एक IAS के बेटे को IAS क्यों बनाना चाहते हैं SK Sir?
'Sk Sir ki Class' अनऑफिशियली एस्पायरेंट का सिक्वल है. यह यूट्यूब पर टीवीएफ के पेज पर उपलब्ध है. इसके अभी तक दो एपिसोड आ चुके हैं. यह यूट्यूब पर ट्रेंड कर रहा है. अभी तक इसके दो एपिसोड को 1 करोड़ से अधिक लोग देख चुके हैं.
एस्पायरेंट की जबरदस्त सफलता के बाद एक बार फिर से आईएएस (IAS) की तैयारी पर फोकस करते हुए The Viral Fever (TVF) एक नई वेब सीरीज ‘SK Sir Ki Class’ लेकर आया है. इस बार टीवीएफ ने आईएएस की तैयारी के लिए अनिच्छुक युवा को प्रोत्साहित करने की कोशिश की है.
वहीं, एक बार फिर से एसके सर (SK Sir) ने अपना पूरा फोकस Patience, perseverance और dedication पर रखा है. वह उस युवा को एक अनोखे तरह से आईएएस की तैयारी के लिए गंभीर होने के लिए प्रेरित करते हैं.
'Sk Sir ki Class' अनऑफिशियली एस्पायरेंट का सिक्वल है. यह यूट्यूब पर टीवीएफ के पेज पर उपलब्ध है. इसके अभी तक दो एपिसोड आ चुके हैं. यह यूट्यूब पर ट्रेंड कर रहा है. अभी तक इसके दो एपिसोड को 1 करोड़ से अधिक लोग देख चुके हैं.
पिछले हफ्ते रिलीज हुई इस वेब सीरीज में एक आईएएस अधिकारी का बेटा आशीष पहले तो अपने पिता के दबाव में आईएएस की तैयारी करता है और असफल रहता है.
इसके बाद कोडिंग में दिलचस्पी होने के कारण वह उसी फील्ड में पढ़ाई करके अपना करियर बनाता है. हालांकि, बहुत ही जल्द वह उससे भी बोर हो जाता है और कंपनी से इस्तीफा देकर घर बैठ जाता है. इस बार उसके पिता एक बार फिर से दबाव डालकर उसे आईएएस की तैयारी करने के लिए दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में स्थित एसके सर की क्लास में भेज देते हैं.
अब यहां आशीष एसके सर की कोचिंग में पढ़ने आता है. एसके सर और आशीष के पिता एक-दूसरे को जानते हैं और इसीलिए उन्होंने आशीष को वहां भेजा है. आशीष की अनिच्छा को देखते हुए एसके सर बेहद ही अलग तरीके से उसे आईएएस की तैयारी के प्रति गंभीर बनाने की कोशिश करते हैं.
हालांकि, यहां एक बड़ा सवाल यह भी पैदा होता है कि आईएएस, अक्सर अपने बच्चों को आईएएस बनाने के लिए ही क्यों बेचैन रहते हैं. हमारे सामने ऐसे अनेक उदाहरण हैं, जिसमें एक ही परिवार की कई पीढ़ियां केवल आईएएस-पीसीएस बनते रहे हैं.
इसका जवाब जब हम तलाशने की कोशिश करते हैं तो हमें पता चलता है कि यह केवल एक सरकारी नौकरी और देश सेवा का मामला नहीं होता है.
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के सिविल सेवा परीक्षा को देश की ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है. UPSC की परीक्षा क्रैक करके आईएएस बनना ऐसी उपलब्धि है जो भारत में किसी के प्रतिभाशाली होने का प्रमाण मानी जाती है. उसके साथ ताक़त और रुतबे की बात भी हमेशा से जोड़ कर देखी जाती है.
आम सोच कुछ ऐसी है कि एक बार आईएएस बन गये तो फिर आपको कुछ भी साबित करने की ज़रूरत नहीं. कोई आपका मूल्यांकन नहीं करता, आप ही सबसे काम करवाते हो.
यही कारण है कि आज भी देशभर में आईएएस जैसे पद का क्रेज कम नहीं हुआ है, बल्कि समय के साथ यह बढ़ता जा रहा है. पिछले 20 सालों में तेजी से ह्यूमनिटीज और सोशल साइंसेज जैसे सब्जेक्ट वाले प्रतियोगी छात्रों का सेलेक्शन कम हुआ है और इंजीनियरिंग और एमबीए बैकग्राउंड वाले प्रतियोगी छात्रों का सेलेक्शन बढ़ा है.
इस वेब सीरीज में भी एक इंजीनियरिंग बैकग्राउंड वाले ऐसे प्रतियोगी छात्र को उसके आईएएस पिता, आईएएस बनाना चाहते हैं जो कि इस फील्ड में बिल्कुल भी रूचि नहीं रखता है. आखिर उसे यह खुद तय नहीं करना चाहिए कि उसके क्या बनना है? ऐसे में यह सवाल भी तो जरूर ही उठता है कि SK Sir, एक IAS के बेटे को IAS क्यूँ बनाना चाहते हैं?
Edited by Vishal Jaiswal