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सुप्रीम कोर्ट को मिले पांच नए जज, जानिए वे कौन हैं

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने दिलाई पांच नए जजों को शपथ. पढि़ए उनका विस्‍तृत परिचय.

सुप्रीम कोर्ट को मिले पांच नए जज, जानिए वे कौन हैं

Monday February 06, 2023 , 5 min Read

सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया को आज 5 नए जज मिलने जा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट में वर्तमान में 27 जज हैं. इन पांच नए जजों की नियुक्ति के साथ जजों की संख्‍या बढ़कर 32 हो जाएगी. भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ आज सुबह 6 फरवरी को सभी 5 नए जजों को शपथ दिलवाई.

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा केंद्र को भेजे गए प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद इन पांच न्यायाधीशों को सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत किया गया है. कॉलेजियम ने पिछले साल दिसंगर में केंद्र से पांच जजों के नामों की सिफारिश की थी. इस फेहरिस्‍त में तीन और नए नाम 31 जनवरी, 2023 को केंद्र सरकार के पास भेजे गए.

यह प्रस्‍ताव पिछले कुछ समय से केंद्र सरकार के पास अटका हुआ था. उसे फाइनल मंजूरी मिलने के बाद इन पांच न्‍यायाधीशों की नियुक्ति का रास्‍ता साफ हो गया. शनिवार को भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उस पर हस्‍ताक्षर कर फाइनल मंजूरी दे दी. सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की कुल स्वीकृत संख्या 34 है.  

जिन पांच नए जजों की नियुक्ति की जा रही हैं, वे हैं- राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति पंकज मित्तल, पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल, मणिपुर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति पीवी संजय कुमार, पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा. इन पांच नामों में तीन चीफ जस्टिस हैं और दो जस्टिस. 

आइए विस्‍तार से जानते हैं कि ये पांच नए न्‍यायाधीश कौन हैं.

न्यायमूर्ति पंकज मित्‍तल

जस्टिस पंकज मित्‍तल को पिछले साल अक्टूबर में राजस्थान हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था. राजस्‍थान में नियुक्ति से पहले जस्टिस मित्‍तल जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट में भी मुख्‍य न्‍यायाधीश रह चुके हैं. वर्ष 1985 में वह उत्तर प्रदेश बार काउंसिल में शामिल हुए. जस्टिस​​​​​​​ पंकज इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस भी रह चुके हैं.

17 जून,1961 को उत्तर प्रदेश के शहर मेरठ में जन्‍मे जस्टिस पंकज मित्‍तल वकीलों के परिवार से ताल्‍लुक रखते हैं. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेंट मैरी एकेडमी, मेरठ से प्राप्त की. उसके बाद उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से बीकॉम किया. लॉ की पढ़ाई उन्‍होंने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ से पूरी की.  

जस्टिस मित्‍तल के दादाजी बाबू बृजनाथ मिथल पश्चिमी यूपी के नामी वकील थे. वह मेरठ कॉलेज में कानून विभाग के हेड भी रह चुके हैं. उनके चाचा रघुवर दयाल मित्‍तल भी मेरठ बार के दिग्गज वकीलों में थे. उनके पिता, न्यायमूर्ति नरेंद्र नाथ मित्‍तल मेरठ के जिला न्यायालय में सिविल वकील थे. दिसंबर 1978 से लेकर अप्रैल 1992 तक वह इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश भी रहे.

न्‍यायमूर्ति संजय करोल

सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति से नवंबर, 2019 में जस्टिस संजय करोल को पटना हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्‍त किया गया था. इससे पहले वे त्रिपुरा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस थे. त्रिपुरा से पहले वह हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में भी कार्यवाहक चीफ जस्टिस रह चुके इैं.

