ये 5 स्टार्टअप ग्रामीण इलाकों में मुहैया करा रहे जॉब्स
अब सरकार से लेकर टेक्नोलॉजी कंपनियां ग्रामीण इलाकों में डिजिटल भारत के सपनों को सच करने में लगी हैं. इस दिशा में कई स्टार्टअप्स भी काम कर रहे हैं. भारत के पास दुनिया में स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए तीसरा सबसे बड़ा स्थान है, ये स्टार्टअप लोगों के जीवन में टेक्नोलॉजी को लाकर उनकी जिंदगी को आसान बना रहे
सुविधाओं से लैस शहरों में तेज रफ्तार इंटरनेट ने लोगों की जिंदगी बदलकर रख दी है. डिजिटल पेमेंट्स से लेकर कम्यूनिकेशन और डीप टेक की टेक्नोलॉजी आज लोगों की जिंदगी का हिस्सा बन चुकी है.
अब सरकार से लेकर टेक्नोलॉजी कंपनियां ग्रामीण इलाकों में डिजिटल भारत के सपनों को सच करने में लगी हैं. इस दिशा में कई स्टार्टअप्स भी काम कर रहे हैं. भारत के पास दुनिया में स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए तीसरा सबसे बड़ा स्थान है, ये स्टार्टअप लोगों के जीवन में टेक्नोलॉजी को लाकर उनकी जिंदगी को आसान बना रहे हैं.
टेक्नोलॉजी से लोगों के जीवन को आसान बनाने के अवसर और रोजगार सृजन, स्टार्ट-अप न केवल टियर 3 और 4 बाजारों में फल-फूल रहे हैं बल्कि ग्रामीण लोगों और ग्राहकों के जीवन को प्रभावित कर रहे हैं.
1. मीशो (Meesho)
एक बेंगलुरु स्थित सोशल स्टार्टअप प्लेटफॉर्म है जो कि हाल ही में यूनिकॉर्म बना है. यह फैशन और होमवेयर कैटेगरी में महिला आधारित बिजनेसेस पर फोकस करता है. एक तरह से मीशो लोगों को उनकी अपनी दुकान मुहैया कराता है.
यह एक रिसेलर मॉडल है, जिसमें महिलाओं का समूह इस प्लेटफॉर्म से प्रोडक्ट्स को चुनता है और उन्हें व्हाट्सऐप, फेसबुक और इंस्टाग्राम के माध्यम से सीधे ग्राहकों को बेचता है. सोशल कॉमर्स प्लेटफॉर्म का दावा है कि उसके पास 1.3 करोड़ से अधिक ऑन्त्रप्रेन्योर हैं, जिनमें से अधिकांश महिलाएं हैं.
इसने उन्हें जीरो इन्वेस्टमेंट के साथ अपना ऑनलाइन व्यवसाय शुरू करने में मदद की है, जिससे देश भर में 4.5 करोड़ से अधिक ग्राहकों को ई-कॉमर्स का लाभ मिला है. इसका उद्देश्य महिलाओं को फाइनेंशियल इंडीपेंडेंस प्राप्त करने में मदद करना है.
2. उड़ान (Udaan)
यह एक नेटवर्क सेंट्रिक बी2बी प्लेटफॉर्म है जिसे देश में छोटे एवं मध्यम कारोबार को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है. यह भारत में व्यापारियों, होलसेलर्स, रिटेलर्स, मैन्यूफैक्चरर्स और ब्रांडों को एक मंच पर लाता है.
के साथ, व्यापारी देशभर में खरीदारों और विक्रेताओं तक पहुंच सकते हैं और एक बटन के टैप से खरीदारी कर सकते हैं.उड़ान एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो अपने कस्टमर्स को भविष्य के व्यवसाय के लिए अपने नेटवर्क को विकसित करने की अनुमति देता है, भले ही आप खरीदते और बेचते हों. उड़ान टेक्नोलॉजी और इंटरनेट के विस्तार का लाभ उठाकर भारत के छोटे व्यवसायों को सशक्त बना रहा है.
3. फ्रंटियल मार्केट्स (Frontier Markets)
यह सबसे तेजी से बढ़ते ग्रामीण महिलाओं के नेतृत्व वाले सोशल कॉमर्स प्लेटफॉर्म में से एक है. फ्रंटियर मार्केट्स एक डिजिटल रूप से सक्षम प्लेटफॉर्म है, जो ग्रामीण कस्टमर्स को वीमेन सेल्सफोर्स से इंस्टैंट मल्टीप्रोडक्ट/सर्विसेज सॉल्यूशंस खरीदने की अनुमति देता है. इसमें एफएमसीजी, कृषि, ड्यूरेबल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और डिजिटल सर्विसेज शामिल हैं.
यह एक एंड-टू-एंड प्रोडक्ट और सर्विस है, जो ग्रामीण महिला ऑन्त्रप्रेन्योर्स द्वारा चलाए जा रहे एक सहायक वाणिज्य मॉडल के माध्यम से गांवों में कंज्यूमर्स के दरवाजे पर पहुंचाई जाती है, जिसे ‘सरल जीवन सहेली’ कहा जाता है.
उन्होंने देशभर के 2000 गांवों में 10,000 नई ग्रामीण महिला उद्यमियों (सहेलियों) को जोड़ा है और वे आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं.
4. हेसा (Hesa)
यह एक ग्रामीण टेक स्टार्ट-अप है, जो भारत (ग्रामीण भारत) को इंडिया (शहरी भारत) से जोड़ता है. यह ग्रामीण भारत को भौतिक और डिजिटल कनेक्ट प्रदान करके ग्रामीण अर्थव्यवस्था को फिर से परिभाषित कर रहा है.
का एकीकृत बी2बी मार्केटप्लेस दोनों सिरों को जोड़ता है और लगभग 'डोरस्टेप एक्सेस' के साथ खरीदारी और बिक्री को सक्षम बनाता है. ग्रामीण ग्राहक कई प्रकार के प्रोडक्ट खरीद या बेच सकते हैं, बैंकिंग और अन्य वित्तीय सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं और अपने गांव में रहते हुए ही यूटिलिटी बिल्स का भुगतान भी कर सकते हैं.
5. डीलशेयर (Dealshare)
यह टियर-2 और टियर-3 शहरों के निम्न और मध्यम आय वर्ग पर फोकस करता है और उन्हें 'व्हाट्सएप-फर्स्ट इंडिया' कहता है. प्लेटफॉर्म के माध्यम से यूजर्स रोजाना डिस्काउंटेड कीमतों पर फल और सब्जियां, किराने का सामान, ब्यूटी और वेलनेस प्रोडक्ट्स, और अन्य सभी आवश्यक घरेलू चीजें प्राप्त कर सकते हैं.
जयपुर में शुरू हुए इस स्टार्टअप का हेडक्वार्टर अब बेंगलुरु में है. यह प्रतिदिन 55,000 से अधिक ऑर्डर की सर्विस पूरा करने का दावा करता है. इसके साथ ही यह महीने दर महीने 50 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है. कंपनी जो बेचती है उसका 70 प्रतिशत से अधिक लोकल मैन्यूफैक्चर्स से आता है.
Edited by Vishal Jaiswal