बच्चों के खिलाफ यौन उत्पीड़न करने वालों को होगी फांसी, संसद में पास हुआ पॉक्सो संशोधन विधेयक
"लोकसभा में महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट (पॉक्सो) संशोधन विधेयक 2019 काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस बिल में चाइल्ड पार्नोग्राफी को परिभाषित किया गया है और यह इसे दंडनीय बनाता है।"
लोकसभा में गुरुवार को बच्चों के यौन उत्पीड़न से संबंधी (संशोधन) विधेयक पारित हो गया। इस बिल के मुताबिक बच्चों का यौन शोषण करने वाले अपराधियों को मौत की सजा का प्रावधान होगा। इस बिल को लोकसभा में महिला एवं बाल कल्याण मंत्री स्मृति ईरानी ने पेश किया था। लोकसभा में महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट (पॉक्सो) संशोधन विधेयक 2019 काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस बिल में चाइल्ड पार्नोग्राफी को परिभाषित किया गया है और यह इसे दंडनीय बनाता है।
उन्होंने ये भी कहा कि नया कानून पहले से ज्यादा मजबूत है। इसमें बच्चों के साथ यौन अपराधों में मिलने वाली न्यूनतम सजा को बढ़ाया गया है। इसके साथ ही यौन शोषण की परिभाषा में बदलाव किया गया है। पॉक्सो संशोधन बिल में सरकार ने कुछ जरूरी बदलाव करके एक नया बिल संसद में पेश किया गया था। स्मृति ईरानी द्वारा पेश किए गए बिल को सभी दलों का समर्थन मिला और इसे ध्वनि मत से पारित किया गया। हालांकि लोकसभा में चर्चा के दौरान विपक्षी दलों के कुछ सासंदों ने इसमें मृत्युदंड के प्रावधान पर पुनर्विचार करने की भी मांग की थी और कहा कि इसे संसदीय समिति को भेजा जाना चाहिए।
गौरतलब है कि इस विधेयक को राज्यसभा ने पिछले सप्ताह ही पारित कर दिया था और अब, इसे लोकसभा में भी मंजूरी मिल गई है। अब इसे कनून के रूप में लागू करने के लिए राष्ट्रपति के पास उनके हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा। यह विधेयक चाइल्ड पोर्नोग्राफी को भी परिभाषित करता है ताकि ऐसे बुरे अपराधों में लिप्त यौन शिकारियों को दंडित किया जा सके।
संसद में बिल पर चर्चा के दौरान स्मृति ईरानी ने इस बात पर भी अफसोस जताया कि लगभग 5,000 लोगों ने एक चाइल्ड पोर्नोग्राफी साइट को विजिट किया जिसे केवल एक व्यक्ति द्वारा संचालित किया गया था।
ईरानी ने कहा,
“यह समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय है। इस साइट में एक नाबालिग लड़की का बलात्कार भी दिखाया गया था। बच्चों को यौन रूप से सक्रिय बनाने के लिए उन्हें ड्रग्स और हार्मोन दिए गए, उन्होंने कहा, कानून का उद्देश्य ऐसे अपराधियों को कड़ी सजा देना है।"
बिल पर चर्चा के जवाब में स्मृति ईरानी ने कहा कि देश में 43 करोड़ बच्चे हैं। ये भारत की आबादी का 39% हैं। यह बिल इन बच्चों को कानूनी संरक्षण देता है। हमें भारत के भविष्य को बचाना है। चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर भी दोषी को सजा होगी। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि सीबीएसई बच्चों को अच्छे और बुरे स्पर्श (चट) के बारे में जागरूक करने के लिए देश भर के स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित करेगा। और इन जागरूकता कार्यक्रमों के लिए 40,000 से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
ये हैं इस विधेयक की खास बातें
- इस विधेयक के तहत दुष्कर्म करने पर न्यूनतम सजा 7 साल से बढ़ाकर 10 साल कर दी गई है।
- यदि पीड़ित 16 साल या उससे कम उम्र का हो जिसमें लड़का और लड़की दोनों शामिल हैं तो कम से कम 20 साल और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा होगी।
- रेप के दौरान यदि बच्चे की मौत हो जाती है, प्राकृतिक आपदा के दौरान बच्चे से रेप होता है या फिर दंगे या हिंसा के दौरान बच्चे से रेप होता है, तो ऐसे में न्यूनतम सजा को 10 साल से बढ़ाकर 20 साल कर दिया गया है। अधिकतम फांसी की सजा हो सकती है।