डेटा के आधार पर आपकी स्किन प्रॉब्लम्स को हल कर रहा है हैदराबाद स्थित स्टार्टअप स्किनक्राफ्ट
बड़े पैमाने पर मौजूद मल्टी-बिलियन-डॉलर वाली स्किनकेयर और कॉस्मेटिक्स इंडस्ट्री के पास हर समस्या का समाधान होता है, लेकिन बड़े पैमाने पर बनने वाले लोशन और क्रीम किसी खास कंडीशन में कितने प्रभावी होते हैं? इसको लेकर अभी भी कई सवाल हैं। हालांकि तकनीक से प्रेरित इस युग में, इसका (कस्टमाइज्ड) सलूशन अब दूर नहीं है। उदाहरण के लिए, हैदराबाद स्थित स्किनक्राफ्ट को ही ले लें। 2017 में स्थापित यह स्टार्टअप भारतीय महिलाओं के लिए एक कस्टमाइज्ड स्किनकेयर रिजाइम प्रदान करता है। इसने 2018 के मिड में ऑनलाइन रिटेलिंग शुरू की थी।
स्किनक्राफ्ट के सीईओ चैतन्या नल्लन कहते हैं, “स्किनक्राफ्ट का जन्म वर्तमान स्किनकेयर इंडस्ट्री में मौजूद दो समस्याओं के चलते हुआ: पहला, महिलाओं को अक्सर बुनियादी स्किनकेयर प्रोडक्ट्स नहीं मिलते और वे लगातार एक्सपेरिमेंट करती रहती हैं। और दूसरा, अपने उपभोक्ताओं के बीच निराशा के बढ़ते स्तर के बावजूद, स्किनकेयर ब्रांड बड़े पैमाने पर बाजार को वही पुराने फार्मुलेशन देना चाहते हैं। इसके कारण हमें स्किनक्राफ्ट स्थापित करना पड़ा।” स्टार्टअप ने अब तक चार लाख से अधिक महिलाओं को उनकी त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद की है।
सवाल उठता है कि स्किनकेयर में डेटा-संचालित कस्टमाइजेशन क्या है? जिस तरह से एक त्वचा विशेषज्ञ (dermatologist) अपने कस्टमर की स्किन का पूरा मूल्यांकन करता है ठीक उसी तरह स्किनक्राफ्ट भी अपने ग्राहक की मौजूदा स्किन रिक्वायरमेंट्स का विश्लेषण करता है और उसकी एक स्किन प्रोफाइल बनाता है। इसके आधार पर, कस्टमर का एक विस्तृत चार्ट तैयार किया जाता है। इस चार्ट में कस्टमर की प्रॉब्लम एरिया और उनको ठीक करने के लिए जरूरी इनग्रेडिएंट्स का पूरा ब्यौरा होता है। इन सबके बाद कस्टमर को कस्टमाइज्ड स्किनकेयर रिजाइम के बारे में बताया जाता है। इस रिजाइम में कस्टमर की स्किन प्रोफाइल में मौजूद स्पेसिफिक रिक्वायरमेंट के तहत सारे इनग्रेडिएंट्स शामिल होते हैं। चैतन्य कहते हैं, ''डेटा स्किनक्राफ्ट के मूल में है - पहली बार कोई कॉस्मेटिक प्रोडक्ट ऐसे डिजाइन किया गया है जो डेटा के आधार पर चलता है।"
स्टार्टअप का बेस हैदराबाद और बेंगलुरु में है। वह कहते हैं, “हैदराबाद इसलिए है क्योंकि यहां फार्मा का शानदार बेस है जिससे हमें फार्मूलेशन के लिए अच्छा रिसोर्स मिलता है। वहीं बेंगलुरू इसलिए है क्योंकि यहां कि टेक फाउंडेशन काफी मजबूत है। हम डेटा को देखते हैं और बेहतर प्रोडक्ट बनाने के तरीके का पता लगाते हैं। लेकिन इसके लिए हमें डेटा इंजीनियरों की आवश्यकता होती है और उसके लिए बेंगलुरु एक बड़ा हब है।”
