Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

कोरोना से बचाई थी सैकड़ों ग्रामीणों की जान, इस आदिवासी महिला ने बनाई फोर्ब्स की खास सूची में जगह

फोर्ब्स इंडिया ने हाल ही में साल 2021 के लिए वुमेन पावर लिस्ट जारी की है जिसमें उड़ीसा के सुंदरगढ़ जिले की आशा वर्कर मतिल्दा को जगह मिली है।

कोरोना से बचाई थी सैकड़ों ग्रामीणों की जान, इस आदिवासी महिला ने बनाई फोर्ब्स की खास सूची में जगह

Tuesday November 30, 2021 , 3 min Read

उस दिन भी 45 वर्षीय आशा वर्कर मतिल्दा कुल्लू अपनी रोज़ की ड्यूटी में ही व्यस्त थीं और उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं थीं कि उनके नाम को प्रतिष्ठित मैगजीन फोर्ब्स ने अपनी एक खास सूची में जगह दी है। फोर्ब्स इंडिया ने हाल ही में साल 2021 के लिए वुमेन पावर लिस्ट जारी की है जिसमें उड़ीसा के सुंदरगढ़ जिले की आशा वर्कर मतिल्दा को जगह मिली है।


मतिल्दा के साथ ही इस सूची में कई अन्य नाम भी हैं, जिनमें अभिनेत्री सान्या मल्होत्रा, अमेज़न इंडिया की हेड अपर्णा पुरोहित और क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि जैसे नाम शामिल हैं। मीडिया द्वारा की जा रही चर्चा से बेखबर मतिल्दा बीते शनिवार भी अपनी ड्यूटी निभा रही थीं, जहां वे टीकाकरण और नवजात शिशुओं की घर-घर जाकर स्वास्थ्य जांच में लगी हुई थीं।

MATILDA KULLU

2005 से सुंदरगढ़ जिले के बड़गांव ब्लॉक के तहत गर्गडबहल और आसपास के गांवों के लिए एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता और परामर्शदाता की भूमिका निभाते हुए मतिल्दा कोरोना महामारी के कठिन समय के दौरान लोगों की जान बचाने के लिए लगातार सेवारत रही हैं।

लोग कर रहे हैं प्रशंसा

एक आशा कार्यकर्ता के रूप में काम करते हुए मतिल्दा ने गर्गड़बहल गांव के लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को करीब लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस स्थानीय नायक को अब उनके उल्लेखनीय काम के लिए के लिए देश ही नहीं विदेश में भी प्रशंसा मिल रही है।


फोर्ब्स इंडिया वीमेन पावर 2021 की सूची में उन्हें तीसरे स्थान पर सूचीबद्ध करते हुए फोर्ब्स ने लिखा कि कि ‘इस आशा कार्यकर्ता ने बड़ागांव तहसील में 964 लोगों की देखभाल के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है। मतिल्दा गांव की कोविड योद्धा हैं। मालूम हो कि मतिल्दा को बतौर आशा वर्कर काम करते हुए हर महीने 4,500 रुपये की तंख्वाह मिलती है, हालांकि इस कम तंख्वाह के बावजूद स्वास्थ्य क्षेत्र में उन्होंने अथाह काम किया है।

मुख्यमंत्री ने दी बधाई

मतिल्दा ने ग्रामीणों को अच्छी चिकित्सा स्वास्थ्य देखभाल के महत्व को समझने में मदद की। इन ग्रामीणों में अधिकतर आदिवासी हैं और मतिल्दा ने उन्हें अस्पतालों और डॉक्टरों से मिलने के लिए राजी करने का काम किया है। अनुसूचित जनजाति से आने वाली मतिल्दा बीमारों के लिए उचित चिकित्सा सुनिश्चित करने के अलावा, उन्होंने घर-घर जाकर जातिवाद और छुआछूत के खिलाफ से भी लड़ाई लड़ी है। 


मतिल्दा के समर्पण और उनकी इस उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने उन्हें ट्वीट कर बधाई देते हुए लिखा,

“मैं सुंदरगढ़ जिले की बड़गांव तहसील की आशा कार्यकर्ता मटिल्डा कुल्लू को फोर्ब्स इंडिया डब्ल्यू-पावर 2021 सूची में नामित होने पर बधाई देता हूं। वे हजारों समर्पित कोविड योद्धाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं जो कीमती जीवन को बचाने के लिए सबसे आगे खड़े हैं।”


अपने काम को लेकर की कठिनाई के बारे में मीडिया से बात करते हुए मतिल्दा ने कहा कि उन्हें शुरुआत में यह काम कठिन लग रहा था, हालांकि अब चीजें बहुत बेहतर हैं। लोग अधिक समझदार और कम अंधविश्वासी हुए हैं। पुरानी पीढ़ी अभी भी छुआछूत के बुरे चलन का पालन करती है लेकिन इससे उन्हें अब कोई फर्क नहीं पड़ता है।


Edited by रविकांत पारीक