कपड़ों की कतरन से पेंटिंग बनाती हैं सपना, महिलाओं के विचारों को प्रदर्शित करती हैं इनकी पेंटिंग्स
आज यहाँ हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जो खूबसूरत पेंटिंग्स का निर्माण तो करती हैं लेकिन वे उसके लिए किसी भी रंग का इस्तेमाल नहीं करती हैं, बल्कि वे कपड़ों की कतरन से अपने कैनवास को सजाती हैं।
पेंटिंग के प्रति सभी की दिलचस्पी होती है और जब हम पेंटिंग के बारे में सोचते हैं तो हमारे मन में ये ख्याल आता है कि पेंटिंग का निर्माण तमाम रंगों के इस्तेमाल से किया गया होगा, लेकिन आज यहाँ हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जो खूबसूरत पेंटिंग्स का निर्माण तो करती हैं लेकिन वे उसके लिए किसी भी रंग का इस्तेमाल नहीं करती हैं, बल्कि वे कपड़ों की कतरन से अपने कैनवास को सजाती हैं।
इस अनूठे तरीके से पेंटिंग का निर्माण करने वाली सपना कर्ण बिहार के मधुबनी की रहने वाली हैं। 29 वर्षीय सपना कर्ण अपने परिवार की पहली कलाकार हैं और सपना के अनुसार उन्हें इस काम को करने की प्रेरणा अपने परिवार से ही मिलती है। सपना के अनुसार चूंकि वे मधुबनी से आती हैं और उनके क्षेत्र में बेकार और बचे हुए कपड़ों का इस्तेमाल कलाकृतियों के निर्माण में किया जाता रहा है।
दादी और माँ से मिली प्रेरणा
सपना कर्ण को कपड़े का इस्तेमाल करते हुए पेंटिंग तैयार करने की पहली प्रेरणा राजस्थान के एक दौरे से मिली, जहां उन्होंने कपड़े के छोटे टुकड़ों का इस्तेमाल एक तरह की आर्ट में होते हुए देखा। आज सपना अपनी एक पेंटिंग के निर्माण में दो से तीन महीने का समय लेती हैं। सपना द्वारा बनाए गयी सभी पेंटिंग्स पर्यावरण के अनुकूल हैं और केमिकल रंगों की अनुपस्थिति के चलते उनसे किसी भी तरह की हानि नहीं है।
एक पेशेवर विजुअल आर्टिस्ट सपना कर्ण के अनुसार उनकी दादी और उनकी माँ भी बेकार कपड़ों का इस्तेमाल डेकोरेशन की वस्तुओं के निर्माण में किया करती थीं, सपना ने इसे दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स करते हुए और ढंग से समझा। आज अपनी पेंटिंग के निर्माण के लिये जरूरी कतरन को सपना महिला टेलरों के पास जाती हैं और उनके पास से ही वे ये कतरनें इकट्ठी करती हैं।
आर्ट गैलरी में करती हैं प्रदर्शन
अपनी इन खास पेंटिंग के निर्माण के लिए सपना पेपर का भी इस्तेमाल करती हैं, जहां वे पहले उन पेपरों को ग्लू के माध्यम से चिपकाती हैं और फिर उसपर पेंसिल के माध्यम से आकृति बनाती हैं। आकृति तैयार हो जाने के बाद वे उन कतरनों को और छोटे या जरूरी हिस्सों में काटती हैं और फिर उन्हें ग्लू के माध्यम से ही उस पेंटिंग पर पेस्ट कर देती हैं।
सपना द्वारा तैयार की गई अधिकतम पेंटिंग्स में महिलाएं नज़र आती हैं और इस बारे में सपना का मानना है कि वे महिलाओं के विचारों अधिक गहराई से समझती हैं और वे उसे अधिक स्पष्टता के साथ पेंटिंग में बदल पाती हैं। सपना द्वारा बनाई गईं ये पेंटिंग्स उनसे सीधे संपर्क कर खरीदी जा सकती हैं, साथ ही वे आर्ट गैलरी में भी अपनी पेंटिंग्स का प्रदर्शन करती हैं। सपना कहती हैं कि उनके द्वारा बनाई गई पेंटिंग्स आर्ट का सस्टेनेबल रीप्रेजेंटेशन हैं, जिसे आमतौर पर समाज इग्नोर कर देता है।
Edited by रविकांत पारीक