स्किनक्राफ्ट की स्थापना चैतन्य, वीरेंद्र शिवहरे (सीटीओ) और संग्राम सिम्हा (सीएमओ) ने की थी। आईआईटी, खड़गपुर और इंटरनेशनल स्कूल ऑफ बिजनेस (आईएसबी), हैदराबाद के पूर्व छात्र चैतन्य को हाई-परफॉर्मेंस वाले तकनीकी स्टार्टअप का निर्माण करने और उसे आगे बढ़ाने का एक दशक का अनुभव है, जिसमें भारत की पहली परमीशन-ड्राइविन मोबाइल ऐड प्लेटफॉर्म कंपनी कंपनी एमजिंजर (mGinger) भी शामिल है। वीरेंद्र के पास तकनीक स्टार्टअप, मोबाइल टेक्नोलॉजी, स्ट्रेटजी और इनोवेशन में लगभग दो दशकों का अनुभव है। वह एक टेक उद्यमी हैं। चैतन्य और वीरेंद्र पूर्व में mGinger और Infosys में साथ काम कर चुके हैं। वे 2012 में कैरेटलेन के एक्स-मार्केटिंग हेड संग्राम से मिले। तब संग्राम पहले से ही स्किनक्रॉफ्ट की मूल कंपनी IncNut का हिस्सा स्टाइलक्रेज का निर्माण कर रहे थे।
IncNut Digital एक वैश्विक मीडिया कंपनी है जो महिलाओं की ब्युटी, वेलनेस और पैरेटिंग पर केंद्रित है। स्किनक्राफ्ट, और स्टाइलक्रेज डॉट कॉम के अलावा, IncNut मॉम जंक्शन (MomJunction), और वेडिक्स (Vedix) भी चलाती है। मॉम जंक्शन एक प्रेगनेंसी और पैरेंटिंग पर आधारिक पोर्टल है तो वहीं वेडिक्स कस्टमाइज्ड आयुर्वेदिक हेयर केयर पोर्टल है। IncNut ने शुरुआत में 2013 में वेंचर ईस्ट से 50 लाख रुपये की सीड फंडिंग हासिल की थी। 2018 में, जापानी समूह ब्रांड Istyle ने वेंचर ईस्ट की हिस्सेदारी 28 करोड़ रुपये में हासिल कर ली।
स्किनक्राफ्ट बॉक्स में क्या है?
जब कोई ग्राहक साइट पर विजिट करता है तो उसे वहां पर एक 'स्किनआईडी' क्वेश्नेयर मिलता है जिसे स्किन विशेषज्ञ द्वारा डिजाइन किया गया है। इसके बाद यह एक क्लीन्जर, एक मॉइस्चराइजर, और एक स्किन इश्यू-स्पेसिफिक प्रोडक्ट के साथ थ्री-स्टेप कस्टमाइज्ड रुटीन को पूरा करने की सलाह देता है। रेजिमेन किट (regimen kit) 999 रुपये से शुरू होती है।
स्किनक्राफ्ट डार्क स्पॉट्स, डार्क पैच, स्किन लाइटनिंग/टैनिंग और मुंहासे जैसे सामान्य कॉम्प्लेक्शन इश्यू को एड्रेस करता है। क्वेश्नेयर में मौजूदा स्किन हेल्थ मार्कर्स के अलावा ग्राहक की लाइफस्टाइल से संबंधित कई सवाल पूछे जाते हैं। इसके अलावा, स्किन के प्रकार - नॉर्मल, ऑइली, कॉम्बीनशन या ड्राई के आधार पर फार्मीलेशन तैयार किए जाते हैं। तब कंपनी प्रत्येक किट को व्यक्ति की जरूरतों के अनुसार कस्टमाइज करती है।
