‘मन की बात’ में बोले पीएम मोदी ‘बिना वक्त गंवाए देश के विकास में दें योगदान’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2021 में आखिरी बार देशवासियों से अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम “मन की बात” के जरिए बात की। इस दौरान पीएम मोदी ने कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ‘ओमीक्रोन’ समेत कई मुद्दों पर चर्चा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 84वें एपिसोड को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने तमिलनाडु में हुए हेलिकॉप्टर क्रैश का जिक्र करते हुए ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को श्रद्धांजलि दी।
प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि महाभारत के युद्ध के समय, भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कहा था– ‘नभः स्पृशं दीप्तम्’ यानि गर्व के साथ आकाश को छूना। ये भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य भी है। मां भारती की सेवा में लगे अनेक जीवन आकाश की इन बुलंदियों को रोज गर्व से छूते हैं, हमें बहुत कुछ सिखाते हैं। ऐसा ही एक जीवन रहा ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का..
वरुण सिंह भी मौत से कई दिन तक जांबाजी से लड़े, लेकिन फिर वो भी हमें छोड़कर चले गए। वरुण सिंह, उस हेलीकॉप्टर को उड़ा रहे थे, जो इस महीने तमिलनाडु में हादसे का शिकार हो गया। उस हादसे में, हमने, देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत कई वीरों को खो दिया। वरुण जब अस्पताल में थे, उस समय मैंने सोशल मीडिया पर कुछ ऐसा देखा, जो मेरे ह्रदय को छू गया।
पीएम मोदी के संबोधन के बीच एक वीडियो प्ले किया गया। इसमें ग्रीस के बच्चों ने वंदे मातरम् की शानदार प्रस्तुति दी। पीएम ने बच्चों की तारीफ करते हुए कहा कि इससे पता चलता है कि दोनों देशों के आपसी संबंध कितने बेहतर हैं।
प्रधानमंत्री ने वैक्सीनेशन पर कहा कि देश ने 140 करोड़ डोज लगाकर बड़ा लक्ष्य हासिल किया है। यह गर्व की बात है।
उन्होंने ओमिक्रॉन वैरिएंट के खतरे के प्रति लोगों को आगाह किया। उन्होंने कहा कि कोरोना के नए वैरिएंट से हमें सावधान रहना होगा, ओमिक्रॉन पर लगातार शोध जारी है। हमारी सामूहिक शक्ति ही कोरोना को परास्त करेगी। वैश्विक महामारी को परास्त करने के लिए, हमें अनुशासन की जरूरत है। कोरोना के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट का हमारे वैज्ञानिक लगातार अध्ययन कर रहे हैं। हर रोज मिल रहे डेटा के आधार पर काम किया जा रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि वो आने वाले एग्जाम से पहले छात्रों से चर्चा की प्लानिंग कर रहे हैं। इसके लिए 28 दिसंबर से MyGov.in पर रजिस्ट्रेशन शुरू होगा जो 20 जनवरी तक चलेगा। इसमें 9 से 12वी क्लास तक के छात्र-छात्राएं टीचर, पैरेंट्स शामिल हो सकेंगे और इसमें एक आनलाइन प्रतियोगिता भी होगी। उन्होंने अपील की कि अधिक से अधिक लोग इससे जुड़ें।
पीएम ने कहा कि ऐसे समय में जब हमारा स्क्रीन टाइम बढ़ रहा है, बुक रीडिंग अधिक से अधिक लोकप्रिय बने, इसके लिए भी हमें मिलकर प्रयास करना होगा। उन्होंने जनता से अपील की कि सभी उन पांच किताबों के बारे में बनाएं जो आपकी पसंदीदा रही हैं। इस तरह से आप 2022 में दूसरे पाठकों को अच्छी किताबें चुनने में भी मदद कर सकेंगे। आगे कहा कि आजकल मैं देखता हूं कि लोग ये गर्व से बताते हैं इस साल मैंने इतनी किताबें पढ़ीं और अब आगे ये किताबें पढ़नी हैं। ये एक अच्छा ट्रेंड है, जिसे और बढ़ावा देना चाहिए। क्योंकि, किताबें सिर्फ ज्ञान ही नहीं देतीं बल्कि व्यक्तित्व भी संवारती हैं, जीवन को भी गढ़ती हैं। किताबें पढ़ने का शौक एक अद्भुत संतोष देता है।
प्रधानमंत्री ने कहा आज दुनियाभर में भारतीय संस्कृति के बारे में जानने को लेकर दिलचस्पी बढ़ रही है। अलग-अलग देशों के लोग न सिर्फ हमारी संस्कृति के बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं, बल्कि उसे बढ़ाने में भी मदद कर रहे हैं। मंगोलिया के 93 साल के प्रोफेसर जे.गेंदेधरम ने पिछले चार दशकों में भारत के करीब 40 प्राचीन ग्रंथों, महाकाव्यों व रचनाओं का मंगोलियन भाषा में अनुवाद किया है। सर्बियन स्कॉलर डॉ. मोमिर निकिच ने 70 की उम्र में संस्कृत भाषा सीखी है। इन्होंने तो एक बाइलिंगुअल डिक्शनरी भी तैयार की है। इसमें संस्कृत के 70 हजार से अधिक शब्दों का सर्बियन भाषा में अनुवाद किया गया है।