RBI गवर्नर शक्तिकान्त दास ने क्रिप्टोकरेंसी को बताया स्पष्ट खतरा, 9वीं बार चेताया
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India - RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने क्रिप्टकरेंसी को लेकर एक बार फिर आगाह किया है. उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी को स्पष्ट खतरा बताया है. बीते कुछ समय में यह 9वीं बार है जब उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चेतावनी दी है. RBI गवर्नर ने मैक्रोइकॉनॉमिक और वित्तीय स्थिरता जोखिमों का हवाला देते हुए क्रिप्टोकरेंसी के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की है.
उन्होंने गुरुवार को कहा, बिना किसी अंतर्निहित के, विश्वास के आधार पर वैल्यू हासिल करने वाली किसी भी चीज़ को जोड़ना, केवल अटकलें हैं.
RBI की 25वीं वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (Financial Stability Report - FSR) ने कहा कि क्रिप्टो-एसेट इकोसिस्टम के बढ़ते खतरे को राष्ट्रीय अधिकारियों द्वारा कठोर दृष्टिकोण की आवश्यकता है.
भारतीय वित्तीय संस्थानों के लचीलेपन पर बात करते हुए, दास ने कहा कि हमें उभरते जोखिमों से बहुत सावधान रहना चाहिए. रिपोर्ट में कहा गया है, “क्रिप्टो-एसेट्स इकोसिस्टम का बढ़ता खतरा राष्ट्रीय अधिकारियों को चेतावनी दे रहा है कि कठोर रूख रखिए.
केंद्रीय बैंक ने आगे कहा कि क्रिप्टोकरेंसी एसेट मार्केट से जुड़ी कई कमजोरियों को उजागर किया गया है, जैसे कि क्रिप्टोकरेंसी एसेट मार्केट और रेग्यूलेटेड फाइनेंशियल सिस्टम के बीच तालमेल.
RBI क्रिप्टोकरेंसी के बारे में चिंता जताता रहा है. केंद्र विभिन्न हितधारकों और संस्थानों से इनपुट इकट्ठा करने के बाद क्रिप्टोकरेंसी पर एक परामर्श पत्र को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है.
आरबीआई ने कहा, "क्रिप्टो-एसेट्स द्वारा होने वाले जोखिमों की पहचान और मात्रा का निर्धारण डेटा गैप चुनौतियों का सामना करता है."
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है, "मुद्रास्फीति के बढ़ते दबाव के जवाब में मौद्रिक नीति के आक्रामक कड़े होने से वैश्विक तरलता की स्थिति में एक बड़ा बदलाव आया है और पुनर्स्थापन ने वैश्विक वित्तीय प्रवाह को प्रभावित करना शुरू कर दिया है."
आरबीआई ने कहा कि क्रिप्टोग्राफी और डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर तकनीक द्वारा संचालित तकनीकी प्रगति ने क्रिप्टो और स्टेबलक्वॉइन जैसी नई डिजिटल एसेट का उदय किया है. यह मुख्य रूप से सट्टा निवेश के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं.
आपको बता दें कि, इससे पहले, फरवरी महीने में, RBI गवर्नर ने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले लोग अपने जोखिम पर ऐसा करें और उन्हें पता होना चाहिए कि इसके अन्दर कोई अंडरलेइंग एसेट या यूं कहे इसके अन्दर कोई वैल्यू नहीं है. 1600 के दशक में डच ट्यूलिप बल्ब एसेट बबल का जिक्र करते हुए उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू और उसके जोखिम को लेकर आगाह किया था.