भारत को 29 जुलाई को मिलेगा पहला इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज
इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज भारत में सोने के वित्तीयकरण को बढ़ावा देने के अलावा जवाबदेह सोर्सिंग और गुणवत्ता के भरोसे के साथ एफीशिएंट प्राइस डिस्कवरी की सुविधा भी प्रदान करेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) शुक्रवार 29 जुलाई को गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (GIFT City) में देश के पहले अंतरराष्ट्रीय बुलियन एक्सचेंज ‘इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज’ (India International Bullion Exchange) की शुरुआत करेंगे. वह इस दौरान अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFSCA) के मुख्यालय भवन की आधारशिला भी रखेंगे. इस बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से बयान जारी किया गया है.
इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज भारत में सोने के वित्तीयकरण को बढ़ावा देने के अलावा जवाबदेह सोर्सिंग और गुणवत्ता के भरोसे के साथ एफीशिएंट प्राइस डिस्कवरी की सुविधा भी प्रदान करेगा. यह भारत को वैश्विक सर्राफा बाजार में अपना सही स्थान हासिल करने और अखंडता और गुणवत्ता के साथ वैश्विक मूल्य श्रृंखला की सेवा करने के लिए सशक्त बनाएगा. यह भारत को एक प्रमुख उपभोक्ता के रूप में वैश्विक सर्राफा बाजार की कीमतों को प्रभावित करने में सक्षम बनाने के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि भी करता है.
NSE IFSC-SGX कनेक्ट का भी शुभारंभ
प्रधानमंत्री NSE IFSC-SGX कनेक्ट का भी शुभारंभ करेंगे. इस कनेक्ट के तहत सिंगापुर एक्सचेंज लिमिटेड के सदस्यों द्वारा दिए गए निफ्टी योगिको (डेरिवेटिव्ज) पर सभी ऑर्डर का 'NSE-IFSC ऑर्डर मैचिंग और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म' पर भेजकर मिलान किया जाएगा. यह कनेक्ट GIFT-IFSC में डेरिवेटिव्ज बाजारों में लिक्विडिटी को मजबूत बनाकर अधिक से अधिक अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभागियों को साथ लाएगा. साथ ही GIFT-IFSC में वित्तीय इकोसिस्टम पर सकारात्मक प्रभाव का भी सृजन करेगा. इस कनेक्ट के माध्यम से भारत और अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्रों से ब्रोकर-डीलरों द्वारा डेरिवेटिव्ज के व्यापार के लिए बड़ी संख्या में भाग लेने की उम्मीद है.
Edited by Ritika Singh