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'मन की बात' में बोले पीएम मोदी - मां की तरह मातृभाषा भी हमारे जीवन को गढ़ती है

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे इतिहास में, देश के कोने-कोने में एक-से-बढ़कर एक मूर्तियां हमेशा बनती रहीं, इसमें श्रद्धा भी थी, सामर्थ्य भी था, कौशल्य भी था और विवधताओं से भरा हुआ था एवं हमारे हर मूर्तियों के इतिहास में तत्कालीन समय का प्रभाव भी नजर आता है।

'मन की बात' में बोले पीएम मोदी - मां की तरह मातृभाषा भी हमारे जीवन को गढ़ती है

Sunday February 27, 2022 , 4 min Read

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज, 27 फरवरी को, अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने देश की भाषा से लेकर भारत से चोरी हुईं मूर्तियों को देश में वापस लाने पर बात की।

अपने संबोधन के दौरान सबसे पहले उन्होंने भारत से चोरी हुईं मूर्तियों को देश में वापस लाने पर बात की। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले सात वर्षों में, भारत ने 200 से अधिक कीमती मूर्तियों को सफलतापूर्वक वापस लाया है। पीएम मोदी ने कहा कि कुछ वर्ष पहले तमिलनाडु के वेल्लूर से भगवान आंजनेय्यर, हनुमान जी की प्रतिमा चोरी हो गई थी। हनुमान जी की ये मूर्ति भी 600-700 साल पुरानी थी। इस महीने की शुरुआत में, ऑस्ट्रेलिया में हमें ये प्राप्त हो गई। इसके अलावा इस महीने की शुरुआत में भारत इटली से अपनी एक बहुमूल्य धरोहर को लाने में सफल हुआ है। ये धरोहर अवलोकितेश्वर पद्मपाणि की हज़ार साल से भी ज़्यादा पुरानी प्रतिमा है। ये मूर्ति कुछ वर्ष पहले बिहार में गया के देवी स्थान कुंडलपुर मंदिर से चोरी हो गई थी।

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे इतिहास में, देश के कोने-कोने में एक-से-बढ़कर एक मूर्तियां हमेशा बनती रहीं, इसमें श्रद्धा भी थी, सामर्थ्य भी था, कौशल्य भी था और विवधताओं से भरा हुआ था एवं हमारे हर मूर्तियों के इतिहास में तत्कालीन समय का प्रभाव भी नजर आता है।

पीएम मोदी ने कहा कि अतीत में बहुत सारी मूर्तियां चोरी होकर भारत से बाहर जाती रहीं। कभी इस देश में, तो कभी उस देश में ये मूर्तियां बेचीं जाती रहीं। न उनको उसके इतिहास से लेना देना था, श्रद्धा से लेना देना था। इन मूर्तियों को वापस लाना, भारत मां के प्रति हमारा दायित्व है।

मन की बात

पीएम मोदी ने कहा क जो विद्वान लोग हैं, वो मातृभाषा शब्द कहां से आया इसकी उत्पत्ति कैसे हुई, इसे लेकर बहुत अकादमिक इनपुट दे सकते हैं। जैसे हमारे जीवन को हमारी मां गढ़ती है, वैसे ही मातृभाषा भी हमारे जीवन को गढ़ती है। जैसे हम अपनी मां को नहीं छोड़ सकते वैसे ही अपनी मातृभाषा को भी नहीं छोड़ सकते। पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी कुछ लोग ऐसे मानसिक द्वन्द में जी रहे हैं जिसके कारण उन्हें अपनी भाषा, अपने पहनावे, अपने खान-पान को लेकर एक संकोच होता है, जबकि, विश्व में कहीं और ऐसा नहीं है।

भारत में विश्व की सबसे पुरानी भाषा तमिल है। साल 2019 में, हिन्दी, दुनिया की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में तीसरे क्रमांक पर थी। आज के दिन, यानी, 27 फरवरी को मराठी भाषा गौरव दिवस भी है | 'सर्व मराठी बंधु भगिनिना मराठी भाषा दिनाच्या हार्दिक शुभेच्छा।'

तंजानिया के भाई-बहन किलि पॉल और उनकी बहन नीमा ये बहुत चर्चा में हैं और मुझे पक्का भरोसा है आपने भी उनके बारे में जरूर सुना होगा। उनके अंदर भारतीय संगीत को लेकर एक जुनून है, एक दीवानगी है और इसी वजह से वे काफी लोकप्रिय भी हैं। पीएम मोदी ने कहा कि हाल ही में गणतंत्र दिवस के अवसर पर हमारा राष्ट्रगान 'जन गण मन' गाते हुए उनका वीडियो खूब वायरल हुआ था। कुछ दिन पहले उन्होंने लता दीदी का गाना गाकर भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी थी। मैं दोनों भाई-बहन की क्रिएटिविटी की सराहना करता हूं।

पीएम मोदी ने कहा कि पिछले सात वर्षों में देश में आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार पर बहुत ध्यान दिया गया है। इसी महीने की शुरुआत में Ayush Startup चैलेंज शुरू हुआ है। इस चैलेंज का लक्ष्य इस क्षेत्र में काम करने वाले स्टार्टअप्स को पहचान करके उन्हें बढ़ावा देना है।

पीएम मोदी ने कहा कि एक बार जब लोग मिलकर के कुछ करने की ठान लें, तो वो अद्भुत चीजें कर जाते हैं। 'मिशन जल थल' नाम का एक जन आंदोलन कश्मीर के श्रीनगर में चल रहा है। यह श्रीनगर की झीलों और तालाबों की साफ-सफाई और उनकी पुरानी रौनक लौटाने का एक अनोखा प्रायास है।

पीएम मोदी ने कहा कि 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। यह दिन रमण इफेक्ट की खोज के लिए भी जाना जाता है। मैं सीवी रमण के साथ उन सभी वैज्ञानिक को श्रद्धांजलि देता हूं जिन्होंने हमारी विज्ञान यात्रा में अहम योगदान दिया है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारतीय वैज्ञानिकों की भूमिका काबिले तारीफ है। उनकी कड़ी मेहनत के कारण ही मेड इन इंडिया वैक्सीन का निर्माण संभव हो सका।

पीएम मोदी ने कहा कि आज चाहे स्किल इंडिया हो या स्वयं सहायता समूह हो, या छोटे बड़े उद्योग हो, महिलाओं ने हर जगह मोर्चा संभाला हुआ है। सेना में भी बेटियां अब नई और बड़ी भूमिकाओं में ज़िम्मेदारी निभा रही हैं। गणतंत्र दिवस पर हमने देखा कि आधुनिक फाइटर प्लेन को भी बेटियां उड़ा रही हैं।