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इस आंत्रप्रेन्योर ने खड़ी की 75 करोड़ रुपये के रेवेन्यू वाली कंपनी, डेयरी सेक्टर को मुहैया कराती है तकनीकी समाधान, अमूल, मदर डेयरी जैसे ब्रांड हैं इसके क्लाइंट

पढ़िए कैसे अहमदाबाद स्थित प्रॉम्प्ट इक्विपमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड (Prompt Equipments Pvt. Ltd) लगभग 50,000 गांवों में डेयरी किसानों को टेक्नोलॉजी अपनाने में सक्षम बना रही है। यह कंपनी अमूल, मदर डेयरी और हेरिटेज जैसे बड़े डेयरी ब्रांडों के साथ टेक्नोलॉजी फैसिलिटेटर के रूप में भी काम करती है।

इस आंत्रप्रेन्योर ने खड़ी की 75 करोड़ रुपये के रेवेन्यू वाली कंपनी, डेयरी सेक्टर को मुहैया कराती है तकनीकी समाधान, अमूल, मदर डेयरी जैसे ब्रांड हैं इसके क्लाइंट

Monday May 31, 2021 , 6 min Read

1970 में भारत में दुनिया के सबसे बड़े डेयरी विकास कार्यक्रम, 'ऑपरेशन फ्लड' शुरू होने से पहले, देश केवल 21.2 मिलियन टन (MT) दूध का उत्पादन कर रहा था, जो बाद में 1979-80 तक बढ़कर 30.4 MT, 1989-90 तक 51.4 MT और 2001-02 तक 84.6 MT हो गया। इस ऑपरेशन ने 1997-98 में अमेरिका को पछाड़कर भारत को दूध की कमी वाले देश से दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश बना दिया। यह एक बड़ा पड़ाव था, और गुणवत्ता मानकों को बनाए रखते हुए बढ़ती मांग को सुव्यवस्थित करना कोई आसान काम नहीं था।


चूंकि यह क्षेत्र 90 के दशक की शुरुआत में अपने शुरुआती चरण में था, अहमदाबाद के रहने वाले पीएन मेहता ने महसूस किया कि टेक्नोलॉजी को अपनाकर विकास की गुंजाइश को और बढ़ाया जा सकता है। मेहता पहले से ही पोर्टेबल इलेक्ट्रिक पावर टूल्स मैन्युफैक्चरिंग के व्यवसाय में थे। यह व्यवसाय उन्होंने 1978 में शुरू किया था, और इसलिए डेयरी टेक्नोलॉजी में प्रवेश करना उनके लिए उतना बोझिल नहीं था। और इस प्रकार 1992 में, Prompt Equipments Pvt. Ltd का जन्म हुआ।


YourStory से बात करते हुए, मेहता के बेटे और दूसरी पीढ़ी के उद्यमी श्रीधर मेहता बताते हैं कि कैसे उन्होंने और उनके पिता ने ऐसे समय में व्यवसाय का निर्माण किया जब डेयरी क्षेत्र अत्यधिक असंगठित था, और औद्योगिक चुनौतियों से भरा हुआ था। साथ ही उन्होंने कंपनी के आगे के रास्ते के बारे में भी बताया।

वह कहते हैं, “पिछले 29 वर्षों में, जब से प्रॉम्प्ट अस्तित्व में आया है, हमने डेयरी क्षेत्र को तकनीकी सहायता प्रदान करके सहायता की है। हमने इस क्षेत्र को जमीनी स्तर से विकसित होते देखा है - अत्यधिक असंगठित होने से लेकर अब हमारे कुछ ग्राहकों के रूप में बड़े डेयरी ब्रांड होने तक।"

प्रॉम्प्ट इक्विपमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के पास अमूल, हेरिटेज, मदर डेयरी, आनंद आदि सहित पूरे भारत में ग्राहक हैं, और श्रीधर का दावा है कि कंपनी ने वित्त वर्ष 2019-20 में 75 करोड़ रुपये का राजस्व कमाया।

डेयरी में तकनीक का संचार

दूध को लीटर में मापने के लिए मेहता के इलेक्ट्रॉनिक तौल (electronic weighing) तराजू का इस्तेमाल करने के आइडिया ने बिजनेस को रफ्तार दी।

श्रीधर याद करते हुए कहते हैं, “हमने किसानों को लीटर में दूध की मात्रा मापने में सक्षम बनाने के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक वजन पैमाना विकसित किया। यह पहले किलोग्राम में किया जाता था, जिससे उन्हें सटीक माप खोजने में दिक्कत होती थी, और बड़ा नुकसान भी होता था। मशीन को पहले अहमदाबाद के पास एक छोटे से गाँव में शुरू किया गया था।”

किसानों ने नए इनोवेशन का तहे दिल से स्वागत किया और इससे संस्थापक में उत्साह का संचार हुआ। उन्होंने अद्वितीय समाधान खोजने के उद्देश्य से किसानों की समस्याओं को समझने का प्रयास जारी रखा।


इस बीच, श्रीधर ने कंप्यूटर प्रोग्रामिंग में अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद व्यवसाय में शामिल हो गए, जिससे मेहता को व्यापार विविधीकरण में मदद मिली। श्रीधर याद करते हैं कि 1995 में, कंपनी ने एक ऑटोमैटिक मिल्क कलेक्शन सिस्टम यानी स्वचालित दूध संग्रह प्रणाली शुरू की, उसके बाद 1999 में Fat’omatic शुरू की। यह एक पूरी तरह से स्वचालित दूध वसा यानी मिल्क फैट मापने की मशीन है। उनका कहना है कि उस समय, राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रुमेंटेशन लिमिटेड (आरईआईएल) इस तरह के प्रोडक्ट्स का निर्माण कर रही थी लेकिन प्रॉम्प्ट ने दूध के घनत्व (milk density) के माप जैसे और अधिक फीचर्स को जोड़कर उत्पाद को बढ़ाया। इस नई फीचर ने किसानों को कलेक्शन सेंटर्स पर ही दूध की गुणवत्ता की जांच करने में सक्षम बनाया।


