पेमेंट फ्रॉड पर बढ़ेगी आरबीआई की सख्ती, 1 जनवरी से होने जा रहा है ये बड़ा बदलाव
दक्ष प्रणाली पर भुगतान संबंधी फर्जीवाड़े की थोक जानकारी दर्ज किए जाने के साथ ही ऑनलाइन स्क्रीन-आधारित रिपोर्टिंग और सलाह एवं सतर्कता भरे संदेश की सुविधा भी मिलेगी.
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को कहा कि फर्जीवाड़े की जानकारी देने वाले मॉड्यूल को एक जनवरी से उसके निगरानी मंच ‘दक्ष’ पर स्थानांतरित कर दिया जाया जाएगा.
आरबीआई ने मार्च, 2020 में ‘केंद्रीय भुगतान धोखाधड़ी सूचना रजिस्ट्री’ (सीपीएफआईआर) को सक्रिय किया था. इसके जरिये वाणिज्यिक बैंक एवं गैर-बैंक प्रीपेड भुगतान साधन (पीपीआई) की तरफ से भुगतान से जुड़े फर्जीवाड़े की जानकारी दी जा सकती है.
केंद्रीय बैंक ने कहा कि एक जनवरी, 2023 से रिजर्व बैंक की एडवांस निरीक्षण एवं निगरानी प्रणाली ‘दक्ष’ पर इसे स्थानांतरित किया जा रहा है.
दक्ष प्रणाली पर भुगतान संबंधी फर्जीवाड़े की थोक जानकारी दर्ज किए जाने के साथ ही ऑनलाइन स्क्रीन-आधारित रिपोर्टिंग और सलाह एवं सतर्कता भरे संदेश की सुविधा भी मिलेगी.
पेमेंट सिस्टम प्रोवाइडर के लिए आरबीआई का नियम
रिजर्व बैंक की तरफ से अधिकृत सभी भुगतान प्रणाली ऑपरेटरों (पीएसओ) एवं भुगतान प्रणाली भागीदारों के लिए अनिवार्य है कि वे भुगतान संबंधी फर्जीवाड़े की जानकारी उसे दें. पहले यह जानकारी ‘इलेक्ट्रॉनिक डेटा सबमिशन पोर्टल’ (ईडीएसपी) के जरिये दी जा सकती थी और अब उसे दक्ष प्रणाली पर ले जाया जा रहा है.
अपने सर्कुलर में, आरबीआई ने दिशानिर्देश निर्धारित किए हैं जिसके तहत भारत में सभी अधिकृत भुगतान प्रणाली ऑपरेटरों (पीएसओ) और भुगतान प्रणाली प्रतिभागियों को सभी भुगतान धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने की आवश्यकता होती है. इसमें छोटी से लेकर बड़ी रकम की धोखाधड़ी के लिए की गई कोशिश की घटनाएं शामिल हैं. ये शिकायतें या तो उनके ग्राहकों द्वारा रिपोर्ट किया गया हो या भुगतान प्रणाली द्वारा पता लगाया गया हो.
केंद्रीय बैंक के अनुसार, रिपोर्ट किए गए भुगतान धोखाधड़ी लेनदेन को प्रस्तुत करने का दायित्व जारीकर्ता बैंक, पीपीआई जारीकर्ता या क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली एनबीएफसी पर होगा, जिनके जारी किए गए पेमेंट मोड का उपयोग धोखाधड़ी में किया गया है.
व्यक्तिगत लेन-देन के आधार पर भारतीय रिजर्व बैंक को रिपोर्ट करने से पहले, प्रामाणिकता और पूर्णता सुनिश्चित करने के लिए संस्थाओं को अपने स्वयं के सिस्टम में ग्राहक द्वारा रिपोर्ट की गई भुगतान धोखाधड़ी की जानकारी को वैलिडेट करने की आवश्यकता होती है.
इसके अलावा, उन्हें भुगतान धोखाधड़ी (घरेलू और अंतरराष्ट्रीय) की रिपोर्ट ग्राहक द्वारा रिपोर्ट किए जाने की तारीख/संस्था द्वारा पता लगाए जाने की तारीख से सात दिनों के भीतर केंद्रीय भुगतान धोखाधड़ी सूचना रजिस्ट्री (सीपीएफआईआर) को करनी होगी.
CPFIR को RBI द्वारा मार्च 2020 में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और गैर-बैंक PPI जारीकर्ताओं द्वारा भुगतान धोखाधड़ी की रिपोर्टिंग के साथ चालू किया गया था.
आरबीआई ने कहा कि “1 जनवरी, 2023 को दक्ष पर भुगतान धोखाधड़ी रिपोर्टिंग लाइव होने के बाद, संस्थाएं ईडीएसपी में किसी भी भुगतान धोखाधड़ी की रिपोर्ट नहीं कर पाएंगी. हालांकि, इकाइयां 31 दिसंबर, 2022 तक ईडीएसपी में रिपोर्ट किए गए भुगतान धोखाधड़ी को अपडेट और बंद करना जारी रख सकती हैं. रिज़र्व बैंक बाद में ईडीएसपी से दक्ष में ऐतिहासिक डेटा ट्रांसफर करेगा.”
Edited by Vishal Jaiswal