वे बड़े उद्योगपति, जो 2022 में दुनिया को अलविदा कह गए
राहुल बजाज से लेकर साइरस मिस्त्री तक इन पांच लोगों के निधन के कारण उद्योग जगत के लिए यह वर्ष संकट भरा रहा.
नए साल की दस्तक से पहले यह वक्त है देश के उन बड़े लोगों को याद करने का, जो इस साल हमें विदा कह गए. भारतीय उद्योग जगत के लिए यह साल कई बुरी खबरें लेकर आया. अपने-अपने क्षेत्र के दिग्गज और व्यावसायिक सफलता के जरिए देश को नए मुकाम पर ले जाने वाले कई बड़े उद्योगपतियों का इस साल निधन हो गया.
इसमें से कुछ लोग तो अपना लंबा, भरपूरे जीवन जीकर संसार से रुखसत हुए और कुछ लोगों का दुर्घटना व अन्य कारणों से आकस्मिक निधन भी हुआ. आइए याद करते हैं उन सफल उद्योगपतियों को जो इस साल हमें विदा कह गए.
राहुल बजाज (10 जून, 1938-12 फरवरी, 2022)
इस साल की शुरुआत ही बजाज समूह के पूर्व चेयरमैन राहुल बजाज के निधन के साथ हुई. वे 83 वर्ष के थे. भारत के अरबपतियों में से एक और देश के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्मभूषण से सम्मानित राहुल बजाज की मृत्यु न्यूमोनिया के कारण हुई. साथ ही वह कैंसर से भी जूझ रहे थे.
1938 में कन्हैयालाल बजाज और सावित्री बजाज के पुत्र के रूप में जन्मे राहुल जमनालाल बजाज के पोते भी थे. जमनालाल बजाज अपने जमाने के एक सफल बिजनेसमैन, स्वतंत्रता सेनानी और महात्मा गांधी के बेहद करीबियों में से एक थे. राहुल बजाज ने 1965 में बजाज समूह की बागडोर संभाली और 4 दशक लंबे अपने कार्यकाल में साढ़े सात करोड़ रुपए के टर्नओवर वाली कंपनी को 12 हजार करोड़ के विशालकाय साम्राज्य में तब्दील कर दिया. राहुल बजाज राज्यसभा के सदस्य भी रहे हैं.
पैलनजी मिस्त्री (1 जून, 1929-28 जून, 2022)
राहुल बजाज के बाद इस साल जून का महीना एक और दुखद खबर लेकर आया, जब देश की इंफ्रास्ट्रक्चर और कंस्ट्रक्शन क्षेत्र की सबसे बड़ी और नामी कंपनियों में से एक शापोरजी पैलनजी ग्रुप (Shapoorji Pallonji Group) के चेयरमैन रहे पैलनजी मिस्त्री का निधन हो गया. वे 93 साल के थे.
पैलनजी दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक थे, जो टाटा समूह के भी बड़े शेयरहोल्डर्स में से एक थे. पैलनजी का जन्म मुंबई के एक बेहद समृद्ध और सफल पारसी बिजनेस फैमिली में हुआ था. उनके पिता ने मुंबई का पूरा फोर्ट एरिया बनवाया था. पैलनजी ने आयरलैंड की एक महिला से विवाह किया और उसके बाद उन्होंने आयरलैंड की नागरिकता ले ली थी. 2016 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया था. टाटा संस के चेरयमैन साइरस मिस्त्री उनके बेटे थे.
राकेश झुनझुनवाला (5 जुलाई, 1960-14 अगस्त 2022)
इस साल अगस्त के महीने में राकेश झुनझुनवाला के आकस्मिक निधन की खबर तब आई, जब वे अपनी नई एयरलाइंस शुरू करने के कारण लगातार खबरों में बने हुए थे. अकासा एयरलाइंस की शुरुआत के 7 दिन बाद ही 14 अगस्त, 2022 को उनका निधन हो गया. वे 62 वर्ष के थे.
राकेश झुनझुनवाला स्टॉक मार्केट के बड़े निवेशकों में से एक थे. इसीलिए उन्हें बिग बुल भी कहा जाता था. स्टॉक मार्केट से कमाए पैसों के जरिए ही उन्होंने अपना इतना बड़ा साम्राज्य खड़ा किया. 26 साल की उम्र में उन्होंने सिर्फ 5000 रुपए से निवेश की शुरुआत की थी. उनकी सफलता लोगों के लिए किसी करिश्मे से कम नहीं. उनके बारे में प्रसिद्ध था कि वो पत्थर को भी छू दें तो वह सोना बन जाए.
साइरस मिस्त्री (4 जुलाई, 1968-4 सितंबर 2022)
भारतीय उद्योग जगत और मिस्त्री परिवार के लिए यह साल विशेष रूप से दुखद रहा क्योंकि एक ही साल में पिता और पुत्र दोनों ही पंचतत्व में विलीन हो गए. जून में पैलनजी मिस्त्री का निधन हुआ और उसके बाद 4 सितंबर को एक सड़क दुर्घटना में टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री का आकस्मिक निधन हो गया.
साइरस मिस्त्री गुजरात से लौट रहे थे. रास्ते में महाराष्ट्र के पालघर में उनकी मर्सिडीज कार एक डिवाइडर से जा टकराई. हादसा इतना खतरनाक था कि उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई. वे सिर्फ 54 वर्ष के थे. वे 2012 से लेकर 2016 तक टाटा संस के चेयरमैन रहे. उस कंपनी में उनके 18.4 फीसदी शेयर्स थे.
विक्रम एस. किर्लोस्कर (29 नवंबर, 2022)
किर्लोस्कर मोटर के वाइस चेयरपर्सन विक्रम एस. किर्लोस्कर का इस वर्ष नवंबर में हार्ट अटैक के कारण निधन हो गया था. वे 64 साल के थे. जापान की जानी-मानी कंपनी टोयोटा को भारत लाने का श्रेय विक्रम किर्लोस्कर को ही जाता है.
Edited by Manisha Pandey