1995 से 2009 के बीच प्रॉम्प्ट में काफी वृद्धि हुई।


2009 में, प्रॉम्प्ट ने एक रूसी कंपनी के साथ भागीदारी की, जिसने उसे मिल्क एनालाइजर को लॉन्च करने के लिए अल्ट्रासोनिक पर आधारित तकनीक प्रदान की। यह तकनीक फैट, डेंसिटी, सॉलिड-नॉट-फैट (SNF) और दूध में पानी की मात्रा मापने जैसी फीचर्स देती है। डेयरी क्षेत्र ने इस नई तकनीक की बहुत सराहना की क्योंकि श्रीधर कहते हैं कि इससे किसानों को स्वच्छ दूध की पहचान करने में मदद मिली।

श्रीधर ने YourStory को बताया, "प्रॉम्प्ट ने 2011 में एंबेडेड और एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर सर्विसेज भी लॉन्च की थी। उसी वर्ष, हमने मिल्क एनालाइजिंग टूल और डिवाइस को सामूहिक रूप से विकसित करने के लिए FOSS के साथ एक जॉइंटवेंचर बनाया।"

2014 में, कंपनी ने बल्क मिल्क कूलर (BMC) मॉनिटरिंग सिस्टम लॉन्च किया, इसके बाद 2015 में ऑटोमेटेड मिल्क कलेक्शन सिस्टम को लॉन्च किया। इसके बाद के वर्षों में भी कंपनी की ओर से बहुत अधिक इनोवेशन देखे गए।


श्रीधर कहते हैं, “हमने 2017 में मवेशियों और खेत प्रबंधन में सुधार करने के वास्ते किसानों का मार्गदर्शन करने के लिए एक पशुपालन सॉफ्टवेयर (Animal Husbandry software) लॉन्च किया। हमने 2019 में BovSmart भी लॉन्च किया। बोवस्मार्ट गाय के गर्म होने के चक्र की शुरुआत का पता लगाने के लिए डिजाइन किया गया एक एनिमल हीट डिटेक्शन सिस्टम है। इसके बाद हमने दूध जहां से उत्पन्न हुआ है वहीं पर ठंडा करने के लिए MilkoChill को लॉन्च किया, ताकि अंतिम उपभोक्ता तक दूध की गुणवत्ता बनाए रखी जा सके।


डेयरी उद्योग की बढ़ती आवश्यकताओं के साथ-साथ इसने भी अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में नए नए प्रोडक्ट को जोड़ा। प्रॉम्प्ट के ग्राहकों में अमूल, हेरिटेज, आनंदा, मदर डेयरी जैसे बड़े डेयरी ब्रांड और विभिन्न राज्यों के अन्य स्थानीय कंपनियां शामिल हैं।


श्रीधर के अनुसार, प्रॉम्प्ट की टेक्नोलॉजीज पूरे भारत के 24 राज्यों और 50,000 गांवों में मौजूद हैं।

चुनौतियां और प्रतियोगिता

श्रीधर के अनुसार, डेयरी टेक्नोलॉजी सेक्टर का मार्केट साइज 10 लाख करोड़ रुपये है, लेकिन उनका मानना है कि अब तक कारोबार का शायद ही एक हिस्सा हो पाया है। यह देखते हुए कि यह सेगमेंट बेहद अप्रयुक्त है, भारत में डेयरी तकनीक उद्योग के लिए कई गुना उछाल देखने के लिए बहुत सारे अवसर हैं।

वे कहते हैं, "प्रतियोगिता और हमारे बीच का अंतर हमारे व्यापक अनुभव और किसान आवश्यकताओं की गहरी समझ है, जो हमें उत्पादों और समाधानों को अनुकूलित करने की अनुमति देता है। हमारी ऑफरिंग लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल करती हैं जिन्हें आसानी से अपग्रेड किया जा सकता है।”

प्रॉम्प्ट के पास R&D विशेषज्ञों और इंजीनियरों की एक इन-हाउस टीम है जो लगातार कंपनी को टेक्नोलॉजीज के विकास और नवाचार करने में मदद करती है।


श्रीधर का कहना है कि हाल के वर्षों में बड़े पैमाने पर विकास के बावजूद, उद्योग का एक बड़ा हिस्सा अभी भी असंगठित है, इसलिए कंपनी एक ऐसा व्यवसाय मॉडल विकसित करना चाहती है जो कुछ व्यवस्था लाने में मदद करे।

आगे का रास्ता

श्रीधर का कहना है कि आने वाले वर्षों में कंपनी रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर ध्यान केंद्रित करते हुए स्थिर विकास का लक्ष्य लेकर चल रही है, जिससे डेयरी किसानों और डेयरी आपूर्ति श्रृंखला दोनों को लाभ होगा।


प्रॉम्प्ट का लक्ष्य हर साल कम से कम दो नए उत्पाद और एक पेटेंट जोड़ना है। हाल के वर्षों में, कंपनी ने कई नए प्रोडक्ट और टेक्नोलॉजीज लॉन्च की हैं, लेकिन श्रीधर कहते हैं कि "हम अब इनोवेशन्स की गति को बढ़ाना चाहते हैं।"


Edited by Ranjana Tripathi