इंडिया गेट पर नागरिकता कानून के खिलाफ विद्यार्थियों के प्रदर्शन में शामिल हुईं प्रियंका गांधी
दिल्ली में इंडिया गेट पर #CAA के खिलाफ विद्यार्थियों के प्रदर्शन में शामिल हुईं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी। प्रदर्शन के दौरान प्रियंका गांधी के साथ उनकी बेटी मिराया भी थी। इस सप्ताह में यह दूसरी बार है जब प्रियंका गांधी ने इंडिया गेट पर इस नए कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया है।
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी संशोधित नागरिकता कानून और प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी राष्ट्रीय नागरिक पंजी के खिलाफ यहां इंडिया गेट पर विद्यार्थियों द्वारा किये जा रहे प्रदर्शन में शामिल हुईं और उन्होंने सरकार पर ‘गरीब विरोधी’ होने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि
‘‘सरकार चाहती है कि हर व्यक्ति अपनी नागरिकता साबित करने के लिए उसी तरह लाइन में खड़ा हो, जिस तरह वह नोटबंदी के बाद खड़ा हुआ था।’’
बड़ी संख्या में लोग नये नागरिकता कानून और प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी एनआरसी के खिलाफ अपना असंतोष प्रकट करने के लिए यहां इंडिया गेट पर पहुंचे थे।
‘आजादी’, ‘नो एनआरसी’, ‘नो सीएए’ के नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि नया कानून वापस लिया जाए।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ कई प्रदर्शन हुए हैं।
विद्यार्थियों के साथ इस प्रदर्शन में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा,
‘‘यह मूल रूप से गरीब विरोधी है। सबसे अधिक प्रभावित गरीब होंगे। यदि किसी को अपनी जमीन के पुराने दस्तावेज निकालने होंगे,तो क्या वे ऐसा कर पायेंगे? कया आपके दादा-दादी ऐसा कर पायेंगे?’’
आपको बता दें कि प्रियंका गांधी के साथ इस प्रदर्शन के दौरान उनकी बेटी मिराया भी थी। इस सप्ताह में यह दूसरी बार है जब प्रियंका गांधी ने इंडिया गेट पर इस नए कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है। इससे पहले वे जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के समर्थन में बीते 16 दिसंबर को इंडिया गेट पर धरने में शामिल हुई थीं। जहां कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि छात्रों के साथ मारपीट देश की आत्मा पर हमला है।
आपकों बता दें कि इन प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों के खिलाफ बीते रविवार को पुलिस ने कथित रूप से कार्रवाई की थी।
प्रियंका गांधी ने कहा कि वह प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता दिखाने आयी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए क्योंकि लोकतंत्र में सभी को विरोध करने का अधिकार है।
(Edited by रविकांत पारीक )