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1 अप्रैल से गोल्ड ज्वैलरी बिक्री को लेकर बदल रहा नियम, ग्राहक और ज्वैलर्स दोनों जान लें नया अपडेट

गोल्ड हॉलमार्किंग 16 जून 2021 तक स्वैच्छिक थी. उसके बाद सरकार ने चरणबद्ध तरीके से इसे अनिवार्य किया.

1 अप्रैल से गोल्ड ज्वैलरी बिक्री को लेकर बदल रहा नियम, ग्राहक और ज्वैलर्स दोनों जान लें नया अपडेट

Sunday March 05, 2023 , 3 min Read

देश में 1 अप्रैल से 6 अंकों के अल्फान्यूमेरिक HUID (विशिष्ट पहचान संख्या) के बिना हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों और सोने की कलाकृतियों की बिक्री की अनुमति नहीं होगी. इस फैसले को लेकर सरकार की ओर से बयान जारी कर दिया गया है. आधिकारिक बयान में कहा गया है, "1 अप्रैल 2023 से HUID की मौजूदगी वाली गोल्ड ज्वैलरी की बिक्री की ही अनुमति दी जाएगी." उपभोक्ता मामलों के विभाग में अतिरिक्त सचिव निधि खरे का कहना है कि उपभोक्ताओं के हित में, यह निर्णय लिया गया है कि 31 मार्च के बाद HUID के बिना हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों और सोने की कलाकृतियों की बिक्री की अनुमति नहीं दी जाएगी.

इसलिए 1 अप्रैल 2023 से सोने की ज्वैलरी लेते वक्त BIS हॉलमार्क के साथ-साथ 6 डिजिट का HUID कोड भी ग्राहक चेक कर लें.

आखिर क्या है HUID

हॉलमार्क यूनीक आइडेंटिफिकेशन डिजिट (HUID) एक छह अंकों का अल्फान्यूमेरिक कोड है. इस कोड में संख्याएं और अक्षर दोनों होते हैं. हॉलमार्किंग के समय प्रत्येक गोल्ड ज्वैलरी को HUID दिया जाएगा और यह हर ज्वैलरी के लिए यूनीक रहेगा. एसेइंग एंड हॉलमार्किंग सेंटर (एएचसी) में गहनों पर विशिष्ट संख्या के साथ मैन्युअल रूप से मुहर लगाई जाती है. वर्तमान में चार अंकों के साथ-साथ छह अंकों के HUID का उपयोग किया जा रहा है. HUID ग्राहक को, गोल्ड ज्वैलरी की शुद्धता को लेकर ज्वैलर्स की ओर से किए जा रहे दावों को वेरिफाई करने की अनुमति देता है. गोल्ड ज्वैलरी पर स्टैंप्ड HUID कोड को BIS Care ऐप पर वेरिफाई किया जा सकता है. अगर यह फेक निकला तो ग्राहक, ज्वैलर के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकता है.

HUID बेस्ड हॉलमार्किंग, ज्वैलर्स का रजिस्ट्रेशन, बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के ऑटोमेटिक है. इसका उद्देश्य हॉलमार्क वाले गहनों की शुद्धता सुनिश्चित करना और किसी भी गलत प्रैक्टिस पर रोक लगाना है. HUID एक सुरक्षित प्रणाली है और इससे डेटा प्राइवेसी या सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है.

कब से अनिवार्य हुई है गोल्ड हॉलमार्किंग

गोल्ड हॉल​मार्किंग, सोने की शुद्धता का प्रमाण पत्र है. गोल्ड हॉलमार्किंग 16 जून 2021 तक स्वैच्छिक थी. उसके बाद सरकार ने चरणबद्ध तरीके से इसे अनिवार्य किया. पहले चरण में इसे 256 जिलों में अनिवार्य किया गया और दूसरे चरण में 32 और जिलों को जोड़ा गया, जिससे कुल संख्या 288 जिले हो गई. अब 51 और जिलों को जोड़ा जा रहा है. 1 जुलाई 2021 से सरकार ने गोल्ड ज्वैलरी पर BIS हॉलमार्क साइन्स को रिवाइज कर दिया. BIS हॉलमार्क्ड गोल्ड ज्वैलरी के रिवाइज्ड साइन्स इस तरह हैं...

- BIS लोगो

- शुद्धता/फिटनेस ग्रेड

- 6 डिजिट वाला HUID कोड

BIS सर्टिफिकेशन फीस में रियायत

हाल ही में खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की गतिविधियों की समीक्षा के लिए एक बैठक की. इस बैठक में यह भी फैसला किया गया कि माइक्रो स्केल यूनिट्स में क्वालिटी कल्चर को बढ़ावा देने के लिए BIS विभिन्न प्रॉडक्ट सर्टिफिकेशन स्कीम्स में सर्टिफिकेशन/मिनिमम मार्किंग शुल्क पर 80 प्रतिशत रियायत प्रदान करेगा. इसके अतिरिक्त, पूर्वोत्तर में स्थित यूनिट्स को 10 प्रतिशत अतिरिक्त रियायत मिलती रहेगी.

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Edited by Ritika Singh