प. बंगाल: अंग्रेजी में सुधार के लिए राज्य सरकार ने छात्रों को वितरित कीं अभ्यास पुस्तिकाएं
पश्चिम बंगाल सरकार ने अंग्रेजी में सुधार के लिए करीब 80,000 सरकारी और सरकार से सहायता प्राप्त स्कूलों के पांचवीं और छठी कक्षा के छात्रों को बृहस्पतिवार को अभ्यास पुस्तिकाएं वितरित कीं।
‘पाठ्यक्रम समिति’ के अध्यक्ष अभीक मजूमदार ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि कक्षा पांच को ‘विंग्स’ और कक्षा छठी के छात्रों को ‘फ्रेगरेंस’ अभ्यास पुस्तिकाएं दी गईं।
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा नियुक्त समिति के अध्यक्ष मजूमदार ने कहा,
‘‘दोनों अभ्यास पुस्तिकाएं छात्रों को अंग्रेजी में सुधार में मदद करेंगी। किताबों में ऐसे अध्याय हैं जिनसे छात्रों को अंग्रेजी का अभ्यास करने का मौका मिलेगा।’’
उन्होंने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग ने पिछले साल तीसरी और चौथी कक्षा के छात्रों को अंग्रेजी की अभ्यास पुस्तिकाएं दी थीं।
उन्होंने कहा,
‘‘हम चाहते हैं कि बच्चों की अंग्रेजी भाषा की नींव मजबूत हो ताकि इस भाषा को लेकर उनकी झिझक दूर की जा सके।’’
अभी हाल ही में कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने विश्वविद्यालयों की स्थिति पर चर्चा संबंधी उनके पत्र का मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से जवाब मिलने के बाद शनिवार को कहा कि वह शिक्षा की स्थिति पर राज्य के शिक्षा मंत्री के साथ बातचीत को लेकर उत्साहित हैं।
धनखड़ ने मुख्यमंत्री कार्यालय से मिले पत्र की एक तस्वीर संलग्न करते हुए ट्वीट किया,
‘‘शिक्षा की स्थिति में सुधार सुनिश्चित करने के प्रयास रंग लाते दिख रहे हैं।’’
धनखड़ ने सरकारी विश्वविद्यालयों की स्थिति पर चर्चा के लिए एक प्रस्ताव रखा था जिसके जवाब में बनर्जी ने कहा था कि वह धनखड़ के पत्र को राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को भेज रही हैं ताकि वह उनके साथ सुविधाजनक समय पर बातचीत कर सकें। राज्यपाल ने कहा कि वह शिक्षा मंत्री के साथ बातचीत को लेकर उत्साहित हैं।
उन्होंने ट्वीट किया,
‘‘मुख्यमंत्री ने जवाब दिया... कि शिक्षा मंत्री सभी मामलों पर चर्चा करेंगे। मैं इसे लेकर उत्साहित हूं, लोकतंत्र में हमें मिलकर आगे बढ़ना होगा।’’
इस मामले पर चटर्जी ने कहा,
‘‘हम राज्य के विश्वविद्यालयों पर राज्यपाल के जवाबों का विस्तृत जवाब देंगे। यदि इसके बावजूद उनके और सवाल होंगे तो हम (और बैठक करने के बारे में) विचार करेंगे।’’
उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा राजभवन को भेजे गए आधिकारिक पत्र को सार्वजनिक किए जाने पर हैरानी जताई।
(Edited by रविकांत पारीक )