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शेयर बाजार के गलत इस्तेमाल और धोखाधड़ी पर लगेगी लगाम, ब्रोकर्स पर बड़ी जिम्मेदारी डालने की तैयारी में SEBI

SEBI ने धोखाधड़ी या बाजार के दुरुपयोग के संभावित उदाहरणों को भी सूचीबद्ध किया है, जिस पर नजर रखने के लिए ब्रोकर के सिस्टम को सक्षम होना चाहिए.

शेयर बाजार के गलत इस्तेमाल और धोखाधड़ी पर लगेगी लगाम, ब्रोकर्स पर बड़ी जिम्मेदारी डालने की तैयारी में SEBI

Wednesday February 08, 2023 , 4 min Read

बाजार नियामक SEBI (Securities and Exchange Board of India) कीमतों में हेर-फेर, इनसाइडर ट्रेडिंग, फ्रंट-रनिंग और स्पूफिंग जैसी धोखाधड़ी वाली प्रैक्टिसेज की पहचान और निगरानी के लिए स्टॉक ब्रोकर्स पर जिम्मेदारी डालने की योजना बना रहा है. इसके लिए सेबी ने एक इंस्टीट्यूशनल मैकेनिज्म का प्रस्ताव रखा है. वर्तमान में, कोई विशिष्ट रेगुलेटरी प्रावधान नहीं हैं, जो बाजार के दुरुपयोग को रोकने के लिए एक सिस्टम रखने की जिम्मेदारी ब्रोकर्स पर डालते हैं. लेकिन सेबी के नए प्रस्तावित मैकेनिज्म के लिए स्टॉक ब्रोकर्स को बाजार के दुरुपयोग का पता लगाने और उसकी रोकथाम के लिए सिस्टम लगाने की आवश्यकता होगी.

एक कंसल्टेशन पेपर में सेबी ने एक नियामकीय फ्रेमवर्क का प्रस्ताव दिया है, जिसके लिए ब्रोकिंग फर्म्स के साथ-साथ उनके वरिष्ठ प्रबंधन को मजबूत निगरानी और नियंत्रण प्रणाली स्थापित करके धोखाधड़ी या बाजार के दुरुपयोग की पहचान और रोकथाम के लिए जवाबदेह होना होगा. इसके अलावा, नियामक ने सुझाव दिया है कि ब्रोकर्स के पास उचित एस्केलेशन और रिपोर्टिंग सिस्टम्स होने चाहिए. सेबी ने धोखाधड़ी या बाजार के दुरुपयोग के संभावित उदाहरणों को भी सूचीबद्ध किया है, जिस पर नजर रखने के लिए ब्रोकर के सिस्टम को सक्षम होना चाहिए. संभावित उदाहरणों में गुमराह करने वाली ट्रेडिंग का क्रिएशन, प्राइस मैनिपुलेशन, फ्रंट रनिंग, इनसाइडर ट्रेडिंग और मिस-सेलिंग शामिल किए जा सकते हैं.

पारदर्शिता बिगाड़ती है धोखाधड़ी

अनऑथराइज्ड ट्रेडिंग, जिसमें 'म्यूल' खाते शामिल हैं, भी संभावित उदाहरण हो सकती है. 'म्यूल' वह खाता है, जो अनऑथराइज्ड ट्रेडिंग, पंप व डंप, स्पूफिंग, अनुपातहीन ट्रेडिंग एक्टिविटी के साथ-साथ रिपोर्ट की गई आय और ग्राहकों द्वारा सबमिट केवाईसी में लगातार बदलाव के लिए फ्रंट के रूप में कार्य करता है.

सेबी ने कहा है, "धोखाधड़ी या बाजार के दुरुपयोग की घटनाएं पारदर्शिता को बिगाड़ती हैं, बाजार की इंटीग्रिटी को खतरे में डालती हैं और पूंजी बाजार में निवेशकों के विश्वास को कमजोर करती हैं. इसलिए, ब्रोकर्स के लिए एक इंस्टीट्यूशनल मैकेनिज्म की आवश्यकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि धोखाधड़ी या बाजार के दुरुपयोग का पता लगाने और इसकी रोकथाम के लिए सिस्टम मौजूद हैं." भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने प्रस्तावों पर 23 फरवरी तक राय मांगी है.

