सहकारी बैंकों से अब मिलेगा 1.4 करोड़ रु तक का होम लोन
मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक 6 जून को शुरू हुई थी और इसके नतीजे 8 जून को जारी हुए.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक (Monetary Policy Review Meeting) के नतीजे जारी किए. बैठक में रेपो रेट (Repo Rate) 0.50 प्रतिशत बढ़ाने का फैसला किया गया. इसके अलावा क्रेडिट कार्ड्स को यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) से लिंक करने, डेबिट/क्रेडिट कार्ड पर e-Mandate की लिमिट बढ़ाने के प्रस्ताव की भी घोषणा की गई. साथ ही MPC ने देश में सहकारी बैंकों को लेकर भी कुछ प्रस्ताव किए हैं. ये प्रस्ताव इस तरह हैं...
सहकारी बैंकों से हाउसिंग लोन की सीमा बढ़ी
RBI की ओर से Developmental and Regulatory Policies पर जारी किए गए बयान में कहा गया है कि प्राइमरी (शहरी) सहकारी बैंक (UCBs) और ग्रामीण सहकारी बैंक (RCBs - राज्य सहकारी बैंक और जिला केंद्रीय सहकारी बैंक) अपने ग्राहकों को कितना व्यक्तिगत आवास ऋण देंगे, इसकी विवेकपूर्ण सीमाएं मौजूदा दिशानिर्देश करते हैं. इन सीमाओं को पिछली बार 2011 में शहरी सहकारी बैंकों के लिए और 2009 में आरसीबी के लिए संशोधित किया गया था. आवास की कीमतों में वृद्धि और ग्राहकों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, सहकारी बैंकों द्वारा दिए जाने वाले व्यक्तिगत आवास ऋण पर मौजूदा सीमाओं को बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. अब टियर I/टियर II शहरी सहकारी बैंकों के मामले में व्यक्तिगत आवास ऋण के लिए सीमा क्रमश: 30 लाख/70 लाख रुपये से बढ़ाकर 60 लाख/140 लाख रुपये तक संशोधित मानी जाएगी. ग्रामीण सहकारी बैंकों के मामले में इस सीमा को 100 करोड़ रुपये से कम की असेस्ड नेटवर्थ के साथ 20 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर दिया जाएगा. अन्य आरसीबी के लिए व्यक्तिगत आवास ऋण की सीमा को 30 लाख से बढ़ाकर 75 लाख रुपये कर दिया जाएगा. इस बारे में एक डिटेल्ड सर्कुलर अलग से जारी किया जाएगा.
कमर्शियल रियल एस्टेट को उधार दे सकेंगे ग्रामीण सहकारी बैंक
मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार, राज्य सहकारी बैंकों (एसटीसीबी) और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) को वाणिज्यिक अचल संपत्ति क्षेत्र को ऋण देने से प्रतिबंधित किया गया है. किफायती आवास की बढ़ती आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए और आवास क्षेत्र को ऋण सुविधाएं प्रदान करने में एसटीसीबी व डीसीसीबी की क्षमता का एहसास करने के लिए, यह निर्णय लिया गया है कि एसटीसीबी और डीसीसीबी को वाणिज्यिक रियल एस्टेट- आवासीय आवास (सीआरई-आरएच) के लिए फाइनेंस प्रदान करने की अनुमति दी जाए. वे उनके कुल एसेट के 5 प्रतिशत की मौजूदा समग्र हाउसिंग फाइनेंस लिमिट के अंदर ऐसा कर सकेंगे. इस बारे में डिटेल्ड सर्कुलर अलग से जारी किया जाएगा.
शहरी सहकारी बैंक दे सकेंगे डोर-स्टेप बैंकिंग सुविधा
RBI मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू मीटिंग में यह निर्णय भी लिया गया है कि शहरी सहकारी बैंकों को शिड्यूल्ड कमर्शियल बैंकों के समान अपने ग्राहकों को डोरस्टेप बैंकिंग सेवाओं का विस्तार करने की अनुमति दी जाए. इस बारे में भी डिटेल्ड सर्कुलर अलग से जारी किया जाएगा.