SBI की नॉन होम ब्रांच से बचत खाते में कितना कैश हो सकता है डिपॉजिट? विदड्रॉअल के लिए क्या है लिमिट
SBI के सारे बचत खातों में नॉन-होम ब्रांच के जरिए अनलिमिटेड कैश जमा नहीं किया जा सकता है.
किसी ग्राहक के लिए उसके बैंक की होम ब्रांच वह शाखा होती है, जहां उसने अपना खाता खुलवाया. उस ब्रांच को छोड़कर बैंक की अन्य सभी ब्रांच, ग्राहक के लिए नॉन-होम ब्रांच होती हैं. बैंक से जुड़ी ऐसे कई काम हैं, जो ग्राहक केवल अपनी होम ब्रांच में जाकर ही कर सकते हैं, नॉन होम ब्रांच से नहीं. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के ग्राहक अपने व्यक्तिगत बचत खाते (Personal Savings Account) में अनलिमिटेड कैश जमा कर सकते हैं. SBI ग्राहक ऐसा केवल होम ब्रांच से ही नहीं बल्कि नॉन-होम ब्रांच से भी कर सकते हैं.
SBI बचत खाते में पर्सनल सेगमेंट ग्राहक, नॉन होम ब्रांच से भी अनलिमिटेड कैश जमा कर तो सकता है लेकिन इसके लिए उसे एक शर्त पूरी करनी होगी. शर्त यह है कि ग्राहक का PAN यानी परमानेंट अकाउंट नंबर उसके बचत खाते के साथ लिंक/फीड होना चाहिए. अगर ऐसा नहीं है तो फिर ग्राहक अपने SBI बचत खाते में नॉन होम ब्रांच से अनलिमिटेड कैश जमा नहीं कर सकेगा.
इन बचत खातों में जमा नहीं होगा अनलिमिटेड कैश
ध्यान रहे कि SBI के सारे बचत खातों में नॉन-होम ब्रांच के जरिए अनलिमिटेड कैश जमा नहीं किया जा सकता है. कुछ बचत खाते ऐसे भी हैं, जिनमें कैश जमा करने को लेकर लिमिट लागू है. State Bank of India ने एग्री और SME अकाउंट के मामले में नॉन-होम ब्रांच के माध्यम से कैश डिपॉजिट को लेकर मैक्सिमम लिमिट को अभी भी लागू किया हुआ है. भारतीय स्टेट बैंक में एग्री और SME सेगमेंट बचत खाते के लिए नॉन-होम ब्रांच में कैश डिपॉजिट लिमिट 2 लाख रुपये प्रतिदिन लागू है. हालांकि नॉन-होम ब्रांच के ब्रांच मैनेजर के पास अधिकार रहता है कि वह चाहे तो इस लिमिट से ज्यादा कैश स्वीकार कर सकता है.
SBI बचत खाते पर कितना ब्याज
हाल ही में कर्ज दरों को 0.50% तक बढ़ाया
State Bank of India ने 15 अगस्त 2022 को विभिन्न बेंचमार्क लेंडिंग रेट्स में 0.50 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की. बैंक ने EBLR, RLLR और MCLR (Marginal Cost of Fund Based Lending Rates) में इजाफा किया है, लिहाजा इन बेंचमार्क रेट्स पर बेस्ड लोन लिए हुए ग्राहकों की EMI बढ़ जाएगी. रिवाइज्ड रेट 15 अगस्त 2022 से प्रभावी हैं. EBLR और RLLR की बढ़ोतरी SBI ने एक्सटर्नल बेंचमार्क बेस्ड लेंडिंग रेट (EBLR) और रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि की है. वहीं MCLR में सभी अवधि के लिए 0.20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है. इस बारे में डिटेल में पढ़ें....