी विशिष्ट पहचान: पीएम
अपने विचार साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि अब कश्मीरी केसर का निर्यात बढ़ेगा तथा इससे ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनाने के प्रयासों को और मजबूती मिलेगी।
मई महीने में कश्मीरी केसर को मिले जीआई टैग का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीर का केसर बहुत विशिष्ट है और दूसरे देशों के केसर से बिलकुल अलग है। कश्मीर के केसर को जीआई टैग से एक अलग पहचान मिली है। इसके जरिए हम कश्मीरी केसर को एक वैश्विक लोकप्रिय ब्रांड बनाना चाहते हैं।’’
उन्होंने कहा कि केसर जम्मू और कश्मीर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करता है और यह सदियों से कश्मीर से जुड़ा हुआ है जो मुख्य रूप से पुलवामा, बडगाम और किश्तवाड़ जैसी जगहों पर उगाया जाता है।
जीआई टैग उन उत्पादों को मिलता है, जिनका एक विशिष्ट भौगोलिक मूल क्षेत्र होता है। जीआई टैग मिलना उस उत्पाद की गुणवत्ता और उसकी विशिष्टता को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कश्मीरी केसर वैश्विक स्तर पर एक ऐसे मसाले के रूप में प्रसिद्ध है, जिसके कई प्रकार के औषधीय गुण हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यह अत्यंत सुगन्धित होता है, इसका रंग गाढ़ा होता है और इसके धागे लंबे व मोटे होते हैं। यह इसकी औषधीय गुणवत्ता को बढ़ाते हैं।’’
प्रधानमंत्री ने बताया कि कश्मीरी केसर को जीआई टैग की पहचान मिलने के बाद दुबई के एक सुपर मार्केट में इसे लांच किया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘अब इसका निर्यात बढ़ने लगेगा। यह आत्मनिर्भर भारत बनाने के हमारे प्रयासों को और मजबूती देगा।’’
पीएम मोदी ने कहा कि केसर के किसानों को इससे विशेष रूप से लाभ होगा।
उन्होंने पुलवामा में त्राल के शार इलाके के रहने वाले अब्दुल मजीद वानी का उदाहरण दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वाणी अपने जीआई टैग मिले केसर को केसर राष्ट्रीय मिशन (एनएमएस) की मदद से पाम्पोर के व्यापार केंद्र में ई-व्यापार के जरिए बेच रहे हैं और उनके जैसे कई लोग कश्मीर में यह काम कर रहे हैं।
उन्होंने देशवासियों से आग्रह किया कि वे अगली बार जब भी केसर खरीदने का मन बनाएं तो कश्मीर का ही केसर खरीदने की सोचें।
पीएम मोदी ने कहा, ‘‘कश्मीरी लोगों की गर्मजोशी ऐसी है कि वहां के केसर का स्वाद ही अलग होता है और पाम्पोर इलाका केसर की खेती के लिए विख्यात है।’’
(साभार: PTI)