स्टार्टअप का दावा है कि इसके प्रोडक्ट इस तरह से डिजाइन किए गए हैं कि ये त्वचा के लिए काफी आरामदायक होते हैं और ये हानिकारक केमिकल कम्पाउंड और पराबेंस, फथलेट्स, एसएलएस और फॉर्मेल्डिहाइड जैसे रासायनिक तत्वों से मुक्त हैं। प्रोडक्ट क्रूरता-मुक्त भी हैं और नैतिक रूप से निर्मित हैं।
चैतन्य बताते हैं, "सभी स्किनक्राफ्ट उत्पादों को भारतीय, ताइवानी, और जापानी डर्मेटो-कॉस्मेटोलॉजिस्ट, फार्मासिस्ट और फार्मास्युटिकल इंजीनियरों के साथ गहन रिसर्च और सहयोग के 10,000 घंटे से अधिक समय में तैयार किया जाता है।"
स्किनक्राफ्ट के टारगेट ऑडियंस 24-45 आयु वर्ग की महिलाएं हैं, जिनमें से अधिकांश मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद, बेंगलुरु और कोलकाता सहित टियर -1 शहरों से हैं। चैतन्य कहते हैं, “स्किनक्राफ्ट ब्रांड का निर्माण खुद इस प्रोडक्ट ने किया है। हमने वर्ड ऑफ माउथ के जरिए एक नेटवर्क बनाया है। इसलिए, हमें ब्रांडिंग पर कुछ भी खर्च नहीं करना है।”
द फेस ऑफ फ्यूचर स्किनकेयर ट्रेंड्स
2017 में रेडसीर कंसल्टिंग द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, 25 प्रतिशत के सीएजीआर के साथ 2025 तक भारतीय कॉस्मेटिक इंडस्ट्री का लगभग 20 बिलियन डॉलर तक बढ़ने की उम्मीद है। इसकी तुलना में ग्लोबल कॉस्मेटिक मार्केट 4.3 प्रतिशत सीएजीआर से लगातार बढ़ रहा है और 2025 तक लगभग 450 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। इसका मतलब यह है कि 2025 तक, भारत टोटल ग्लोबल कॉस्मेटिक मार्केट का पांच प्रतिशत हो जाएगा और राजस्व के हिसाब से टॉप पांच ग्लोबल मार्केट्स में से एक बन जाएगा।
लोग अधिक कस्टमाइज्ड सलूशन की ओर बढ़ेंगे। चैतन्य कहते हैं, "हम मानते हैं कि तीन में से एक महिला 2025 तक कस्टमाइज्ड प्रोडक्ट की ओर बढ़ेगी। यह तीन महत्वपूर्ण ट्रेंड्स के चलते ऐसा होगा: बड़े पैमाने पर इंटरनेट को अपनाने से फीडबैक लूप और यूजर्स इनपुट, एआई-इनैबल्ड समझ, और मॉडर्न मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी। अगले पांच से 10 वर्षों में ये एक महत्वपूर्ण बदलाव का कारण बनेंगे।"
कस्टमाइज्ड स्किनकेयर स्पेस में अन्य प्लेयर्स में क्लिनिक (Clinique), फ्रेशिस्ट्री, विक्का (Wikka), जस्ट हर्ब्स, Y'OUR Skin और न्याका रूटीन फाइंडर शामिल हैं। Clinique ने हाल ही में अपनी पर्सनलाइज्ड मॉइस्चराइजर रेंज लॉन्च की है। चैतन्य का कहना है कि करीब दस लाख महिलाओं ने अपनी स्किनआईडी का रजिस्ट्रेशन करवाया है और अपनी त्वचा का गहन विश्लेषण कराया है। कंपनी का दावा है कि उसने बहुत कम समय में 8 मिलियन डॉलर के वार्षिक रन रेट (ARR) से ग्रो किया है।चैतन्य कहते हैं, "हम पहले से ही प्रोफिट में हैं और हर महीने लगभग 30-40 प्रतिशत ग्रो कर रहे हैं।"