हीरा खदान में काम करने वाले का लड़का है देश का सबसे युवा IPS, आज इनसे प्रेरणा लेकर युवा कर रहे हैं UPSC की तैयारी

सफीन ने साल 2018 में UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास करते हुए 570वीं रैंक हासिल की थी। आईपीएस की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद 23 दिसंबर 2019 में सफीन की पहली तैनाती गुजरात के जामनगर में बतौर सहायक पुलिस अधीक्षक हुई थी।

हीरा खदान में काम करने वाले का लड़का है देश का सबसे युवा IPS, आज इनसे प्रेरणा लेकर युवा कर रहे हैं UPSC की तैयारी

Saturday May 22, 2021,

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गुजरात के कनोदर गाँव में साल 1995 में जन्मे सफीन हसन ने सबसे कम उम्र में आईपीएस बन कर इतिहास रच दिया था। जब सफीन आईपीएस अधिकारी बने थे उस समय उनकी उम्र महज 22 साल थी। शुरुआती जीवन की तमाम कठिनायों के साथ ही UPSC परीक्षा की तैयारी के दौरान भी हसन ने ऐसी कई मुश्किलें झेलीं जिनके सामने किसी का भी मनोबल टूट सकता था, लेकिन हसन के इरादों के आगे वे सभी मुश्किलें बौनी ही साबित हुईं।


सफीन ने साल 2018 में UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास करते हुए 570वीं रैंक हासिल की थी। आईपीएस की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद 23 दिसंबर 2019 में सफीन की पहली तैनाती गुजरात के जामनगर में बतौर सहायक पुलिस अधीक्षक हुई थी।

सफीन हसन

सफीन हसन (फोटो साभार: Marathi News)

बचपन में तय किया लक्ष्य, माँ-बाप ने किए त्याग

सफीन हसन के अनुसार जब वह प्राइमरी स्कूल में पढ़ाई कर रहे थे तब उन्होंने देखा कि किस तरह एक डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर को लोग सम्मान दे रहे हैं। एक आईएएस अधिकारी का यह रुतबा देखने के बाद हसन उनसे बेहद प्रभावित हुए थे और हसन ने तभी यह निश्चय कर लिया था कि उन्हें सिविल सेवा में ही जाना है।


सफीन का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था जहां उनके पिता घर चलाने के लिए हीरे की खदान में बतौर मजदूर काम करते थे, जबकि सफीन की शिक्षा में कोई रुकावट ना आए इसके लिए उनकी माँ दूसरों के घरों में खाना बनाने का काम किया करती थीं।


पढ़ाई के प्रति सफीन की लगन को देखते हुए उनके स्कूल के प्रधानाचार्य ने उनकी फीस माफ कर दी थी, इसी के साथ एक अन्य परिवार ने उनके ट्यूशन का खर्च उठाना शुरू कर दिया था।

कठिन परिस्थितियों में दी परीक्षा

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के मेन्स के चौथे पेपर के ठीक आधा घंटा पहले हसन एक दुर्घटना का शिकार हो गए थे, जहां बाइक फिसलने से उन्हें कई चोटें आई थीं। हसन के अनुसार उनका दायाँ हाथ उस समय ठीक था और वो इसी बात पर खुश थे। दुर्घटना के फौरन बाद ही हसन पेनकिलर खाकर परीक्षा देने एग्जाम सेंटर पहुंच गए थे।


परीक्षा देने के बाद जब उनका सीटी स्कैन हुआ तब मालूम चला कि उनके घुटने का लिंगामेंट टूट गया है। डॉक्टरों ने हसन को ऑपरेशन करवाने की सलाह दी थी लेकिन वह उन्होंने इंटरव्यू के बाद ही करवाया था।


साल 2018 में अपने यूपीएससी इंटरव्यू से पहले भी हसन काफी बीमार पड़ गए थे और डब्ल्यूूबीसी काउंट गिरने के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था, लेकिन तब वे अपने इंटरव्यू से ठीक पहले ही अस्पताल से छुट्टी लेकर इंटरव्यू की तैयारी के उद्देश्य से दिल्ली चले गए थे।


हसन ने अपने दूसरे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास की और आईपीएस बने। हसन को इस इंटरव्यू में दूसरे सबसे अधिक नंबर हासिल हुए थे।


अपनी सफलता के बारे में बात करते हुए हसन इसका श्रेय अपने परिवार, माता-पिता, शिक्षकों के साथ ही उन तमाम अंजान लोगों को भी देते हैं, जिनसे उन्हें कभी न कभी प्रेरणा मिली है।


हसन मानते हैं कि, "लोगों को अपने भाग्य के भरोसे नहीं बैठे रहना चाहिए बल्कि अपने लक्ष्य की तरफ हर परिस्थिति में बढ़ते रहना चाहिए, अगर हम बिना रुके लक्ष्य की तरफ बढ़ने की ठान लेते हैं तो ऐसे में भाग्य को साथ देने के लिए आना ही पड़ता है।"


Edited by रविकांत पारीक