सरकार ने स्टार्टअप में निवेश की सुविधा के लिए एंजेल फंड को लेकर जारी किया रेग्यूलेटरी फ्रेमवर्क
अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (International Financial Services Centres Authority - IFSCA) ने अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों (International Financial Services Centres - IFSC) में फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स, फाइनेंशियल सर्विसेज और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट्स को डेवलप और रेग्यूलेट करने के अपने कार्यादेश को आगे बढ़ाते हुए, अप्रैल, 2022 में IFSCA (फंड मैनेजमेंट) रेग्यूलेशन, 2022 अधिसूचित किया था, ताकि एर्ली-स्टेज वेंचर कैपिटल अंडरटेकिंग्स (स्टार्टअप) में निवेश के लिए योजनाओं सहित फंड मैनेजमेंट से संबंधित विभिन्न कार्यों के लिए रेग्यूलेटरी फ्रेमवर्क को सक्षम बनाया जा सके.
एंजेल फंड (Angel Funds) स्टार्टअप और एंजेल निवेशकों के बीच की दूरी को ख़त्म करता है. एंजेल निवेशक (Angel Investors) स्टार्टअप परामर्श देने, सहायता करने और संसाधन प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इसी बात को ध्यान में रखते हुए IFSCA ने अब IFSCA (फंड मैनेजमेंट) रेग्यूलेशन, 2022 के तहत एंजेल फंड के लिए एक फ्रेमवर्क जारी किया है. इस फ्रेमवर्क की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
1) IFSCA में फंड मैनेजमेंट युनिट (FME) ग्रीन चैनल के तहत प्राधिकरण के साथ एक नियुक्ति ज्ञापन दाखिल करके एंजेल फंड लॉन्च करने में सक्षम होगी, यानी प्राधिकरण के साथ नियुक्ति ज्ञापन दाखिल करने के तुरंत बाद निवेशकों द्वारा सब्सक्रिप्शन के लिए योजनाएं खोली जा सकती हैं.
2) एंजेल फंड मान्यता प्राप्त निवेशकों या ऐसे निवेशकों से निवेश स्वीकार करेंगे, जो 5 वर्षों के दौरान कम से कम 40,000 डॉलर निवेश करने के इच्छुक हैं.
3) एंजेल फंड को इच्छुक निवेशकों से सहमति प्राप्त करने के बाद IFSC, भारत, विदेशी क्षेत्राधिकार में स्टार्टअप के साथ-साथ अन्य विनियमित एंजेल योजनाओं में निवेश करने की अनुमति होगी.
4) एंजेल फंड द्वारा एक स्टार्टअप में निवेश की सीमा 1,500,000 डॉलर है, एंजेल फंड को अपनी शेयरधारिता को कमजोर पड़ने से बचाने के लिए स्टार्टअप द्वारा फिर से कोष जुटाने के दौर में निवेश करने की अनुमति होगी, जो कुछ शर्तों के अधीन होगी.
एंजेल फंड के लिए जारी किए गए इस रेग्यूलेटरी फ्रेमवर्क के बारे में विस्तृत जानकारी यहां देखी जा सकती है.