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कितना वाजिब है मंगल पर इंसानों की कॉलोनी बसाने का ईलॉन मस्क का ख्वाब

कितना वाजिब है मंगल पर इंसानों की कॉलोनी बसाने का  ईलॉन मस्क का ख्वाब

Monday November 28, 2022 , 3 min Read

लंबे समय से वैज्ञानिक धरती के अलावा सौरमंडल के दूसरे ग्रहों पर जीवन की संभावना तलाशने के लिए शोध करते आ रहे हैं. सूरज का चक्कर काट रहे सभी 8 ग्रहों में सिर्फ पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह है जहां जीवन है. इसके अलावा मंगल ग्रह पर जीवन की कुछ संभावना है. 28 नवंबर, 1964 को मंगल ग्रह पर पहुंचने वाले पहले अंतरिक्ष यान मेरिनर 4 के प्रक्षेपित किया गया था जिसे याद करते हुए, 28 नवंबर को प्रतिवर्ष ‘रेड प्लेनेट डे’ (लाल ग्रह दिवस) के रूप में मनाया जाता है.


मंगल की वैज्ञानिक जांच के लिए, मेरिनर 4 अंतरिक्ष यान का निर्माण फ्लाई-बाय के दौरान डेटा एकत्र करने और उस जानकारी को वापस पृथ्वी पर प्रसारित करने के लिए किया गया था. लगभग आठ महीने की यात्रा के बाद, 14 जुलाई, 1965 को इस अंतरिक्ष यान ने लाल ग्रह का एक फ्लाई-बाय पूरा किया था.

मंगल ग्रह

मंगल ग्रह सूर्य से दूरी के क्रम में हमारी धरती के ठीक बाद चौथे स्थान पर है. पृथ्वी की तरह ही मंगल ग्रह भी अपने अक्ष पर झुका हुआ है. मंगल ग्रह सूर्य का एक चक्कर 686 दिनों में पूरा करता है. इसके अलावा अपनी धुरी पर मंगल ग्रह एक चक्कर धरती की तुलना में लगभग बराबर समय यानी 24.6 घंटे में लगाता है. पृथ्वी पर सूर्यास्त नारंगी और पीले रंग का एक बहुरंगा मिश्रण होता है, लेकिन मंगल पर रात का आकाश नीला होता है और दिन का आकाश गुलाबी-लाल होता है.


मंगल ग्रह को लंबे समय से पृथ्वी के बाद सौर मंडल में दूसरा सबसे अधिक रहने योग्य ग्रह माना जाता रहा है. मंगल ग्रह पर जीवन है या नहीं इसको लेकर कई रिसर्च की जा चुकी हैं. यह ग्रह न बहुत ठंडा और न ही बहुत गर्म, और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सौर मंडल को ईंधन देने के लिए पर्याप्त धूप है. यह ग्रह एक ठंडा, रेतीला रेगिस्तान है. मंगल एक गतिशील ग्रह है जिसमें अतीत की बहुत अधिक गतिविधि, मौसम, ध्रुवीय बर्फ की टोपी, घाटी और विलुप्त ज्वालामुखियों के संकेत हैं. मंगल ग्रह पर महासागर का पता लगाया गया है. जिसे देखते हुए ही हुए ही रेड प्लेनेट पर जीवन होने की संभावना जताई जाती रही है.

क्या मंगल पर ऑक्सीजन है?

कई अलग-अलग गैसीय परतें मंगल के वायुमंडल में हैं.  जल वाष्प, ऑक्सीजन, कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोजन और अन्य गैसें ग्रह पर सूक्ष्म मात्रा में पाई गईं हैं. मंगल पर ऑक्सीजन बेहद कम है. इतनी कम कि मंगल की फ़िज़ा में केवल पांच फ़ीसदी ऑक्सीजन है. ऐसे में ज़िंदगी के पनपने की गुंजाइश वहां बेहद कम दिखती है.


मंगल पर कामकाजी स्थिति में रोवर यान उतारने में अभी तक सिर्फ छह मिशन कामयाब हुए हैं, और ये सभी अमेरिका की सरकारी संस्था नासा से ही संचालित रहे हैं. धरती से मंगल की दूरी हमेशा बदलती रहती है. पांच करोड़ 46 लाख से लेकर 40 करोड़ 10 लाख किलोमीटर के लंबे गैप में लगातार बदलने वाली धरती और मंगल की दूरी और जब-तब दोनों के बीच में सूरज आ जाने के चलते संवेदनशील दूरसंचार यंत्रों की ट्यूनिंग बहुत मुश्किल हो जाती है.


Edited by Prerna Bhardwaj