कोरोनावायरस : ओवरलोड के चलते सिक्योरिटी और प्राइवेसी की समस्याओं से जूझ रहा है क्वारंटाइन-फेवरेट जूम
रिमोट वर्किंग और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सॉफ्टवेयर में माहिर सिलिकॉन वैली स्टार्टअप जूम को COVID-19 के प्रकोप के बाद सबसे बड़ा लाभ हुआ है। कंपनी की वैल्यूएशन आसमान छू रही है, और बेहद तेज गति से इसके यूजर्स बढ़ रहे हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है वर्क फ्रॉम होम। दरअसल पूरी दुनिया में ज्यादातर लोग इस समय वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। इस ऐप की बढ़ती सफलता को लेकर ऐडवीक ने हाल ही में इसे "किंग ऑफ द क्वारंटाइन इकोनॉमी" कहा।
जूम अब भारत में टॉप एंड्रॉइड ऐप है, जिसने सामान्य तौर पर टॉप पर रहने वाले टिकटॉक, इंस्टाग्राम और यहां तक कि व्हाट्सएप को भी पीछे छोड़ दिया है। Google Play Store पर वीकली रैंकिंग नए डाउनलोड्स पर आधारित है। 29 मार्च को टॉप पर पहुंचने से पहले 28 मार्च को ज़ूम #2 स्थान पर पहुंच गया था।
वर्क मीटिंग्स, युनिवर्सिटी क्लासेस से लेकर यूनाइटेड किंगडम में कैबिनेट की बैठकों तक, पूरी दुनिया कम्युनिकेशन के लिए जूम को इस्तेमाल कर रही है।
कंपनी के प्लेटफॉर्म पर 200 मिलियन यूजर्स को ऑनबोर्ड करने की जानकारी दी है। यह अभूतपूर्व वृद्धि है क्योंकि कोरोनोवायरस प्रकोप से पहले इसके केवल 10 मिलियन यूजर्स थे। बर्नस्टीन रिसर्च की एक रिपोर्ट के अनुसार, ज़ूम ने 2019 की इसी अवधि (2.22 बनाम 0.64 मिलियन) की तुलना में 3.5 गुना अधिक मंथली एक्टिव यूजर्स YTD (Year-to-date) को जोड़ा है। यहां तक कि आधे नॉर्मल पेड यूजर्स कन्वर्जन रेट के साथ, यह अभी भी पेड यूजर्स को वर्ष-दर-वर्ष जोड़कर 74 प्रतिशत वर्ष-से-वर्ष वृद्धि प्राप्त करेगा।
लेकिन ऐसा मालूम पड़ता है कि स्टार्टअप अब यूजर्स ट्रैक्शन में आई इस भारी उछाल का खुद ही शिकार हो गया है। बढ़ते अटेंशन और इसके सर्वर पर पड़ते भारी लोड के चलते जूम अब गंभीर सिक्योरिटी और प्राइवेसी के मुद्दों का सामना कर रहा है।
प्लेटफॉर्म मुख्य रूप से एंटरप्राइज कस्टमर्स के लिए बनाया गया था जिनके पास अपना आईटी सपोर्ट था। ये दुनिया की सबसे बड़ी वित्तीय सेवा कंपनियों से लेकर प्रमुख दूरसंचार प्रदाताओं, सरकारी एजेंसियों, विश्वविद्यालयों, स्वास्थ्य सेवा संगठनों और टेलीमेडिसिन प्रथाओं तक हैं।
सीईओ एरिक युआन ने कहा कि दुनिया भर में हजारों एंटरप्राइजेज ने हमारे यूजर्स, नेटवर्क और डेटा सेंटर लेयर की संपूर्ण सुरक्षा समीक्षा की है और कंपलीट डिप्लॉयमेंट के लिए विश्वासपूर्वक जूम को चुना है।
एक ब्लॉग पोस्ट में, उन्होंने कहा, "पिछले कई हफ्तों से, यूजर्स की इतनी बड़ी तादात का समर्थन करना एक जबरदस्त उपक्रम रहा है और हमारा एकमात्र ध्यान केंद्रित इसी पर है। हमने प्लेटफॉर्म सेफ्टी, प्राइवेसी और सिक्योरिटी सुनिश्चित करते हुए आपको निर्बाध सेवा और शानदार यूजर-फ्रेंडली एक्सपीरियंस प्रदान करने का प्रयास किया है। इसी ने जूम को दुनिया भर के उद्यमों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म बनाया है।"
उन्होंने आगे कहा कि टीम ने माना है कि यह कम्युनिटी की और अपनी खुद की प्राइवेसी और सिक्योरिटी अपेक्षाओं से कम है। सीईओ ने कहा कि उन्हें इसको लेकर गहरा खेद है। हालाँकि, यह जूम पर इस तरह की कोई ताजा घटना नहीं है क्योंकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग स्टार्टअप ने पिछले जुलाई में भी इसी तरह के आउटेज का सामना किया था। तब इसमें हिडेन वेब सर्वर्स के बारे में पता चला था जो यूजर्स के वेब कैमरों को संभावित रूप से हाइजैक कर सकता है। हालांकि इसके लिए जूम को इसे हटाने के लिए एक आपातकालीन पैच जारी करना पड़ा था।
यहां तक कि तब ऐप्पल ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए ऐप स्टोर से इस एप्लिकेशन को हटा दिया था, हालांकि बाद में इसके ठीक होने के बाद इसने इसे चुपके से जारी किया था।
मौजूदा स्थिति पर, यूएस फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) ने कहा, "जैसा कि बड़ी संख्या में लोग COVID-19 संकट के मद्देनजर एक दूसरे से जुड़े रहने के लिए वीडियो-टेलीकांफ्रेंसिंग (VTC) प्लेटफार्मों की ओर रुख कर रहे हैं, ऐसे में वीटीसी हाईजैकिंग ("जूम-बॉम्बिंग" भी कहा जाता है) की रिपोर्ट्स पूरे देश में आ रही हैं। एफबीआई को कई रिपोर्ट्स मिली हैं जिनमें कहा गया है कि उनकी वीडियो कॉन्फ्रेंस बीच में रुक जा रही है और तरह-तरह की अश्लील व घृणास्पद तस्वीरें और धमकी भरी भाषा बातें कही जा रही हैं।"
Edited by रविकांत पारीक