CEO, MD को भी रखना चाहिए ध्यान

सेबी ने सुझाव दिया है कि सीईओ, एमडी, अनुपालन अधिकारी, प्रमुख प्रबंधन कर्मियों और ब्रोकरेज हाउस के निदेशकों को अपने ग्राहकों, प्रमोटर्स, कर्मचारियों और अधिकृत व्यक्तियों द्वारा धोखाधड़ी या बाजार के दुरुपयोग को रोकने के लिए निगरानी प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होना चाहिए. सेबी ने कहा है कि उपयुक्त निगरानी और आंतरिक नियंत्रण प्रणाली को लागू करने में गैर-अनुपालन और लापरवाही के लिए उन्हें जवाबदेह ठहराया जाएगा. साथ ही, संभावित धोखाधड़ी का पता लगाने के लिए ब्रोकरेज हाउस को मजबूत व्यापार निगरानी प्रणाली और आंतरिक नियंत्रण प्रक्रियाओं को स्थापित करना चाहिए, जो व्यवसाय की प्रकृति और इसके संचालन के आकार के अनुकूल हों.

इसके अलावा स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर्स (SOPs) को स्पष्ट रूप से व्यापार निगरानी नीतियों व प्रक्रियाओं, भूमिकाओं और जिम्मेदारियों और की जाने वाली सुधारात्मक कार्रवाई पर दिशानिर्देशों का डॉक्युमेंटेशन करना चाहिए. बोर्ड को बाजार के विकास और रेगुलेटरी परिवर्तनों के साथ तालमेल रखने के लिए, मूल रूप से वर्ष में एक बार नियमित आधार पर प्रणालियों, प्रक्रियाओं और नियंत्रण प्रक्रियाओं की समीक्षा और उन्हें अपडेट करना चाहिए.

एस्केलेशन और रिपोर्टिंग मैकेनिज्म्स के संबंध में सेबी ने प्रस्तावित किया कि ब्रोकर्स को अच्छी तरह से परिभाषित प्रक्रियाओं को स्थापित करना चाहिए, जो संभावित धोखाधड़ी या संदिग्ध व्यापारिक गतिविधियों का पता लगाने के लिए आगे बढ़ने की आवश्यकता है. संभावित धोखाधड़ी या संदिग्ध व्यापारिक गतिविधियों के किसी भी उदाहरण के बारे में स्वतंत्र वरिष्ठ प्रबंधन को सूचित करने के लिए एस्केलेशन प्रक्रियाओं को उचित रूप से डॉक्युमेंटेड और कार्यान्वित किया जाना चाहिए.

संदिग्ध गतिविधियों को तुरंत किया जाए सूचित

यदि ब्रोकर संदिग्ध व्यापारिक गतिविधियों या चिंता के व्यापारिक पैटर्न का पता लगाता है, तो ऐसे निष्कर्षों को तुरंत स्टॉक एक्सचेंजेस को सूचित किया जाना चाहिए. साथ ही, स्टॉक एक्सचेंजेस को अर्ध-वार्षिक आधार पर संदिग्ध धोखाधड़ी या बाजार के दुरुपयोग के मामलों पर एक सारांश विश्लेषण और की गई कार्रवाई की रिपोर्ट सबमिट करनी चाहिए. इसके अलावा, ब्रोकर्स को एक अच्छी तरह से डॉक्युमेंटेड पॉलिसी के साथ सामने आना चाहिए जो व्हिसल ब्लोइंग चैनलों की उपलब्धता; संदिग्ध धोखाधड़ी, अनुचित या अनैतिक प्रैक्टिसेज, नियामकीय या कानूनी आवश्यकताओं के उल्लंघन और गवर्नेंस की कमजोरियों के बारे में चिंताओं को उठाने के लिए प्रक्रियाओं को निर्धारित करती हो.


Edited by Ritika Singh