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आरबीआई IFSC में सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड में निवेश और कारोबार की अनुमति देगा

वर्तमान में सेबी के साथ पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) को सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश के लिए उपलब्ध विभिन्न मार्गों के तहत SGRB में निवेश करने की अनुमति है.

आरबीआई IFSC में सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड में निवेश और कारोबार की अनुमति देगा

Friday April 05, 2024 , 2 min Read

भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को गांधीनगर स्थित अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC) में सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड (SGRB) में निवेश तथा कारोबार की अनुमति देने की घोषणा की. सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट में एक घोषणा के आधार पर जनवरी 2023 में सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड जारी किए.

इसके बाद, 2023-24 में सरकारी उधारी कार्यक्रम के तहत SGRB जारी किए गए. वर्तमान में सेबी के साथ पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) को सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश के लिए उपलब्ध विभिन्न मार्गों के तहत SGRB में निवेश करने की अनुमति है.

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने नए वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा, "SGRB में व्यापक स्तर पर प्रवासियों की भागीदारी को सुविधाजनक बनाने की दृष्टि से अंतररराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) में पात्र विदेशी निवेशकों को भी ऐसे बॉन्ड में निवेश करने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है."

उन्होंने कहा कि सरकार तथा आईएफएससी प्राधिकरण के परामर्श से आईएफएससी में पात्र विदेशी निवेशकों द्वारा SGRB में निवेश व व्यापार के लिए एक योजना अलग से अधिसूचित की जा रही है. सरकार चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड (SGRB) जारी करके 12,000 करोड़ रुपये उधार लेने की योजना बना रही है. इस बीच, एक अन्य घोषणा में आरबीआई ने भुगतान सेवा प्रदाताओं समेत गैर-बैंक भुगतान प्रणाली संचालकों को इसके व्यापक इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने के लिए सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) वॉलेट की पेशकश करने की अनुमति दी.

वर्तमान में, अधिक इस्तेमाल के मामलों और अधिक भाग लेने वाले बैंकों के साथ खुदरा व थोक क्षेत्रों में सीबीडीसी शुरुआती परियोजना जारी है.

दास ने कहा, "इस दृष्टिकोण को जारी रखते हुए गैर-बैंक भुगतान प्रणाली संचालकों को सीबीडीसी वॉलेट की पेशकश करने में सक्षम बनाकर, सीबीडीसी-रिटेल को उपयोगकर्ताओं के व्यापक वर्ग के लिए निरंतर तरीके से सुलभ बनाने का प्रस्ताव है." उन्होंने कहा कि इससे कई तरीकों से लेनदेन को संभालने के लिए सीबीडीसी मंच की क्षमता का पता लगाने के अलावा उपयोगकर्ताओं के लिए पहुंच बढ़ाने तथा विकल्पों का विस्तार करने की उम्मीद है. गवर्नर ने कहा कि इसे सुविधाजनक बनाने के लिए तंत्र में आवश्यक बदलाव किए जाएंगे.


Edited by रविकांत पारीक