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पीएसए और फिएट विलय कर बनाएँगे चौथी सबसे बड़ी कंपनी

पीएसए और फिएट विलय कर बनाएँगे चौथी सबसे बड़ी कंपनी

Friday December 20, 2019 , 2 min Read

फ्रांस की वाहन कंपनी पीएसए और अमेरिकी-इतालवी कंपनी फिएट क्रिसलर ने आपस में विलय करने योजना पर आगे बढ़ने का मन बनाया है। इस विलय के बाद बनने वाली कंपनी दुनिया की चौथी सबसे बड़ी कार विनिर्माता होगी।

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चित्र साभार: livemint

फ्रांस की कार विनिर्माता पीएसए के सुपरवाइजरी बोर्ड (पर्यवेक्षी बोर्ड) ने फिएट क्रिसलर के साथ प्रस्तावित विलय को मंगलवार को मंजूरी दे दी। इससे बनने वाली नयी कंपनी दुनिया की चौथी सबसे बड़ी कार विनिर्माता होगी। वार्ता से जुड़े एक करीबी सूत्र ने यह जानकारी दी।

सूत्र ने नाम नहीं बताने की शर्त पर समाचार एजेंसी एएफपी को बताया,

"पीएसए के निरीक्षण बोर्ड ने विलय समझौते को मंजूरी दे दी है।"

फिलहाल, पीएसए समूह की ओर से अनुमति मिलने की पुष्टि नहीं की गई है। पीएसए समूह सिट्रॉएन और ओपल ब्रांड की गाड़ियां बनाता है।

सौदे के बाद 50 अरब डॉलर की नयी इकाई का निर्माण होगा।

इटली में मामले से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि

"फिएट क्रिसलर ऑटोमोबाइल्स का निदेशक मंडल अपनी अनुमति देने के लिए बाद में बैठक करेगा।"

कहा जा रहा है कि विलय के बाद बनाने वाली इकाई के निदेशक मंडल में 11 सदस्य होंगे। जिसमें छह सदस्य पीएसए समूह के होंगे और फिएट - क्रिसलर के पांच सदस्य होंगे।



यह नई कंपनी 4,00,000 से अधिक लोगों को रोजगार देगी। दोनों कंपनियों का विलय होने से फिएट, अल्फा रोमियो, क्रिस्लर, सिट्रॉएन, डॉज, डीएस, जीप, लांसिया, मसेराती, ओपल, प्यूज़ो और वॉक्सहॉल जैसे कार ब्रांड एक ही कंपनी के तहत आ जाएंगे।


काफी समय से इन दोनों कंपनियों के बीच विलय की चर्चा बाज़ार में चल रही थी। इस विलय के बाद इस संयुक्त कंपनी की ओर से नए ब्रांड सामने आ सकते हैं।


विलय के बाद बनी ये कंपनी प्रक्रिया घोषणा के छह सप्ताह के भीतर शुरू हो जाएगी और नई इकाई का कुल बाजार पूंजीकरण 50 अरब डॉलर यानी करीब 3.5 लाख करोड़ रुपये होगा।


इन कंपनियों के बीच हुए समझौते के तहत दोनों कंपनियों के किसी भी प्लांट को बंद नहीं किया जाएगा, हालांकि अब नई इकाई की योजनाओं में लागत खर्च में कटौती जरूर की जा सकती है। जानकारों के अनुसार इस विलय प्रक्रिया के बाद अब वैश्विक वाहन उद्योग में बड़े बदलाव की संभावना जताई जा रही है। 


इसी के साथ दोनों कंपनियाँ अपनी लागत में 30 हज़ार करोड़ की कटौती करना चाह रही हैं, हालांकि दोनों कंपनियाँ इस दौरान अपने उत्पादन प्लांट को बंद नहीं करेंगी।


(Edited by प्रियांशु द्विवेदी )