गुजरात की प्रीति पटेल और आगरा के आलोक शर्मा ब्रिटेन में मंत्री बने
"मॉरिशस, अमेरिका, कनाडा, नेपाल हो या ब्रिटेन, अपने मुल्क से बाहर विदेशों में जब भी कोई भारतीय चमकता सितारा बन जाता है, उस पर हर हिंदुस्तानी को गर्व होता है। ऐसे ही हैं भारतीय मूल आगरा के आलोक शर्मा, जो ब्रिटेन की नई सरकार में अंतरराष्ट्रीय विकास राज्य मंत्री और गुजरात मूल की प्रीति पटेल गृहमंत्री बनी हैं।"
ब्रिटेन की सत्ता संभालते ही प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपनी कैबिनेट में दो भारतीय मूल के भी मंत्री बनाए हैं, जिनमें से एक हैं गुजराती मूल की प्रीति पटेल और दूसरे हैं आगरा के आलोक शर्मा। 47 वर्षीय प्रीति पटेल को देश का नया गृहमंत्री और आलोक शर्मा को अंतरराष्ट्रीय विकास राज्य मंत्री बनाया गया है। प्रीति पटेल को इससे पहले जून 2016 में ब्रिटेन का इंटरनेशनल डेवलपमेंट मंत्री बनाया गया था लेकिन उसके अगले साल 2017 में उनकी निजी इसराइल यात्रा को लेकर विवाद हो गया। उस वक्त वह इंटरनेशनल डेवलपमेंट सेक्रेटरी थीं। विवाद इस बात का रहा कि वह तो निजी पारिवारिक छुट्टियों पर इसराइल गई थीं लेकिन वहां जाकर ब्रितानी सरकार या इसराइल में ब्रितानी दूतावास को कोई जानकारी दिए बिना वहां के प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू और अन्य इसराइली अधिकारियों से क्यों मिलीं। उसके बाद उनको इंटरनेशनल डेवलपमेंट सेक्रेटरी पद से इस्तीफ़ा देना पड़ गया था लेकिन अब उनकी शानदार वापसी हुई है। एक बार फिर, वह कंज़र्वेटिव पार्टी का चमकता सितारा बन गई हैं।
प्रीति का जन्म गुजरात मूल के भारतीय माता-पिता के घर हुआ था। उनके माता-पिता गुजरात से युगांडा चले गए थे। 1960 के दशक में वहां से सपरिवार उन्हे जाना पड़ा और जाकर लंदन में बस गए, वहीं प्रीति ने जन्म लिया। उन्होंने वैटफ़ोर्ड ग्रामर स्कूल फ़ॉर गर्ल्स से अपनी पढ़ाई-लिखाई पूरी की। उन्हे कील और एसेक्स यूनिवर्सिटी से उच्च शिक्षा मिली उसके बाद वह बीस साल से भी कम उम्र में कंज़र्वेटिव पार्टी में शामिल हो गईं। कुछ समय तक कंज़र्वेटिव पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में नौकरी करती रहीं। उन्होंने शराब बनाने वाली प्रमुख कंपनी डायजीयो में भी काम किया।
प्रीति 1995 में वह यूरोपीय संघ विरोधी रेफ़रेंडम पार्टी की प्रवक्ता बन गईं लेकिन 1997 में वह फिर कंज़रवेटिव पार्टी में लौटकर डिप्टी प्रेस सेक्रेटरी बन गईं। सबसे पहले वह 2005 में नॉटिंगघम सीट से चुनाव लड़ीं और हार गईं। वह सबसे पहले वर्ष 2010 में विटहैम सीट से ब्रिटेन की सांसद, 2014 में ट्रेज़री मंत्री और 2015 के आम चुनावों के बाद रोज़गार मंत्री बनीं। वह पूर्व प्रधानमंत्री मारग्रेट थैचर को अपना आदर्श मानती हैं। वह ब्रिटेन में समलैंगिक शादियों के ख़िलाफ़ मतदान और धूम्रपान पर प्रतिबंध के ख़िलाफ़ अभियान चला चुकी हैं। पिछली ब्रितानी सरकार में विकासशील देशों को दी जाने वाली आर्थिक मदद का काम वही देखती रही हैं। उनको इसराइल का पुराना समर्थक और यूरोपीय संघ का आलोचक माना जाता है।
आगरा में पैदा हुए ब्रिटेन के नए अंतरराष्ट्रीय विकास राज्य मंत्री 51 वर्षीय आलोक शर्मा पांच साल की उम्र में ही अपने माता-पिता के साथ रीडिंग (ब्रिटेन) चले गए थे। वहीं पढ़-लिखकर वह चार्टर्ड एकाउंटेंट बन गए। उसके बाद लगभग डेढ़ दशक तक वह बैंकिंग सेक्टर में काम करते रहे। अपनी राजनीतिक दिलचस्पी के चलते वह 2010 में रीडिंग वेस्ट से चुनाव लड़े और वहां के सांसद बन गए। उसके बाद जून 2017 में उनको ब्रिटेन का हाउसिंग मिनिस्टर बना दिया गया। अगले साल जनवरी 2018 में वह रोज़गार मामलों के राज्यमंत्री बना दिए गए।
आलोक शर्मा के ही कार्यकाल में जब ग्रीनफेल टावर में आग लगी तो 5 जुलाई 2017 को हाउस ऑफ़ कॉमन्स में उस हादसे पर बयान देते वक़्त वे भावुक हो गए थे। आलोक शर्मा भारत में 22 अक्टूबर 2016 इंदौर में आयोजित वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन में ब्रिटेन के 28 कंपनियों के प्रतिनिधिमंडल की अगुआई भी कर चुके हैं।