पीएम मोदी को वेंचर कैपिटल और प्राइवेट इक्विटी फंड के प्रतिनिधियों ने दी ‘स्टार्टअप प्राइम मिनिस्टर’ की संज्ञा
प्रधानमंत्री ने वेंचर कैपिटल और प्राइवेट इक्विटी फंड के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की। यह भारत में ईज ऑफ डूइंग बिजनस को बढ़ावा देने के प्रधानमंत्री के निरंतर प्रयास का एक हिस्सा है। अगले बजट से पहले यह बैठक उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से इनपुट लेने के लिए पीएम मोदी की व्यक्तिगत बातचीत को दर्शाती है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को लोक कल्याण मार्ग पर वेंचर कैपिटल और प्राइवेट इक्विटी फंड के प्रतिनिधियों के साथ एक गोलमेज वार्ता की मेजबानी की।
देश में निवेश के माहौल को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री निरंतर प्रयासरत हैं। पिछले सात वर्षों में, सरकार की ओर से इस संबंध में कई महत्वपूर्ण पहल की गई है। इसी क्रम में यह बैठक आयोजित की गई और यह दिखाता है कि कैसे प्रधानमंत्री अगले बजट से पहले इनपुट इकट्ठा करने के लिए उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के साथ व्यक्तिगत रूप से बातचीत कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने भारत में ईज ऑफ डुइंग बिजनस में सुधार, ज्यादा पूंजी आकर्षित करने और देश में सुधार प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए सुझाव मांगे। उन्होंने प्रतिनिधियों से प्राप्त व्यावहारिक सुझावों की सराहना की और कहा कि सरकार सामने रखे गए मुद्दों और चुनौतियों का समाधान करने की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने और अधिक सुधार के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयासों, पीएम गतिशक्ति जैसी पहल की भविष्य की संभावनाओं और गैरजरूरी बोझ को कम करने के लिए उठाए गए कदमों पर चर्चा की। उन्होंने भारत में जमीनी स्तर पर हो रहे नवाचार और स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने का भी उल्लेख किया।
वेंचर कैपिटल और प्राइवेट इक्विटी फंड के प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री की नेतृत्व क्षमता की प्रशंसा की, जो देश में निवेश के माहौल को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के पीछे एक प्रमुख प्रेरक शक्ति रही है। देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए की गई पहलों की सराहना करते हुए, सिद्धार्थ पई ने प्रधानमंत्री को 'स्टार्टअप प्रधानमंत्री' संबोधित किया
वेंचर कैपिटल और प्राइवेट इक्विटी फंड के प्रतिनिधियों ने देश की उद्यमशीलता क्षमता के बारे में भी बात की, और कैसे इसका लाभ उठाया जा सकता है जिससे हमारे स्टार्टअप वैश्विक स्तर पर पहुंच सकें। प्रशांत प्रकाश ने कृषि स्टार्टअप्स में मौजूद अवसरों पर प्रकाश डाला। राजन आनंदन ने सुझाव दिया कि प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर भारत को शिक्षा का वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में काम किया जाए। शांतनु नलवाड़ी ने पिछले सात वर्षों में देश में किए गए सुधारों खासतौर से दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) की स्थापना के कदम की प्रशंसा की। अमित डालमिया ने कहा कि भारत दुनियाभर में ब्लैकस्टोन (फंड्स) के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले भौगोलिक क्षेत्रों में से एक है। विपुल रूंगटा ने आवास क्षेत्र में विशेष रूप से किफायती घर को लेकर सरकार द्वारा की गई नीतिगत पहलों की प्रशंसा की। प्रतिनिधियों ने उन अवसरों पर भी चर्चा की, जो ऊर्जा संक्रमण के क्षेत्र में भारत की आदर्श जलवायु प्रतिबद्धताओं के कारण उभर रहे हैं। उन्होंने फिनटेक और वित्तीय प्रबंधन, एक सेवा के रूप में सॉफ्टवेयर (एसएएएस) आदि जैसे क्षेत्रों के बारे में भी इनपुट दिए। उन्होंने भारत को 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने के प्रधानमंत्री के विजन की भी प्रशंसा की।
इस बातचीत में एक्सेल से प्रशांत प्रकाश, सेक्वॉया से राजन आनंदन, टीवीएस कैपिटल्स से गोपाल श्रीनिवासन, मल्टिपल्स से रेणुका रामनाथ, सॉफ्टबैंक से मुनीश वर्मा, जनरल अटलांटिक से संदीप नाइक, केदार कैपिटल से मनीष केजरीवाल, क्रिस से एस्ले मेनेजेस, कोटक अल्टरनेट एसेट्स से श्रीनी श्रीनिवासन, इंडिया रिसर्जेंट से शांतनु नलवाड़ी, थ्रीवनफोर से सिद्धार्थ पई, आविष्कार से विनीत राय, एडवेंट से श्वेता जालान, ब्लैकस्टोन से अमित डालमिया, एचडीएफसी से विपुल रूंगटा, ब्रुकफील्ड से अंकुर गुप्ता, ऐलिवेशन से मुकुल अरोड़ा, प्रोसस से सहराज सिंह, गाजा कैपिटल से रंजीत शाह, योरनेस्ट से सुनील गोयल, एनआईआईएफ से पद्मनाभ सिन्हा ने हिस्सा लिया। इस दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री, वित्त राज्य मंत्री, पीएमओ और वित्त मंत्रालय के अधिकारी भी मौजूद थे।