अगस्त में 38 पर्सेंट बढ़ गई रेलवे की कमाई, यात्रियों की संख्या में भी तेजी
भारतीय रेल का रेवेन्यू पिछले साल के अगस्त के मुकाबले इस साल 38 फीसदी बढ़ा है. इसमें आरक्षित और अनारक्षित कैटिगरी में बढ़े पैसेंजर ट्रैफिक का भी योगदान रहा है. इसके अलावा एक्सप्रेस ट्रेनों से लंबी दूरी वाले रिजर्वेशन की ग्रोथ पैसेंजर कैटिगरी के मुकाबले जबरदस्त रही है.
भारतीय रेल का कुल मुनाफा अगस्त 2022 के अंत में बढ़कर 95,486.58 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 38 पर्सेंट अधिक यानी 26,271.29 करोड़ रुपये ज्यादा है. एक आधिकारिक बयान में इसकी जानकारी दी गई. बयान के मुताबिक पैसेंजर ट्रैफिक से भारतीय रेल को 25,276.54 करोड़ रुपये की कमाई हुई जो, सालाना आधार पर 13,574.44 करोड़ रुपये ज्यादा है.
कमाई के साथ-साथ पिछले साल के मुकाबले आरक्षित और अनारक्षित दोनों कैटिगरी में पैसेंजर ट्रैफिक भी बढ़ा है. इसमें भी लंबी दूरी वाले एक्सप्रेस ट्रेनों में रिजर्वेशन सामान्य पैसेंजर ट्रेनों और सबअर्बन ट्रेनों के मुकाबले काफी अधिक रहा है. अन्य कोचिंग से रेलवे का रेवेन्यू 2,437.42 करोड़ रुपये रहा है. जो पिछले साल की इसी अवधि से करीबन 50 फीसदी या 811.82 करोड़ रुपये ज्यादा है.
इस कमाई में पार्सल सेगमेंट की ग्रोथ का बहुत बड़ा योगदान है. गुड्स से रेवेन्यू भी 20 फीसदी की उछाल के बाद 65,505.02 करोड़ रुपये पर आ गया है. इस कैटिगरी में भी 58 मीट्रिक टन से ज्यादा की लोडिंग और कुल टन किमी में 18 फीसदी के इजाफे ने रेवेन्यू में योगदान दिया है. कोयले के ट्रांसपोर्टेशन के अलावा खाद्य अनाज, फर्टलााइजर, सीमेंट, मिनरल ऑयल, कंटेनर ट्रैफिक और अन्य गुड्स सेगमेंट का भी इस वृद्धि में अहम योगदान रहा है.
मालूम हो कि अगस्त में बिजली की रेकॉर्ड डिमांड के कारण कोयले की सप्लाई में ताबड़तोड़ इजाफा हुआ था. कोयले के ट्रांसपोर्टेशन की वजह से रेलवे की अगस्त में फ्रेट अर्निंग 12,926 करोड़ रुपये हो गई. रेलवे ने अगस्त में 119 मिलियन टन गुड्स और कच्चा सामान पहुंचाया. यह पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले 7.9 पर्सेंट अधिक है. गौर करने वाली बात ये है कि ये आंकड़े तब के हैं जब कोयला उत्पादक राज्य और रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर दोनों पर भारी बारिश और बाढ़ से बहुत बुरा असर पड़ा था.
इसी के साथ इस वित्त वर्ष में अब तक रेलवे को फ्रेट ऑपरेशन से 66,658 करोड़ रुपये की कमाई हुई है. इधर आंकड़ों को और ध्यान से पढ़ें तो समझ आता है कि फ्रेट ट्रांसपोर्टेशन से कमाई भले ही बढ़ी है मगर वॉल्यूम के लिहाज से इसमें कमी आई है. यह अभी भी रेलवे के 1700 मीट्रिक किमी के लक्ष्य से बहुत दूर है.
बीते अगस्त में अन्य चीजों से 2,267.60 करोड़ रुपये की कमाई हुई है, जो बीते साल के इसी महीने से पूरे पूरे 95 फीसदी यानी 1105 करोड़ रुपये अधिक है. रेलवे को कुल रेवेन्यू पिछले वित्त वर्ष के दौरान 1,91,278.29 करोड़ रुपये रही है.
पिछले साल के मुकाबले कमाई में जबरदस्त इजाफे का एक कारण लो बेस को भी बताया जा सकता है. उस समय कोविड की दूसरी लहर के कारण लगी पाबंदियों से रेलवे की कमाई पर असर पड़ा था. कोविड के दौरान लगे प्रतिबंधों के कारण को महामारी के दौरान कमाई 36000 करोड़ रुपये की चपत लगी थी.
Edited by Upasana