Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

रूस देगा भारत को सबसे सस्‍ती डीएपी खाद

रूस पर लगे अंतरराष्‍ट्रीय प्रतिबंधों के बीच भारत-रूस के बीच महत्‍वपूर्ण करार. रूस भारत को देगा 3.5 लाख टन डाय-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) खाद.

रूस देगा भारत को सबसे सस्‍ती डीएपी खाद

Thursday June 30, 2022 , 3 min Read

यूक्रेन पर हमला करने के कारण पूरी दुनिया में आलोचना का शिकार हो रहे रूस की भारत के साथ दोस्‍ती और व्‍यापारिक संबंध बरकरार हैं. पेट्रोल के बाद अब भारत रूस से फर्टिलाइजर लेने करने वाला सबसे बड़ा खरीदार बन गया है. भारत और रूस के बीच हुए करार के मुताबिक रूस अप्रैल- जुलाई की तिमाही में भारत को 3.5 लाख टन डाय-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) खाद निर्यात करेगा.

रूस के पहले चीन भारत के लिए डीएपी खाद का सबसे बड़ा सप्‍लायर हुआ करता था. इसके अलावा हमारी खाद मुख्‍य रूप से मोरक्‍को और सऊदी अरब से आती थी. अंतराष्‍ट्रीय हालात को देखते हुए रूस इस वक्‍त नाजु‍क स्थिति में है. अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के चलते रूस के पारंपरिक खरीदार कम हो गए हैं. ऐसे में भारत के लिए यह कीमतें निगोशिएट करने का कूटनीतिक मौका है, जिसका भारत ने भरपूर लाभ उठाया है.

सबसे कम कीमतों पर मिली डीएपी खाद

यह खाद भारत को उस कीमत पर मिली है, जिसके लिए बांग्‍लादेश और पाकिस्‍तान जैसे पड़ोसी देश अभी कोशिश ही कर रहे हैं. भारत की चार कंपनियां इंडियन पोटास लिमिटेड, राष्ट्रीय कैमिकल फर्टिलाइजर्स, चंबल फर्टिलाइजर्स और कृषक भारती कोऑपरेटिव रूस से इस खाद का

आयात करेंगी.

भारत को यह खाद 920-925 डॉलर प्रति टन की कीमत पर मिलेगी. रूस से खाद मंगा रहे और किसी देश को इतनी कम कीमत पर खाद नहीं मिल रही है. बांग्लादेश 8 लाख टन खाद के लिए 1,020-1,030 डॉलर प्रति टन की दर से कीमत अदा कर रहा है. वहीं इंडोनेशिया और थाइलैंड को: 992 व 1000 डॉलर प्रति टन की कीमत पर खाद मिल रही है. पाकिस्‍तान की डील तो अब तक 1,030 डॉलर प्रति टन पर भी तय नहीं हो पाई है. संभवत: इसकी वजह अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा बाजार में डॉलर के मुकाबले पाकिस्‍तानी रुपए की गिरती कीमत है.

भारत का कुल आयात

भारत में अप्रैल से जुलाई के बीच कुल 9.5-9.6 लाख टन डीएपी खाद के आयात की संभावना है. हमारे यहां सबसे ज्‍यादा खाद का आयात रूस से हो रहा है. इसके अलावा सऊदी अरब, चीन और मोरक्‍को जैसे देश भी भारत को खाद का निर्यात करते हैं.

इस वर्ष रूस समेत इन तीनों देशों से हम इतनी खाद आयात करेंगे-

1. सऊदी अरब - 2.8 लाख टन

2. चीन - 1.27 लाख टन

3. मोरक्‍को- 1.03 लाख टन खाद

पिछले वित्‍त वर्ष 2021-22 में भारत ने कुल 58.60 लाख टन डीएपी खाद आयात की थी. यह खाद मुख्‍यत: तीन देशों चीन, सऊदी अरब और मोरक्‍को से आयात की गई थी, जिसकी डीटेल इस प्रकार है-

1. चीन- 20.43 लाख टन

2. सऊदी अरब - 19.33 लाख टन

3. मोरक्‍को- 12.12 लाख टन खाद

भारत के इस कदम का कूटनीतिक महत्‍व

जिस तरह यूरिया आयात के मामले में भारत ने अपने आपूर्ति स्रोतों को बढ़ाने का समझदारीपूर्ण फैसला किया था, उसी तरह पारंपरिक देशों से बाहर जाकर अन्‍य स्रोतों से खाद आयात करने का यह फैसला भी बेहद महत्‍वपूर्ण है. भारत ने अमेरिका से पहली बार 47,000 टन यूरिया आयात किया था.

कृषि के नजरिए से देखें तो खाद का यह आयात बिलकुल सही समय पर हुआ है. खरीफ की फसल की बुआई शुरू हो चुकी है. खाद की सही समय पर और सही मात्रा मे आपूर्ति होने का अर्थ है किसानों को सस्‍ती दरों पर बेहतर खाद मिलने की संभावना. यह अंतरराष्‍ट्रीय कूटनीतिक संबंधों से लेकर निजी स्‍तर पर अपनी कृषि की जरूरतों को देखते हुए भी भारत सरकार का ऐसा फैसला है, जिसका स्‍वागत किया जाना चाहिए.


Edited by Manisha Pandey