[राजस्थान बजट] पहले पेपरलेस बजट की बड़ी घोषणाएं: कोई नया कर नहीं, 910 करोड़ रुपये की राहतें दी गई
राजस्थान सरकार अगले दो साल में 50,000 पदों पर भर्तियां करेगी और अगले साल से कृषि क्षेत्र के लिए अलग बजट पेश करेगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को राज्य विधानसभा में वित्त वर्ष 2021-22 के लिये पहला पेपरलेस बजट पेश करते हुये यह घोषणा की।
राजस्थान सरकार के वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में किसी नये कर का प्रस्ताव नहीं किया गया है जबकि विभिन्न छूट के जरिए कुल 910 करोड़ रुपये की राहत प्रदान करने की घोषणा की गई है। बजट में 2021-22 में 23,750.04 करोड़ रुपये के राजस्व घाटे का अनुमान रखा गया है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को राज्य विधानसभा में बजट पेश करते हुए यह घोषणा की। गहलोत के पास वित्त विभाग भी है।
उन्होंने बजट भाषण में कहा,
’’मुझे अहसास है कि कोरोना महामारी के कारण समाज के सभी वर्गों को आर्थिक हानि हुई है इसलिए बजट में कोई भी नया कर नहीं लगाया गया है बल्कि इस कोरोना काल में लगभग 910 करोड़ रुपये की राहत प्रदान की गयी है।’’
बजट में 2021-22 में 23,750.04 करोड़ रुपये के राजस्व घाटे का अनुमान लगाया गया है। वित्त वर्ष 2021 -22 के लिए बजट अनुमानों का संक्षिप्त विवरण पेश करते हुए गहलोत ने कहा कि इस दौरान राजस्व प्राप्तियां 1,84,330.13 करोड़ रुपये, राजस्व व्यय 2,08,080.17 करोड़ रुपये व राजस्व घाटा 23,750.04 करोड़ रुपये रहना अनुमानित है।
वहीं चालू वित्त वर्ष 2020 -21 के लिए संशोधित अनुमान पेश करते हुए उन्होंने कहा कि इस दौरान राजस्व प्राप्तियां 1,47,980.19 करोड़ रुपये, राजस्व व्यय 1,89,701.80 करोड़ रुपये जबकि राजस्व घाटा 41,721.61 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
दो साल में 50,000 भर्तियां, अलग से पेश होगा कृषि बजट
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को राज्य विधानसभा में वित्त वर्ष 2021-22 के लिये पहला पेपरलेस बजट पेश करते हुये घोषणा की कि राजस्थान सरकार अगले दो साल में 50,000 पदों पर भर्तियां करेगी और अगले साल से कृषि क्षेत्र के लिए अलग बजट पेश करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, ’’राज्य के युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए आगामी दो साल में 50,000 से अधिक पदों पर भर्ती की जाएगी।’’
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार किसान हितैषी रही है और वह अन्नदाता के बेहतर भविष्य व हितों को देखते हुए आगामी वर्ष से कृषि बजट अलग से पेश करेगी।
इसके साथ ही गहलोत ने शांति व अंहिसा प्रकोष्ठ को उन्नत कर शांति व अहिंसा निदेशालय बनाने, पात्र युवाओं को वर्तमान में देय बेरोजगारी भत्ते में 1,000 रुपये की बढ़ोतरी करने, राज्य में कुछ परीक्षाओं के लिए समान प्रतियोगी परीक्षा आयोजित करने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि अगले वर्ष से 3,500 करोड़ रुपए की लागत से सार्वभौमिक स्वास्थ्य सुविधा (यूनिवर्सल हैल्थ कवरेज) लागू की जाएगी। इसके तहत राज्य के प्रत्येक परिवार को पांच लाख रुपए तक की चिकित्सा बीमा का लाभ मिलेगा।
गहलोत ने बजट भाषण में कहा, "इस बजट को बनाते समय हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती यह रही कि मुश्किल आर्थिक हालात के बावजूद भी प्रदेश के विकास के लिये साधनों की कमी ना रहे हम यह संकल्प ले रहे है कि दूरगामी सोच के साथ आर्थिक संसाधन जुटाये जाने के अभिनव प्रयास किये जायेंगे।"
उन्होंने कहा कि हमेशा की तरह इस चुनौती को भी एक अवसर में बदलेंगे। कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पिछला एक वर्ष हम सब के लिये बहुत कठिन रहा है... इस आपदा को अवसरों में बदलते हुए हमने राज्य में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है। राज्य के सभी जिलों में कोरोना आरटीपीसीआर जांच सुविधा सुनिश्चित की गयी है।
गहलोत ने विशेष कोविड पैकेज की घोषणा करते हुये कि
’’हमने इस महामारी काल में 31 लाख असहाय, निराश्रित परिवारों को 3500 रुपये प्रति परिवार के हिसाब से 1,155 करोड़ रुपये सहायता प्रदान की हैं। अब मैं आगामी वर्ष में इन परिवारों को अंतिम किस्त के रूप में एक-एक हजार रुपये की और सहायता देने की घोषणा करता हूं। मैं शहरी क्षेत्र के स्ट्रीट वेंडर्स एवं सभी क्षेत्रों के युवाओं व बेरोजगारो को स्व-रोजगार एवं रोजगार की जरूरतों के लिये इंदिरागांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना शुरू करने की घोषणा करता हूं।’’
इस योजना में पांच लाख जरूरतमंदों को 50,000 रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जायेगा।
(साभार: PTI)