जस्टिस संजय करोल का जन्‍म 1961 में शिमला में हुआ था. उन्होंने अपनी स्‍कूली शिक्षा शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल से पूरी की. उसके बाद संजौली के  गवर्नमेंट कॉलेज से इतिहास विषय लेकर ग्रेजुएशन किया. कानून की डिग्री उन्‍होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से पूरी की. वर्ष 1983 में उन्होंने बतौर वकील प्रैक्टिस शुरू की और कई अलग-अलग निचली अदालतों और हाईकोर्ट में काम किया.  

न्‍यायमूर्ति ​​​​​​​ ​​​​​​​पीवी संजय कुमार

जस्टिस पुलिगुरु वेंकट संजय कुमार सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनने से पहले मणिपुर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे. इसके पहले वह पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट और तेलंगाना हाईकोर्ट के भी न्यायाधीश रह चुके हैं.

पी.वी. कुमार का जन्म 14 अगस्त 1963 को हैदराबाद में हुआ था. पिता पी. ​​रामचंद्र रेड्डी आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के वकील थे. संजय कुमार ने हैदराबाद के  निज़ाम कॉलेज से कॉमर्स में ग्रेजुएशन करने के बाद 1988 में दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई पूरी की. अगस्त, 1988 में वह आंध्र प्रदेश बार काउंसिल में शामिल हुए और कानून की प्रैक्टिस की. 

वर्ष  2000 से 2003 तक वह आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में सरकारी वकील भी रहे.  अगस्त, 2008 में उन्‍हें तेलंगाना उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्‍त किया गया. जनवरी, 2010 में उन्‍हें तेलंगाना उच्च न्यायालय का स्थायी न्यायाधीश नियुक्‍त किया गया.   

न्‍यायमूर्ति ​​​​​​​अहसानुद्दीन अमानुल्लाह

सुप्रीम कोर्ट से पहले जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह पटना हाईकोर्ट के न्‍यायाधीश थे. पटना हाईकोर्ट बतौर जस्टिस​​​​​​​ उनकी नियुक्ति वर्ष 2011 में हुई. उसके बाद वह आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस बने और जून, 2022 में दोबारा पटना हाईकोर्ट आ गए.

जस्टिस अमानुल्लाह का जन्म 11 मई, 1963 को बिहार में हुआ था. उनके पिता नेहलुद्दीन अमानुल्लाह शहर के ख्‍यात लोगों में थे. स्‍कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्‍होंने पहले केमेस्‍ट्री विषय लेकर ग्रेजुएशन किया और फिर पटना लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई की.

वर्ष 1991 को चह बिहार राज्य बार काउंसिल में शामिल हुए और पटना हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे. पटना हाईकोर्ट के अलावा वह सुप्रीम कोर्ट,  दिल्ली हाईकोर्ट, कलकत्ता हाईकोर्ट और झारखंड हाईकोर्ट में भी समय-समय पर जाते रहे. उन्हें संवैधानिक और सेवा कानूनों में विशेषज्ञता रखने के लिए जाना जाता है. इसके अलावा वह कॉर्पोरेट, वन, बोर्ड, निगम, मध्यस्थता और अवमानना के केसेज के लिए भी ख्‍यात रहे हैं.

न्‍यायमूर्ति​​​​​​​ मनोज मिश्रा

जस्टिस मनोज मिश्रा का जन्म 2 जून 1965 को हुआ था. भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बनने से पहले वह इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस थे.  

  

वर्ष 1988 में उन्‍होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री ली और दिसंबर, 1988 से बतौर वकील इलाहाबाद हाईकोर्ट में ही प्रैक्टिस करने लगे. वहां उन्‍होंने नागरिक, राजस्व, आपराधिक और संवैधानिक मामलों से जुड़े मुकदमों में महारत हासिल की. 21 नवंबर, 2011 को उन्‍हें इलाहाबाद हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया. उसके बाद अगस्त, 2013 बतौर न्‍यायाधीश उनकी नियुक्ति स्थाई हो गई.


Edited by Manisha Pandey